• December 29, 2022

राष्ट्रीय राजमार्ग की ऐसी दुर्दशा आपने पहले नहीं देखी होगी, मंडला से जबलपुर के बीच 4 जगहों पर सड़क ही नहीं, 12 साल से हो रहा सिर्फ निर्माण

राष्ट्रीय राजमार्ग की ऐसी दुर्दशा आपने पहले नहीं देखी होगी, मंडला से जबलपुर के बीच 4 जगहों पर सड़क ही नहीं, 12 साल से हो रहा सिर्फ निर्माण

ट्राईसिटी एक्सप्रेस। न्यूज

राष्ट्रीय मार्गों के चौड़ीकरण के नाम पर जमकर कमीशनखोरी और लापरवाही बरती जा रही है। रायपुर से जबलपुर के बीच हाईवे नंबर 30 पर बनने वाली सड़क का काम पिछले करीब 12 साल बाद भी अधूरा है। हालांकि रायपुर से मंडला तक सड़क का काम लगभग पूरा कर लिया गया है, लेकिन इस दौरान कार्य की गुणवत्ता पर सवाल उठते रहे हैं। उद्घाटन के कुछ समय बाद से ही सड़क पर दरारें और गड्‌ढे बन आए हैं। अभी से सड़क पर पेंचवर्क किया जा रहा है। इधर मंडला से जबलपुर के बीच चौड़ीकरण का काम अब भी अधूरा है। चिरईडोंगरी से मंगली और कूड़ामैली के पास सड़क बेहद खराब स्थिति में है। इतना ही नहीं जो निर्माण हुए हैं, वहां भी हिचकोले से लोग परेशान है। आलम यह है कि केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी को स्वयं माफी मांगनी पड़ी। इसके बाद भी सड़क की स्थिति में किसी भी प्रकार का सुधार नहीं हो पाया है। मजबूरी में आदिवासी अंचल के लोगों को धूलभरी और गड्‌ढे वाली सड़कों से होकर गुजरना पड़ रहा है।
हाईकोर्ट से नोटिस भी जारी हुआ, इसकी भी कर दी अनदेखी
हाईकोर्ट में जबलपुर-मंडला और चिल्पी घाटी-कवर्धा सड़क के अधूरे निर्माण को लेकर जनहित याचिका दायर की गई थी। जानकारी के मुताबिक जस्टिस अंजुली पालो और जस्टिस वीपीएस चौहान की युगल पीठ ने राज्य शासन, वन विभाग, एमपीआरडीसी, जबलपुर, मंडला और कवर्धा कलेक्टरों को नोटिस जारी कर जवाब-तलब किया था। याचिका की 12 जुलाई को सुनवाई भी हो चुकी है। यह मार्ग वर्षों से बन रहा है और अभी तक निर्माण पूरा नहीं हुआ है। इस आधे अधूरे निर्माण के कारण राहगीरों के साथ ही मार्ग के दोनों ओर रहने वाले वासिंदों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
वाहन चालकों को हो रही परेशानी
सालीवाड़ा मंडला रोड निवासी वीरेन्द्र रजक की ओर से दायर जनहित याचिका में कहा था कि जबलपुर-मंडला और चिल्पी घाटी-कवर्धा रोड का निर्माण लंबे समय से किया जा रहा है। जगह-जगह सड़क का काम अधूरा छोड़ दिया गया है। इसकी वजह से राहगीरों और वाहन चालकों को परेशानी का सामना करना पड़ है। मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ राज्यों को जोड़ने वाली चिल्पीघाटी सड़क का काम भी पूरा नहीं किया गया है। इसकी वजह से मध्यप्रदेश से छत्तीसगढ़ आने-जाने में काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। याचिका में कहा गया था कि ज्यादातर जगह पर वन विभाग की आपत्ति की वजह से सड़क निर्माण रूका हुआ है। इसका खामियाजा आम जनता को भुगतना पड़ रहा है। अधिवक्ता सौरभ शर्मा ने तर्क दिया कि याचिकाकर्ता ने अनावेदकों को सड़क निर्माण जल्द पूरा करने के लिए अभ्यावेदन दिया, लेकिन उसके अभ्यावेदन पर कोई कार्रवाई नहीं की गई। युगल पीठ से अनुरोध किया गया था कि अनावेदकों को सड़क निर्माण का काम जल्द पूरा करने का निर्देश दिया जाए। याचिका में कहा गया है कि इस आधे अधूरे निर्माण के कारण राष्ट्रीय मार्ग के दोनों ओर रहने वाले वासिंदों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। इसके बाद काम तेजी से किया गया, लेकिन गुणवत्ता की अनदेखी कर दी गई।
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी को माफी मांगनी पड़ी
इधर नवंबर महीने में केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी मध्य प्रदेश के मंडला पहुंचे थे। गड़करी ने मंडला-जबलपुर के बीच बन रही सड़क को लेकर माफी तक मांगी। बरेला से मंडला तक दो लेन की परियोजना 400 करोड़ की लागत से बनाई जा रही है, लेकिन मैं इससे संतुष्ट नहीं हूं। गडकरी 1,261 करोड़ रुपए की पांच राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं को शुरू करने के लिए मंडला पहुंचे थे।
बनने से पहले ही उखड़ने लगी एनएच 30 सड़क
नेशनल हाईवे 30 में बिना रूके सफर करने का इंतजार जिलेवासी कर रहे है, लेकिन इस करोड़ों की सड़क पर वाहनों की रफ्तार धीमी होने के साथ गुणवत्ताविहीन मार्ग के कारण हादसे भी आए दिन हो रहे हैं। जगह-जगह मार्ग में गड्डे, क्रेक के कारण वाहन अनियंत्रित हो जाते है। जिससे हादसे का अंदेशा बना रहता है। एनएच 30 मार्ग निर्माण में इसकी गुणवत्ता को लेकर समझौता किया गया है। सड़क का कार्य जैसे तैसे कर पूर्ण किया जा रहा है। करीब छह वर्षों से सड़क निर्माण का कार्य जारी है जो अंतिम चरण में है। गुणवत्ताविहीन कार्य को छुपाने के लिए कंपनी द्वारा थिगड़े लगाए जा रहे है, जो हफ्ते, दो हफ्ते में दोबारा उखड़ रहे है। फूलसागर पुल से लेकर कटरा बायपास तिराहा तक सड़क के हाल देखकर कोई भी बता सकता है कि सड़क कितनी गुणवत्ता से बनाई गई है। कदम कदम पर सड़क निर्माण में लापरवाही साफ देखी जा सकती है। वहीं नारायणगंज क्षेत्र में भी जगह-जगह चौड़ी दरारें, गड्डे राहगीरों की मुसीबत बन गए है। ग्राम कुम्हा क्षेत्र के हाईवे मार्ग में क्षतिग्रस्त हो गया है, जिसका मरम्मत कार्य दोबारा कराया जा रहा है। एनएच 30 मार्ग निर्माण में इतने कम समय में मरम्मत कार्य होना इस मार्ग की गुणवत्ता पर सवाल उठा रहा है।


