• December 29, 2022

कामधेनु यूनिवर्सिटी में किसी एक व्यक्ति विशेष को लाभ पहुंचाने नियम विरुद्ध सहायक अभियंता का पद सृजन किया जा रहा, मुख्यमंत्री से शिकायत, तत्काल रोकी जाए प्रक्रिया

कामधेनु यूनिवर्सिटी में किसी एक व्यक्ति विशेष को लाभ पहुंचाने नियम विरुद्ध सहायक अभियंता का पद सृजन किया जा रहा, मुख्यमंत्री से शिकायत, तत्काल रोकी जाए प्रक्रिया

ट्राई सिटी एक्सप्रेस। न्यूज

 

दाऊ वासुदेव चंद्राकर के नाम पर संचालित कामधेनु विश्वविद्यालय अंजोरा दुर्ग एक बार फिर गड़बड़ी की तैयारी में है। इस बार किसी एक व्यक्ति विशेष को फायदा पहुंचाने सीधे एक सहायक अभियंता का पद सृजन किया जा रहा है। जबकि फिलहाल में इसकी न ही जरूरत है और न ही ऐसा कोई नियम है। नियम और कायदों को ताक पर रखकर ऐसा किए जाने की तैयारी है।  मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से इस पूरे मामले की शिकायत की गई है। साथ ही तत्काल इस पर रोक लगाने की मांग की है। शिकायत में कहा गया है कि यूनिवर्सिटी के अधीन संचालित कार्यपालन अभियंता कार्यालय मेंसहायक अभियंता ( सिविल ) 01 पद सृजित करने हेतु कार्यपरिषद को गुमराह कर प्रस्ताव पारित किया गया है।

बैठक में निर्णय से लेकर अन्य दस्तावेज प्रस्तुत किए
शिकायत के साथ अन्य दस्तावेज भी प्रस्तुत किए गए हैं। इसमें दाऊ श्री वासुदेव चंद्राकर कामधेनु विश्वविद्यालय दुर्ग की कार्यपरिषद के 22 वी बैठक दिनांक 18 /10 /2022
की एजेंडा प्रस्ताव क्रमांक 13 ( पृष्ठ क्रमांक 221 – 225 ) एवं कुलसचिव कार्यालय का पत्र क्रमांक 1614-1615
दिनाक 19/11/2022 ( कार्यपरिषद की 22 वी बैठक की कार्यवाही विवरण )। प्रशासनिक परिषद् की 16 बैठक की कार्यवाही विवरण क्रमांक 101 दुर्ग दिनांक 16 /04 /2022।  कार्यालय कार्यपालन अभियंता दाऊ श्री वासुदेव चंद्राकर कामधेनु विश्वविद्यालय दुर्ग के पत्र क्रमांक 899
दिनांक 21 /03 / 2022 | छत्तीसगढ़ शासन पशुधन विकास विभाग मंत्रालय , रायपुर का पत्र क्रमांक 808 /एफ 8 -14 /35 /11 /का विवि /2013 रायपुर दिनांक 24 अगस्त 2013 ( अतिरिक्त सेटअप )| छत्तीसगढ़ शासन पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग का आदेश क्रमांक 2098 /3085 /22 /वि -3 /ग्रा या से
/2012 रायपुर दिनांक 12 /04 /2012 ( सेटअप आदेश )| कार्यपालन अभियंता कार्यालय का मासिक प्रगति परिपत्र से जुड़े दस्तावेज उपलब्ध कराए गए हैं।

