• December 29, 2022

केंद्र व राज्य के बीच खींचतान से कर्मचारियों की पेंशन पर संकट, नियमों को खंगाला जा रहा

केंद्र व राज्य के बीच खींचतान से कर्मचारियों की पेंशन पर संकट, नियमों को खंगाला जा रहा

ट्राई सिटी एक्सप्रेस। न्यूज

केंद्र और राज्य सरकार के बीच चल रही खींचतान के बीच कर्मचारियों की पेंशन पर संकट आ खड़ा हुआ है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने वित्त विभाग के अधिकारियों को कहा है कि वे कर्मचारी संगठन से बात कर इसका रास्ता निकालें। गौरतलब है कि नई पेंशन योजना के तहत कर्मचारियों और राज्य सरकार के अंशदान की राशि केंद्र सरकार के पास जमा है। कर्मचारियों के पेंशन भुगतान के लिए राज्य सरकार को इसकी जरूरत पड़ेगी, लेकिन केंद्र सरकार बार-बार कह रही है कि यह रकम लौटाने की कोई व्यवस्था ही नहीं है। बीते सप्ताह संसद में भी यह मुद्दा उठने पर केंद्र सरकार अपना यही जवाब दोहरा चुकी है। इधर मुख्यमंत्री बघेल ने अधिकारियों को कहा है कि कर्मचारी संगठन के साथ बैठक करें और इसका क्या रास्ता निकल सकता है उस पर विचार-विमर्श करें। उसके बाद हम लोगों तक आए ताकि हम कर्मचारियों को पुरानी पेंशन योजना लागू किये हैं उसका हल निकल सके।

तो बढ़ जाएगी कर्मचारियों की दिक्कत

छग कर्मचारी-अधिकारी फेडरेशन के संयोजक कमल वर्मा के अनुसार, इस साल दिसम्बर अंत तक 4200 कर्मचारी-अधिकारी रिटायर होने वाले हैं। ये नवीन पेंशन योजना वाले हैं। इनके अंशदान की राशि केंद्र सरकार के पास जमा है। अगर वह पैसा नहीं मिला तो इन कर्मचारियों की पेंशन नहीं बन पाएगी। ऐसे में सरकार को नये बजट प्रावधानों में पेंशन के लिए अलग व्यवस्था करनी होगी। और यदि ऐसा नहीं हुआ तो कर्मचारियों की दिक्कत बढ़ जाएगी।

नियमों को खंगाला जा रहा, शायद रास्ता निकले

सूत्रों के अनुसार, सरकार की कोशिश कर्मचारी संगठन से बात कर एक नई रणनीति पर सहमति बनाने की होगी। इसके तहत सरकार को सलाह मिली है कि नई पेंशन योजना के तहत सरकार का करार कर्मचारी से है। ऐसे में कर्मचारी अपने अंशदान खाते में जमा रकम निकाल सकते हैं। अगर कर्मचारी यह रकम निकालकर राज्य सरकार के खुलवाएं पेंशन खाते में जमा कर दें तो चीजें आसान हो जाएंगी। ऐसा करने को केंद्र सरकार नहीं रोक पाएगी।

इस मामले पर छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा, “यह पैसा विशुद्ध रूप से राज्य के कर्मचारियों का है। उसमें राज्य का अंशदान है। भारत सरकार का इसमें एक पैसा भी नहीं है। इसके लिए हम लगातार मांग कर रहे हैं और केंद्र सरकार का इसमें नकारात्मक रवैया है। फिर भी इसका हल निकालने की कोशिश कर रहे हैं। हम पुरानी पेंशन योजना के लिए प्रतिबद्ध हैं।”


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