64 किलोमीटर की यह सड़क 7 साल बाद भी अधूरी
जानकारी अनुरसार एनएच 30 में मंडला जबलपुर मार्ग में उदयपुर मोइयानाला से कटरा मंडला तक 63.55 किमी के मार्ग निर्माण का ठेका जीडीसीएल कंपनी को दिया गया है। सड़क का निर्माण 251.64 लाख रूपये से किया जाना है। निर्माण कार्य का ठेका 10 अक्टूबर 2015 को दिया गया था। जिसमें निर्माण कार्य 09 जून 2017 को पूरा करना था। तय समय में निर्माण कार्य पूरा ना होने के बाद ठेका कंपनी को दिसंबर 2020 तक सड़क निर्माण कार्य पूरा करने के लिए समय दिया गया, लेकिन इसके बाद भी ठेका कंपनी द्वारा इस मार्ग का निर्माण को पूरा नहीं कर सकी। निर्माण कार्य में धीमी गति और गुणवत्ताविहीन कार्य के कारण नेशनल हाईवे 30 सड़क 7 वर्ष के बाद भी अधूरा और जान लेवा हो गया है। मंडला से जबलपुर मार्ग में जम्प से वाहन भी उछाल मार रहे है। जिससे हर समय हादसे का अंदेशा बना रहता है।

नारायणगंज से हमारे संवाददाता प्रवीण अग्रवाल की रिपोर्ट


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