- December 27, 2022
जेआरडी स्कूल के शिक्षक और स्टाफ ने प्राचार्य की शिकायत वोरा से की
ट्राई सिटी एक्सप्रेस। न्यूज
दुर्ग । शासकीय बहुद्देशीय उच्चतर माध्यमिक शाला के शिक्षक व स्टाफ ने स्कूल की प्राचार्य के विरूद्ध मनमानी व दुर्व्यवहार करने के साथ मानसिक रूप से प्रताड़ित करने की शिकायत की है। प्राचार्य के रवैय्ये से स्कूल के कर्मचारी भारी तनाव में है। इससे उनके अध्यापन व स्वास्थ्य पर विपरीत असर पड़ रहा है। परिणाम स्वरूप परीक्षा परिणाम पर प्रतिकूल असर पड़ने की संभावना है।
उल्लेखनीय है कि शासकीय बहुद्देशीय उच्चतर माध्यमिक शाला (जेआरडी) की अंचल में एक अलग साख कायम है। इस स्कूल से पढ़कर निकले ऐसे लोग हैं जो महत्वपूर्ण पदों पर अपनी सेवाएं दे रहे हैं। इस स्कूल में इससे पहले मनमानी, दुर्व्यवहार व मानसिक रूप से प्रताड़ित करने की शिकायत कभी सामने नहीं आई थी लेकिन जब नायर मैडम ने प्राचार्य के रूप में पदभार संभाला है तब से स्कूल की व्यवस्था बुरी तरह प्रभावित हुई है।
साल में दो बार बदलती है स्टाफ पंजी
शिकायत के अनुसार स्कूल की प्राचार्य साल में दो बार स्टाफ उपस्थिति की पंजी को बदल चुकी है। यह समझ से परे है। प्रथम कालखंड में स्टाफ कर्मचारियों का स्टाफ पंजी में हस्ताक्षर करवाने की बजाय अंतिम कालखंड में शिक्षकों को बुलाकर हस्ताक्षर करवाया जा रहा है। यही नहीं शासन द्वारा शाला लगाने के समय के नियम को ताक में रखकर वर्तमान में समय पूर्वान्ह 10.15 से अपरान्ह 4.30 तक कर दिया गया है। जबकि पूर्व माध्यमिक व हायर सेकंडरी की शाला की कक्षाएं दो पालियों में लगनी चाहिए। शाला के विभिन्न शिक्षक व व्याख्याताओं को कोई विशेष कारण न होते हुए भी अनावश्यक स्पष्टीकरण जारी किया गया है।
गला दबा दूंगी, वेतन रोक दूंगी की धमकी
शिकायत में कहा गया है कि प्राचार्य द्वारा जब कभी भी मीटिंग ली जाती है तब वह अपनी गरिमा के अनुरूप शब्दों का इस्तेमाल नहीं करती। बल्कि ऊंची ऊंची आवाज में दबाव पूर्वक शब्दों का प्रयोग किया जाता है और लगा दबा दूंगी, स्पष्टीकरण दूंगी, वेतन रोक दूंगी, सबकी फाइल बना रही हूं। इस तरह की धमकी दी जाती है। कर्मचारी जब अत्यावश्यक निजी कार्य के लिए अवकाश की माग करते हैं तो उनकी अर्जी अस्वीकार कर दी जाती है। कुछ मनचाहे शिक्षक शिक्षिकाओं के प्रति प्राचार्य का रवैय्या उदार है। उन्हें सरलता से अवकाश मिल जाता है। शालेय अध्यापन की समय सारिणी प्राचार्य बार-बार बदलती है। कुछ खास शिक्षकों को कम व अन्य को ज्यादा कालखंड दिए जाते हैं। प्राचार्य कक्षा में जाकर विद्यार्थियों के बीच में शिक्षकों को अपमानित करती है।
प्रयोगशाला सहायक को बनाया एनसीसी प्रभारी
एनसीसी के नियमानुसार जो शिक्षक नियमित रूप से कक्षाओं में अध्यापन कराते हैं उन्हें ही एनसीसी का प्रभारी बनाया जाता है लेकिन प्राचार्य द्वारा नियम विरूद्ध
तरीके से प्रयोग शाला सहायक तोपसिंह सोनवानी को एनसीसी का प्रभारी बना दिया गया है। अरविंद मिश्रा नामक व्याख्याता के तीन माह तक अवकाश में रहने के बावजूद उनका वेतन नहीं काटा गया है। हिन्दी विषय का व्याख्याता होने के बावजूद 11 वीं की कक्षा में व्यवसायिक शिक्षक के द्वारा अध्यापन कार्य कराया जा रहा है। विषय विशेषज्ञ व्याख्याता के रहने के बाद भी अन्य विषय के शिक्षकों से अध्यापन कार्य कराया जा रहा है।
पीड़ितों ने विधायक से लगाई गुहार
प्राचार्य की मनमनी, दुर्व्यवहार तथा मानसिक प्रताड़ना से पीड़ित शिक्षक
शिक्षिकाओं व कर्मचारियों वर्षा फे्रंकलिन, कल्पना यादव शुक्ला, डकेबी टाक, आर एस राजपूत, रश्मि साहू, अंजली बोस, सोमनाथ साहू, सुशील देवांगन, राजेश कुमार, गरिमा बंजारे, तोपसिंह ने छत्तीसगढ़ वेयर हाउस कार्पोरेशन के चेयरमैन व वरिष्ठ विधायक अरूण वोरा के पास जाकर अपनी समस्याओं से अवगत कराकर गुहार लगाई है। विधायक श्री वोरा ने जिलाधीश व जिला शिक्षा अधिकारी से चर्चा कर इसका निराकरण करने व उचित कार्यवही के निर्देश दिए हैं।
विद्यालय के सिलेंडर से खास लोगों के लिए बनता है भोजन
विद्यालय के प्रयोगशाला के लिए एक गैस सिलेंडर लिया गया है लेकिन इसका उपयोग प्रतिदिन खास लोगों के लिए खाना बनाने किया जा रहा है। जब कर्मचारी अपनी किसी निजी बात को लेकर प्राचार्य के पास जाते हैं तो चुनिन्दा शिक्षक शिक्षिकाएं राजकुमार दुबे, अरविंद मिश्रा, श्रीमती नूरजहां, श्रीमती अनिता अरोरा, संतोष जोशी, अनिल गौतम आलोचना करते हुए उपहास उड़ाना शुरू कर देते हैं। इन शिक्षकों से प्राचार्य बहुत कम अध्यापन का कार्य लेती है। अध्यापन कक्ष की कमी के बावजूद प्राचार्य ने एक कक्ष को भोजन कक्ष बना दिया है। शिकायत में कहा गया है कि प्राचार्य इससे पदस्थ पूर्व शालाओं में भी विवादित रही है। इसके कारण उनका अन्य जिले में स्थानांतरण कर दिया गया था लेकिन जिले की समन्वयक संस्था में प्राचार्य के रूप में पदस्थापना से कई सवावल खेड़े हो रहे है।