- April 24, 2023
दुर्ग निगम में 60 प्रतिशत से ज्यादा पार्षद, एल्डरमैन, बीजेपी-कांग्रेस के नेता और अफसरों के रिश्तेदार कर रहे ठेकेदारी, ऐसे में जनता की समस्या कौन सुनेगा
ट्राई सिटी एक्सप्रेस। न्यूज
दुर्ग निगम में घोटाले इस समय चरम पर हैं। लगातार अनियमितता की शिकायतें सामने आ रही हैं, लेकिन कार्रवाई किसी भी मामले में नहीं हो रही। इसे लेकर एक बड़ा खुलासा हुआ है कि निगम के 60 वार्डों में 60 प्रतिशत से ज्यादा कांग्रेस, भाजपा के अलावा निर्दलीय पार्षद अपने रिश्तेदारों के नाम पर निगम में ठेकेदारी कर रहे हैं। वे सामान सप्लाई से लेकर कंस्ट्रक्शन से जुड़े काम कर रहे हैं। महापौर परिषद के सदस्यों से लेकर अन्य जिम्मेदार पदों पर बैठे जनप्रतिनिधि भी ठेका लेने या दिलाने के काम में लगे हैं। इतना ही नहीं कई बीजेपी और कांग्रेस के नेता ओर एल्डरमैन भी ठेकेदारी से जुड़े हुए हैं। वहीं निगम अधिकारी भी इसमें पीछे नहीं हैं। अपने बेटे और रिश्तेदारों के नाम पर ठेकेदारी जा रही है। इस प्रकार अपने रसूख का पूरा फायदा उठा रहे हैं। इसके चलते जनता से जुड़ी समस्याओं को गंभीरता से नहीं लिया जा रहा। पद्मनाभपुर स्थित बंगले में भी निवासरत एक जिम्मेदार जनप्रतिनिधि का छोटा बेटा भी निगम में ठेका दिलाने में व्यस्त है। पुरानी गंजमंडी में मिलेट्स कैफे और सी मार्ट के निर्माण का ठेका भी इन जनाब की बदौलत ही दिया गया है।
नहीं होती कोई कार्रवाई
निगम में बड़ी-बड़ी अनियमितता की शिकायतें आम हो चली हैं। बावजूद इसकी कोई कोई कार्रवाई नहीं होती। जल परिसर के ठीक बाजू में न्यू पुलिस लाइन जाने वाले मार्ग का निर्माण सबसे बड़ा उदाहरण हैं। सड़क में जगह-जगह दरारें हैं। कांक्रीट की इस सड़क का घटिया निर्माण हुआ, लेकिन कार्रवाई नहीं हुई। इधर एफसीआई गोदाम के पीछे की सड़क का डामरीकरण हुआ, छह महीने में ही वह उखड़ गई, लेकिन कहीं कोई जांच नहीं हुई। अमृत मिशन की लेटलतीफी, पुलगांव नाला डायवर्सन में लापरवाही सामने आने के बाद भी कोई कार्रवाई अब तक नहीं हुई है। इसके अलावा गौरवपथ और ठगड़ा बांध सौंदर्यीकरण के नाम भी घटिया निर्माण जारी है। इन मुद्दों को लेकर आवाज बुलंद करने को लेकर कोई जनप्रतिनिधि तैयार नहीं है।