यूनिवर्सिटी में निर्धारित पद और सेटअप

राज्य शासन द्वारा कामधेनु विश्वविद्यालय की स्थापना पश्चात अतिरिक्त पदसंरचना हेतु राज्य के तकनिकी विभागों में प्रचलित नियमो ( सेटअप )के अनुसार विश्वविद्यालय में तकनिकी अधिकारीयों की पदस्थापना के रूप में निम्नानुसार पद सृजन किया गया है |उक्त आदेश के तहत विश्वविद्यालय अंतर्गत अधीक्षण अभियंता कार्यालय का निर्माण कर , कार्यालय में निम्नानुसार तकनिकी पद संरचना सृजित किया गया है। इसमें कार्यपालन अभियंता – 01 पद, सहायक अभियंता – 01 पद, उपयंत्री ( सिविल ) – 01 पद, उपयंत्री ( इलेक्ट्रिकल ) – 01 पद, टाइम कीपर – 01 पद तय है। वर्तमान में कार्यपालन अभियंता का पद , उपअभियंता ( सिविल ) का पद एवं टाइम कीपर का पद रिक्त है। विश्वविद्यालय अंतर्गत यह समस्त पद शासन द्वारा पद संरचना स्वीकृति के पश्चात आज दिनांक तक रिक्त है। इसके अतिरिक्त उपयंत्री ( इलेक्ट्रिकल ) का संलग्नीकरण डेयरी कॉलेज रायपुर में है।

यूनिवर्सिटी गठन के बाद से ही गड़बड़ी

जानकारी के मुताबिक कार्यपालन अभियंता द्वारा संदर्भित पत्र क्रमांक 03 के द्वारा कुलसचिव महोदय को एक सहायक अभियंता का अतिरिक्त पद स्वीकृत करने हेतु लेख किया गया है। वह पूर्णतः दिग्भ्रमित करने एवं किसी व्यक्ति विशेष को लाभ पहुंचने हेतु किया गया है। राज्य शासन के द्वारा अपने आदेश क्रमांक 2907/बी -4/2/2006/14-2 रायपुर दिनांक 14/07/2006 के द्वारा पशुचिकित्सा एवं पशु पालन महाविद्यालय अंजोरा दुर्ग में एक उपअभियंता ( सिविल ) का पद स्वीकृत किया जाकर उक्त पद के विरुद्ध एक उपअभियंता ( सिविल ) की नियुक्ति की जा चुकी है, जो पशुचिकित्सा एवं पशु पालन महाविद्यालय अंजोरा दुर्ग के अंतर्गत समस्त कार्यों के साथ साथ अतिरिक्त रूप से कार्यालय कार्यपालन अभियंता अंतर्गत अंजोरा के निर्माण एवं मरम्मत कार्य सम्पादित कर रहा है। इसी प्रकार छत्तीसगढ़ शासन पशुधन विकास विभाग मंत्रालय , रायपुर के आदेश क्रमांक 809 /एफ 8-14/35 /11/का वि वि /2013 रायपुर दिनांक 24 अगस्त 2013 के द्वारा एक उपअभियंता ( सिविल ) ( नवीन पशु चिकित्सा एवं पशु पालन महाविद्यालय बिलासपुर के पद कोटे से ) का पद स्वीकृत किया जा कर उस पद के विरुद्ध संविदा नियुक्ति की गयी है। इस प्रकार कार्यपालन अभियंता के अधीन एक सहायक अभियंता ( सिविल ) , 02 उपअभियंता ( सिविल ) , 01 उप अभियंता ( विधुत ) कार्यरत है ।

नियमों को गलत तरीके से पेश किया जा रहा

कार्यपालन अभियंता द्वारा उपलब्ध तकनिकी अधिकारीयों का तकनिकी कार्य में सेवा न लेकर केवल विश्वविद्यालय एवं शासन को दिग्भ्रमित कर शासन द्वारा स्वीकृत पद संचरचना में अपने किसी व्यक्ति विशेष को लाभ पहुंचने हेतु प्रयास किया गया है। पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के आदेश क्रमांक 2098/3085/22/वी -3/ग्रायासे/2012 रायपुर दिनांक 12/04/2012 का अवलोकन हो जिसके अंतर्गत ग्रामीण यांत्रिकी सेवा अंतर्गत निर्माण कार्य पद संरचना अनुसार एक सहायक अभियंता के अधीन न्यूनतम 06 उपअभियंता कार्यरत है। इस प्रकार कार्यपालन अभियंता द्वारा विश्वविद्यालय की प्रशासनिक परिषद् के सदस्यों , कार्यपरिषद के सदस्यों को दिग्भ्रमित कर षड्यंत्रपूर्वक केवल एक अतिरिक्त सहायक अभियंता का पद स्वीकृत करवाने का कुचित प्रयास किया गया है। इससे शासन को अनावश्यक आर्थिक क्षति होगी।

