- February 22, 2023
अधिवेशन से पहले कांग्रेस में शीतयुद्ध, प्रदेश की हो रही किरकिरी
ट्राई सिटी एक्सप्रेस। न्यूज
कांग्रेस के राष्ट्रीय महाधिवेशन से पहले सीजी कांग्रेस में ‘शीत युद्ध’
इस महीने राजधानी रायपुर में होने जा रहे कांग्रेस के राष्ट्रीय अधिवेशन की जारे-शोर से चल रही तैयारियों के बीच सीजी (छत्तीसगढ़) कांग्रेस के नेताओं में शीत युद्ध छिड़ गया है। ताजा विवाद महाधिवेशन को लेकर किये जा रहे प्रचार का है। दरअसल रायपुर के महापौर एजाज ढेबर ने पूरे शहर और महाधिवेशन स्थल की ओर जाने वाली सडक़ को प्रचार सामग्री से पाट दिया गया है। शुरूआत में जो पोस्टर्स लगाए गए उनसे प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम का फोटो तो छोडि़ए नाम तक नदारद था।
मरकाम समर्थकों ने इसे लेकर जब बड़े नेताओं के सामने विरोध दर्ज कराना शुरू किया तो मरकाम की फोटो को प्रचार सामग्री पर अलग से चिपकाया गया। बावजूद इसके हालात नहीं संभले। शीत युद्ध शुरू हुआ मरकाम के निर्देश पर प्रभारी संगठन महामंत्री रवि घोष के प्रचार सामग्री हटाने संबंधी जारी पत्र से। इस पत्र में यह तक कहा गया कि ‘जो प्रचार सामग्री लग गई है उसे हटा लेना ठीक होगा, अन्यथा उसे हटा दिया जाएगा।’
विवाद की जड़ में बहुत कुछ छिपा है
पार्टी सूत्रों के अनुसार, राष्ट्रीय अधिवेशन से पहले खुल कर सामने आई अंतर्कलह व विवाद की जड़ में बहुत कुछ छिपा है। इससे पहले एआईसीसी की अनुशासन समिति मरकाम के करीबी प्रदेश कांग्रेस महामंत्री अमरजीत चावला तथा पूर्व केंद्रीय मंत्री अरविंद नेताम को नोटिस जारी कर चुकी है। इन दोनों पर कार्यालय में बैठकर कांग्रेस सरकार के खिलाफ नकारात्मक टिप्पणी करने तथा , मुख्यमंत्री बघेल के खिलाफ निंदा अभियान में लगातार शामिल रहने का आरोप है। चावला पर नये आरक्षण विधेयक पर राज्यपाल द्वारा अनुमति नहीं दिये जाने की स्थिति में पार्टी लाइन का समर्थन नहीं करने तथा खुले तौर पर राज्यपाल के रुख का समर्थन करने का भी आरोप है।
अरविंद नेताम पर भी यह आरोप है कि उन्होंने सर्व आदिवासी समाज नाम का संगठन बनाया है जो खुले रूप से कांग्रेस सरकार विरोधी कार्यक्रमों में शामिल है। यहां यह उल्लेख करना भी जरूरी है कि नोटिस की जद में आए कांग्रेस के दोनो नेता चावला तथा नेताम महाअधिवेशन की स्वागत समिति में भी शामिल हैं। सूत्रों के अनुसार, शीत युद्ध का आगाज ही इन दोनों का नाम स्वागत समिति में आने के बाद शुरू हुआ। सूत्र यह भी दावा करते हैं कि यह अंतर्कलह अभी फूट कर सामने आएगी।
24 से 26 फरवरी तक छत्तीसगढ़ के रायपुर में आयोजित होगा कांग्रेस का महाधिवेशन
छत्तीसगढ़ के रायपुर में कुछ दिन बाद कांग्रेस का महाधिवेशन होने जा रहा है। अनुमान लगाया जा रहा है कि कांग्रेस के 85 वें महाधिवेशन में पार्टी की आगे की रूपरेखा और केंद्रीय वर्किंग कमेटी को लेकर कुछ फैसले हो सकते है।
