• March 14, 2023

प्रदेश ने डॉ. चंद्राकर के रूप में एक स्वभावी चिकित्सक को खो दिया: भूपेश बघेल

प्रदेश ने डॉ. चंद्राकर के रूप में एक स्वभावी चिकित्सक को खो दिया: भूपेश बघेल

ट्राई सिटी एक्सप्रेस। न्यूज

Dr mp chandrakarL

दुर्ग के प्रसिद्ध चिकित्सक डॉ. एमपी चंद्राकर के निधन पर राज्य के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने गहरा दुख व्यक्त किया उन्होंने श्रद्धांजली व्यक्त करते हुए कहा कि चिकित्सा के क्षेत्र में डॉ. चंद्राकर ने गरीबों की लगन से सेवा की उनकी पहचान दुर्ग जिला में ही नहीं बल्कि छत्तीसगढ़ राज्य के एक बेहतर चिकित्सक के रूप में थी, उनके निधन से राज्य ने एक बेहतर सेवाभावी चिकित्सक को खो दिया है।

लगभग छः दशकों की चिकित्सकीय सेवा के बाद चिरनिद्रा में लीन हो चुके डॉ. एम. पी. चंद्राकर शहर में रहते हुए शरीरिक रूप से पीड़ित ग्रामवासियों के लिए मसीहा थे। अपनी सौम्य व्यवहारों से एवं नाड़ी देखकर मर्ज की पहचान करने में माहिर डॉ. चंद्राकर ऐसे पीड़ितों के लिये सेवा में समर्पण के पर्याय बन चुके थे। मूलतः अंचल के ऐसे ख्यातिनाम चिकित्सक जिनके जीवन का मूल लक्ष्य ही गरीबों एवं पीड़ित समाज की सेवा करना था। इसी के नाते जीवन में चाहे जितनी भी कठिनाई आए तब भी अगर मनुष्य एक बार कुछ करने की ठान ले तो वह कार्य देर सबेर पूरा होता ही है. इसी अवधारणा को वे ताउम्र जीवत रखें. अब उनकी अनुपस्थिति को लगभग तीन पीढ़ियाँ रेखांकित करती रहेगी.

केवल भवन में आयोजित श्रद्धांजलि सभा में डॉ. डीपी देशमुख ने कहा कि डॉ. मंगल प्रसाद चन्द्राकर परिजनों के बीच एमपी चाचा और सामान्यजनों के मध्य एम.पी. साहब के रूप में विख्यात डॉ. एम.पी चंद्राकर मूलतः दुर्ग जिले के ग्राम रिसामा के निवासी थे। दाऊ जागेश्वर प्रसाद और गीता देवी की द्वितीय संतान के रूप में वर्तमान का सेक्टर 9 अस्पताल (हनुमान मंदिर) व पूर्व का आमदी गांव में सन् 1941 को जन्मे डॉ. चंद्राकर जब इन्दौर विश्वविद्यालय से एमबीबीएस के बाद एम.डी (जनरल मेडिसीन) की शिक्षा पूरी करके आए तो संभवत क्षेत्र के प्रथम चिकित्सक थे, जिन्होंने यह विशेषज्ञता अर्जित की हो। चिकित्सकीय शिक्षा पूरी करने के बाद न्यूयार्क सिटी हॉस्पटल अमेरिका में उनका चयन हो गया था, चाहते तो वे विदेशों में या शासकीय अथवा भिलाई इस्पात संयंत्र जैसे संस्थानों में सेवा दे सकते थे, किन्तु उन्होंने ग्रामिणजनों को सेवा का संकल्प लिया, अपने दुर्ग स्थित चिकित्सालय को सेवा का माध्यम बनाया।

अथववेद की पंक्तियों का भावार्थ डॉ. चंद्राकर के जीवन का अकाट्य सत्य है। उन्होंने चिकित्सा सेवा के साथ-साथ अपने परिवार को भी संगठित करने में सफलता अर्जित की बहनों अहिल्या, सुशीला, सुनीता, आशा तथा अनुज विजय व अन्य परिजनों की पितृतुल्य परवरिश को मालगुजार परिवार में पैदा होने का उन्हें जरा भी अहसास नहीं था, सही मायनों में वे चिकित्सा को समाज सेवा का प्रमुख अस्त्र बनाकर चलते रहे, यही कारण था कि गांव-गांव के लोग दुर्ग शहर तक उनकी चिकित्सा सेवा के कायल थे। कालान्तर में जब सांसद रहे चंदूलाल चंद्राकर की स्मृति में चिकित्सालय की स्थापना की गई तो बतौर मैनेजिंग डॉयरेक्टर उन्होंने कई चिकित्सकों एवं स्थानीय गैर चिकित्सकीय सेवकों को काम का अवसर दिया।

