- March 24, 2023
ईडी के निशाने पर अब वीवीआईपी, बेटे के बाद अब पिता से भी हो सकती है पूछताछ
ट्राई सिटी एक्सप्रेस। न्यूज
छत्तीसगढ़ में सरकारी तिजोरी लूटने वालो की फेहरिस्त में एक और नाम शामिल हो गया है। ईडी ने प्रदेश के वीवीआईपी को निशाने में लिया है। पिछले दिनों उनके पुत्र से भी पूछताछ ही चुकी है, लेकिन मीडिया में यह खबर दबा दी गई। ईडी ने भी इस जानकारी को सार्वजनिक नहीं किया। अब दिल्ली से उड़ी एक खबर ने पूरे प्रदेश में हड़कंप मचा दिया है। खबर है कि अब इन जनाब से भी पूछताछ की तैयारी ईडी कर रही है। राज्य में IT-ED की अब तक की कार्यवाही में सिर्फ और सिर्फ इस वीवीआईपी के नाते रिश्तेदारों, करीबी अफसरों और ठेकेदारों से ही पूछताछ की गई है। लेकिन अब मामले में तेजी के आसार बताये जाते है। सूत्रों के मुताबिक राज्य के इस बड़े दिग्गज से भी पूछताछ की तैयारी शुरू हो गई है। ईडी को संदेह है कि इन जनाब के इशारे पर ही प्रदेश में 200 करोड़ से ज्यादा बेनामी पैसा जुटाया गया। यह राशि 500 करोड़ या इससे भी ज्यादा हो सकती है।
बताया जा रहा है कि इन नेता के पुत्र से भी पूछताछ हो चुकी है, जो पिता की जगह अपने घर पर ही जनता दरबार लगा रहे हैं। अब पूछताछ की बारी पिता की है। इसके लिए मुहूर्त का इंतजार किया जा रहा है। बताते है कि राज्य में होने वाली मोदी सरकार की G-20 सबमिट के पूर्व प्रदेश में काफी बदलाव के आसार है। सूत्र बताते है कि विधान सभा सत्र के उपरांत केंद्रीय जाँच एजेंसियां कुछ नेताओ और उनके होनहार पुत्रो के साथ-साथ अखिल भारतीय सेवाओं के कुछ चुनिंदा कारोबारी अफसरों पर अपना शिकंजा कस सकती है। इसके लिए कुछ खास परिस्थितियों में दी जाने वाली अनुमति भी प्राप्त हो गई है। सूत्र बताते है कि मंत्रालय में छपेमारी की तर्ज पर कुछ नए ठिकानो में दबिश की आशंका से भी इंकार नहीं किया जा सकता।
बताते है कि कुर्सी पर बैठने के बाद राजनैतिक और प्रशासनिक हलकों में भ्रष्टाचार की रोकथाम के बजाय उसकी पैदावार बढ़ाने को लेकर कुछ लोग 24 घंटे सक्रिय रहे। नतीजतन उपसचिव सौम्या चौरसिया, कोयला दलाल सूर्यकान्त तिवारी और IAS समीर विश्नोई समेत दर्जनों कारोबारी और सरकारी अधिकारी रायपुर सेंट्रल जेल की हवा खा रहे है।
बताते है कि कांग्रेस सरकार के लोक कल्याणकारी कार्यो के चलते प्रदेश में कोहराम मचा है। हालत यह है कि एक ओर भ्रष्टाचार, घोटालो और अपराधों के जरिये तमाम सरकारी और गैर सरकारी सबूतों को नष्ट किया जा रहा है। दस्तावेजी प्रमाणों को आरोपियों के साथ मिलकर सरकारी और वैधानिक कार्यवाही को दूषित किया जा रहा है, सबूतों के साथ छेड़छाड़ की जा रही है।
खबर तो यहां तक है कि भ्रष्टाचार के चलते लगभग 40 हजार रुपये का कर्ज प्रदेश के हर व्यक्ति पर पहुंच चुका है। हालांकि इसकी कोई अधिकृत पुष्टि नहीं कर रहा। यह बात आरोप प्रत्यारोप तक सीमित है। जबकि दूसरी ओर एक कुनबे में में अपार धन सम्पदा का विकास दिन दुनी और रात चौगुनी प्रगति कर रहा है। इस बीच केंद्रीय एजेंसियां गरीबो पर खर्च की जाने वाली सरकारी रकम को डकारने वाले नेताओ, अफसरों और कारोबारियों पर अपना शिकंजा लगातार कस रही है। देखें चैट…..