पद होते हुए दूसरे को पदस्थ करने की तैयारी

प्रस्ताव में कार्यपालन अभियंता द्वारा ” दाऊ श्री वासुदेव चंद्राकर कामधेनु विश्वविद्यालय दुर्ग के अधीन संचालित कार्यालय कार्यपालन अभियंता कार्यालय में सहायक अभियंता ( सिविल ) 01 पद सृजित करने के सम्बन्ध में ” प्रस्ताव प्रस्तुत किया है जबकि शासन द्वारा विश्वविद्यालय की पद संचरचना में पूर्व में एक सहायक अभियंता का पद स्वीकृत है एवं उस पद के विरुद्ध विश्वविद्यालय में एक सहायक अभियंता वर्ष 2014 से निरंतर कार्यरत है। प्रशासनिक परिषद् की कार्यवाही में अधीक्षण अभियंता की उपस्थिति होने सम्बन्धी जानकारी प्रस्तुत की गयी है। परन्तु विश्वविद्यालय की स्थापना के पश्चात आज दिनांक तक शासन ( विश्वविद्यालय ) द्वारा उक्त अधीक्षण अभियंता पद के विरुद्ध कोई नियुक्ति नहीं की गयी है | कार्यपालन अभियंता द्वारा अपने कार्यकाल की अवधि में विश्वविद्यालय अंतर्गत समस्त निर्माण कार्य अपनी दोषपूर्ण एवं कुटिल कार्यशैली से बंद करवा दिए है। इसकी क्षतिपूर्ति हेतु विश्वविद्यालय की प्रशासनिक परिषद् एवं कार्यपरिषद को भ्रमित कर नियम विरुद्ध अतिरिक्त पद स्वीकृत करवाने का कुचित प्रयास किया जा रहा है |

चहेते को फायदा पहुंचाने रचा गया पूरा खेल

इस प्रकार विश्वविद्यालय प्रबंधन अपने चहेते उप अभियंता को पिछले दरवाजे से सहायक अभियंता का पद प्रदान कर उसे कार्यपालन अभियंता का प्रभार भी देने का इच्छुक है। इससे किसी बड़े भ्रष्टाचार की आशंका बनी हुई है। उपअभियंता ( सिविल ) को कार्य बिलकुल भी नहीं आता है एवं उनके द्वारा माप पुस्तिका में माप भी मैन्युअली दर्ज न करके कंप्यूटराइज्ड शीट चस्पा की जाती है जो नियम विरुद्ध है एवं उसकी अनुमति शासन से प्राप्त नहीं है।

बिलासपुर में भवन निर्माण के दौरान घोटाला

इसके अतिरिक्त उक्त अभियंता पर विश्वविद्यालय अंतर्गत बिलासपुर में निर्माणाधीन महाविद्यालय भवन में निविदा विरुद्ध टाटा /sail /जिंदल मार्का कंपनी के स्थान पर लोकल सरिया लगाकर 35.0 लाख का भ्रष्टाचार करने के सम्बन्ध में शासन / ACB स्तर पर जांच प्रारम्भ है|यहाँ यह भी उल्लेखनीय है की नियमानुसार शासन स्तर पर उपअभियंता केवल एक ही पदस्थापना में कार्य करता है। परन्तु विश्वविद्यालय द्वारा उक्त उपअभियंता पर मेहेरबानी करते हुए उन्हें कार्यपालन अभियंता के कार्यालय के अतिरिक्त महाविद्यालय अंजोरा के वर्क सेक्शन की भी अतिरिक्त जिम्मेवारी दी गयी है।


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