चन्दूलाल चन्द्राकर मैमोरियल हॉस्पिटल के स्थापना की जब भी चर्चा होती है तब इस बात का सदा उल्लेख होता है कि….. एक दिन की बात है, चन्दूलाल जी डॉ. मंगल के घर रात्रि भोज के लिये आमंत्रित थे, पूरा परिवार उनका इंतजार कर रहा था. खाने पर वे काफी विलंब से पहुंचे, जब आये तो उनका मूड बहुत खराब था, काफी विचलित थे, पूछने पर ज्ञात हुआ कि किसी मरीज को देखने किसी अस्पताल गए थे जहां मरीजों को दुर्दशा व अस्पताल की व्यवस्था देखकर काफी दुखी थे. सारा गुस्सा वे डॉ. एम.पी पर यह कहते हुए उतार दिये कि डॉक्टर होने के नाते आपको क्या जवाबदारी है? क्या ग्रामीण लोग इसी तरह तिल-तिल कर मर जायेंगे? क्या छतीसगढ़ में निजी तौर पर ऐसा अस्पताल नहीं बन सकता, जहां एक ही छत के नीचे समस्त सुविधाएं विद्यमान हो, जहां छत्तीसगढ़ के लोगों को रियायती दर पर चिकित्सा सुविधा व मरीजों की छत्तीसगढ़ी वातावरण मिल सके ? शांत होने पर काफी देर तक इस विषय पर चर्चा हुई. फिर कुछ दिनों में अन्य करीबी चिकित्सकों के साथ चर्चा कर अस्पताल निर्माण का निर्णय लिया गया. प्रारंभ में अस्पताल का नाम दुर्ग-भिलाई अस्पताल रखा गया था, लेकिन अस्पताल निर्माण के पूर्व चन्दूलाल जी की मृत्यु हो गई. चूंकि अस्पताल गठन का मूल सोच व प्रेरक चन्दूलाल चन्द्राकर थे, इस कारण से इस अस्पताल को उनके आदर्शो को समर्पित कर उनके नाम पर रखने का निर्णय हुआ.

नेहरू नगर भिलाई स्थित चन्दूलाल चन्द्राकर मेमोरियल हॉस्पिटल डॉ. एम. पी. चंद्राकर के नेतृत्व में कुशल एवं अनुभवी चिकित्सकों के सहयोग से सर्व सुलभ स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराने में नई कड़ी का सूत्रपात हुआ. डॉ. एम. पी. चंद्राकर अस्पताल के प्रमुख आधार स्तंभों मे एक थे जिन्होंने अपने कर्तव्यों के प्रति पूर्ण सेवा व समर्पण से अंचल में बेहतर चिकित्सीय सुविधाओं के लिए जन मानस में विशेष पहचान बना पायी,

ज्ञात हो कि एम. पी. चंद्राकर चिकित्सा सेवा के साथ ही धार्मिक एवं सामाजिक कार्यों में भी आणी थे. रेलवे स्टेशन दुर्ग के सामने स्थित राम मंदिर के वे अध्यक्ष रहें, विष्णु मंदिर ओटेबंद में अपने अध्यक्षीय कार्यकाल में मंदिर का जीर्णोधार कराया, कोलिहापुरी में प्रस्तावित शिवगढ़ प्रेस के कोषाध्यक्ष थे. वैसे तो उनके मृदुव्यवहार से मरीजों की आधी बीमारी दूर हो जाया करती थी लेकिन आर्थिक रूप से कमजोर मरीजों का वे निःशुल्क इलाज हो या हॉस्पिटल में बिल भुगतान के समय अपेक्षित कटौती करने से भी वे कभी पीछे नहीं हटे इस मामले में डॉ. साहब सदाशयता के मिशाल थे.

पीड़ित मानवता की सेवा के आगे डॉ. एम.पी. चंद्राकर कभी थकते नहीं थे, उनकी समर्पण के आगे उनको राजनीतिक पृष्ठभूमि बेअसर हो जाया करती थी. उन्हें परिजनों की ओर से राजनीति में आने का आमंत्रण भी मिलता था. चंदूलाल चंद्राकर जी ने तो अपना राजनैतिक उत्तराधिकारी घोषित करते हुए राजनीति में आने का खुला प्रस्ताव दिया था, किंतु वे मीठी मुस्कान के साथ तिलांजलि दे देते थे. सेवा समर्पण का पर्याय बन चुके डॉ. चंद्राकर की इस सफलता के पीछे उनकी सहधर्मिणी अरुणा चंद्राकर की मौन साधना का बड़ा योगदान रहा है. इसके अतिरिक्त संतानों में अर्पणा, अभिजीत, आरती, कुणाल, पुत्रवधु निधि व रोली तथा दामाद श्रीष व बाबा की भी महत्वपूर्ण भूमिका रही है..

विगत 4 मार्च 2023 को डॉ. साहब ने इस नश्वर संसार से विदाई ले ली, किंतु उनकी सेवाओं को दुर्ग एवं समीपवर्ती जिलों में निवासरत् लाखों ग्रामीण परिवार की पीढ़ियां याद करती रहेगी. उनकी सेवाओं का स्मरण किया जाना ही उन्हें सच्ची श्रद्धांजली होगी तथा उनकी चिकित्सकीय सेवाओं को आगे बढ़ाना उनके परिवार की जिम्मेदारी है।


Related News

पार्षद अरुण जोशी और अवनीश सिंह ने आप की सदस्यता की ग्रहण

पार्षद अरुण जोशी और अवनीश सिंह ने आप की सदस्यता की ग्रहण

ट्राई सिटी एक्सप्रेस। न्यूज आम आदमी पार्टी कार्यालय दुर्ग में जिला के लोकप्रिय जनसेवक श्री अरूण जोशी एवं…
कांग्रेस में कई महिला नेत्रियां दावेदार, मृणालनी समर्थ की नये चेहरे के रूप में चर्चा, कल्पना देशमुख भी दौड़ में

कांग्रेस में कई महिला नेत्रियां दावेदार, मृणालनी समर्थ की नये चेहरे के…

ट्राई सिटी एक्सप्रेस। न्यूज दुर्ग। आगामी दिनों में होने वाले नगर निगम के चुनाव में महापौर पद के…
जिला पंचायत सदस्य और जनपद अध्यक्ष कि आरक्षण प्रक्रिया पूरी

जिला पंचायत सदस्य और जनपद अध्यक्ष कि आरक्षण प्रक्रिया पूरी

ट्राई सिटी एक्सप्रेस। न्यूज त्रिस्तरीय पंचायत निर्वाचन 2024-25 हेतु छ.ग. शासन पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के परिपालन…