केंद्रीय एजेंसियां छत्तीसगढ़ में घोटालो से अर्जित रकम की बरामदगी करने में जोर शोर से जुटी हुई है। हालांकि इस कार्य में अखिल भारतीय सेवाओं के कुछ चुनिंदा अधिकारी उसकी राह के रोड़ा बन गए है।
हाल ही में ED ने सुप्रीम कोर्ट में इन नेता और नान घोटाले के मुख्य आरोपी के खिलाफ आपराधिक कृत्यों से जुड़े कई दस्तावेजी प्रमाण प्रस्तुत किये है। ये प्रमाण काफी गंभीर है, इसमें बताया गया है कि संवैधानिक अधिकारों का उपयोग नान घोटाले के आरोपी कर रहे है। ये चैट केंद्रीय जाँच एजेंसियों के अलावा राज्य के नागरिको की आँखे खोलने वाली बताई जाती है।
बताया जाता है कि सुप्रीम कोर्ट में ED ने कई दस्तावेजी प्रमाण और ऐसी ही चैट की लम्बी दास्तान पेश कर नेताजी को कटघरे में खड़ा किया है। ED के मुताबिक नेताजी नान घोटाले के आरोपियों को बचाने में जुटे हैं। उसके मुताबिक भ्रष्टाचार के आरोपी ही सरकारी तंत्र का इस्तेमाल अपने बचाव के लिए कर रहे है। देखें चैट…..
सूत्र बताते है कि आरोपियों और अफसरों के बीच अपराधों की साबुत नष्ट करने वाली ये चैट छत्तीसगढ़ शासन द्वारा अदालत में दी गई। तमाम दलीलों और हलफनामे की असलियत को जाहिर कर रही है। बताते है कि आने वाले दिनों ये चैट राज्य के महाधिवक्ता को भी मुश्किल में डाल सकती है। बताते है कि प्रदेश की खस्ताहाल कानून व्यवस्था की बानगी की तस्दीक भी ये चैट कर रही है।
छत्तीसगढ़ राज्य के गठन के बाद पहला मौका है, जब IT-ED जैसी केंद्रीय एजेंसियों ने कई IAS और IPS अफसरों के ठिकानो पर दबिश दे कर उन पर अपना शिकंजा कसा है। छापेमारी में वर्ष 2018 से लेकर 2019 अर्थात नेताजी के बैनर तले मात्र डेढ-दो साल के कार्यकाल में अर्जित उनके करीबी अफसरों और कारोबारियों के ठिकानो से ED ने लगभग 200 करोड़ की चल-अचल संपत्ति बरामद की है, जबकि लगभग 500 करोड़ की संपत्ति की पहचान और जप्ती कार्यवाही के लिए केंद्रीय जाँच एजेंसियों को दो-चार होना पड़ रहा है।
बताते है कि कांग्रेस नेता राम गोपाल अग्रवाल के नाते रिश्तेदारों को कांकेर के आरी डोंगरी में आयरन ओर खदानों के आवंटन, कई जिलों में लीज पर सरकारी जमीने, कई विभागों में ठेको को लेकर नियम प्रक्रियाओं का पालन नहीं किये जाने को लेकर ED पूछताछ में जुटी है।
बताते है कि नेताओ और अफसरों की छोड़िये, छत्तीसगढ़ के कोल परिवहन घोटालो के अलावा कई ठेको और सरकारी कामकाज में नाते-रिश्तेदारों का नाम सुर्ख़ियों में है। सूत्रों के मुताबिक इनसे जुडी चैट भी काफी गंभीर बताई जाती है। माइनिंग से लेकर बड़े कांसट्रक्सन से जुड़े काम इन्ही के पास हैं। नरवा, घुरवा, गरुवा, बाड़ी और गौठान के मामले में जमकर घोटाले हुए हैं।
बताते है कि नेता जी के पुत्र से ED की पूछताछ ख़त्म हो गई है। बयानों की तस्दीक का दौर जारी बताया जा रहा है। जबकि चिप्स घोटाले में IAS समीर विश्नोई ने घोटालो का ठीकरा नेता जी के दामाद पर फोड़ा है।
इधर नए प्रभारी अधिकारी के पुत्र की कई ऐसी चैट सामने आ रही है, जो बताती है कि नेताजी का कार्यालय भ्रष्टाचार मे डूबा हुआ था। नए प्रभारी अधिकारी का नाम नान घोटाले में भी आ चुका है।
बताया जाता है कि सौम्या चौरसिया, लम्बे अरसे तक हुई पूछताछ का वीडियो भी आने वाले दिनों जनता के सामने आ सकता है। सूत्र बताते है कि सौम्या से दर्जनों बार अवैध वसूली के लिए निर्देशित करने वाले शख्स का नाम पूछा गया था। लेकिन उसने सरगना का नाम बताने में परहेज किया था।
नोट – खबर इशारों में लिखी गई है, क्योंकि कुछ लोगों को सच्ची बातें कड़वी लगती है, नेता जी को कोई आपत्ति नहीं होती पर उनके चाटुकार नंबर बढ़ाने के नाम पर मीडिया को धमकाने लगते हैं।