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक पार्टी के महाधिवेशन में करीब ढाई दशक बाद सीडब्ल्यूसी के प्रमुख पदों के लिए चुनाव हो सकते है। मिली जानकारी के मुताबिक कांग्रेस का राष्ट्रीय अधिवेशन 24 से 26 फरवरी तक चलेगा। मल्लिकार्जुन खड़गे के अध्यक्ष बनने के बाद पार्टी का ये पहला अधिवेशन है।
आपको बता दें कांग्रेस के पास 29 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से करीब 1300 प्रतिनिधियों की सूची हैं, जिनके द्वारा सीडब्ल्यूसी का चुनाव संपन्न किया जाता है। कांग्रेस में सबसे ताकतवर टॉप एग्जीक्यूटिव बॉडी वर्किंग कमेटी यानी सीडब्ल्यूसी होती है, जिसमें कांग्रेस संविधान के अनुसार कुल 25 सदस्य शामिल हो सकते हैं।
तीन दिन तक चलने वाले महाअधिवेशन के लिए पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने टीम गठित कर दी है, जिसमें अलग-अलग नेता अलग विषय पर अपना प्रस्ताव पेश करेंगे। प्रस्ताव में कई मुद्दों पर चर्चा भी होगी। साल 2023 में कई राज्यों में विधानसभा चुनाव होने है, चुनावों के लिहाज कांग्रेस के अधिवेशन को काफी अहम माना जा रहा है। अगर सीडब्ल्यूसी के लिए चुनाव होता है तो कांग्रेस के इतिहास में ये चुनाव तीसरी बार होगा और सोनिया गांधी के ढाई दशक की लीडरशिप में पहली बार। 75 सालों के पार्टी इतिहास में अभी तक सिर्फ दो बार ही सीडब्ल्यूसी के चुनाव हुए हैं।
कन्याकुमारी से कश्मीर तक राहुल गाँधी के नेतृत्व में निकाली गई भारत जोड़ो यात्रा को अपार सफलता मिली। जिसने कांग्रेस के साथ साथ राहुल गांधी की राजनैतिक छवि को काफी फायदा पहुंचाया। अब पार्टी के अंदर ऐसी खबर चल रही है कि महाधिवेशन में ये तय हो सकता है कि अरूणाचल प्रदेश से लेकर गुजरात यानी पूर्वोत्तर से लेकर पश्चिम तक भारत जोड़ो यात्रा 2 का शुभांरभ किया जा सकता है। पार्टी दूसरी यात्रा निकालकर 2024 के सियासी संग्राम तक मिल रही पहचान को कम नहीं होना देना चाहती।
दूसरी यात्रा अरुणाचल के लोहित जिले के परशुराम कुंड से शुरू कर महात्मा गांधी की जन्मस्थली पोरबंदर में समाप्त करने की रूपरेखा पर महाधिवेशन में चर्चा हो सकती है। दूसरी तरफ कांग्रेस ने 26 जनवरी से 26 मार्च तक पूरे देश में हाथ से हाथ जोड़ो अभियान शुरू किया है। इसके साथ ही यदि कांग्रेस एक बार फिर भारत जोड़ो यात्रा निकालती है तो वह निश्चिकत रूप से पार्टी से साथ साथ राहुल गांधी की राजनैतिक छवि में सही साबित होगी।
रायपुर के आसपास के जिलों में सरकारी रेस्ट हाउस पर कब्जा
अधिवेशन को लेकर कांग्रेस नेताओं ने रायपुर सहित आसपास के जिलों में सरकारी आवासों पर कब्जा जमा लिया है। दुर्ग में अधिकारी खुलकर बोल रहे हैं कि गृहमंत्री के समर्थक और ओएसडी ने अधिकारियों को ठहरने के लिए जगह देने से मना किया है। यहां कांग्रेस के नेता ठहरेंगे। ऐसी ही बाते अन्य जिलों में भी हो रही।