- June 19, 2023
केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल से शिकायत के बाद एफसीआई के 43 अफसरों के ट्रांसफर, महीनेभर बाद भी रिलीव तक नहीं किए गए, राज्य में करोड़ों का चावल घोटाला
ट्राई सिटी एक्सप्रेस न्यूज
छग राइस मिलर्स एसोसिएशन के कोषाध्यक्ष रोशन चंद्राकर ने 26 मई को केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल सहित अन्य को एफसीआई में हो रहे भ्रष्टाचार को लेकर एक शिकायत की थी। उन्होंने सार्वजनिक वितरण प्रणाली के आड़ में बड़े घोटाले का आरोप लगाया है। शिकायत के बाद आनन फानन में प्रदेश के 43 अफसरों का ट्रांसफर किया गया। सभी अफसर भारतीय खाद्य निगम से आते हैं। ट्रांसफर के एक महीने बाद भी वे अपनी पुरानी जगह पर जमे हुए हैं। उन्हें रिलीव करने तक की जहमत नहीं उठाई गई है। इसके चलते पूरी कार्यप्रणाली सवालों के घेरे में हैं। पूरे मामले को लेकर सारे बड़े अफसर चुप्पी साधे हुए हैं।
रोशन चंद्राकर ने अपनी शिकायत में कहा था की वे प्रदेश राइस मिल एसोसिएशन के कोषाध्यक्ष हैं। 20 फरवरी 2023 को वाणिज्य भवन नई दिल्ली में बुलाई गई बैठक में छत्तीसगढ़ के राइस मिलर्स के प्रतिनिधि के तौर पर में शामिल हुए था। इस बैठक मे जिसमे सचिव, खाध और सार्वजनिक वितरण भारत सरकार व CMD FCI के साथ साथ पूरे देश के राइस मिलर्स एसोसिएशन के प्रतिनिधि भी उपस्थिति थे। आपने यानी पीयूष गोयल ने FCI की कार्य प्रणाली को सुगम, पूर्ण पारदर्शी व भरस्टाचार से पूर्ण रूप से मुक्त कराने का आहवान के साथ साथ संकल्प भी दोहराया था।
साथ ही हमे भरोसा भी दिया था कि अगर FCI की कार्यप्रणाली को पारदर्शी व भ्रस्टाचार से मुक्त कराने में कोई अधिकारी बाधक बनता है या आपके संस्थान को आर्थिक नुकसान पहुंचाता है तो आप मुझसे डायरेक्ट संपर्क कर सकते हैं। आप हमारी हर संभव मदद व सुरक्षा करेंगे। आपकी FCI को भ्रटाचार से मुक्त कराने की प्रबल इक्छाशक्ति से प्रभावित होकर मैं छत्तीसगढ़ FCI में वर्षों से जारी भ्रटाचार के संबंध में सत्य व तथ्यात्मक जानकारी उपलब्ध करवा रहा हूं।
मैं प्रदेश स्तरीय पदाधिकारी होने के साथ में छत्तीसगढ़ के धमतरी जिला का राइस मिलर्स भी हूँ। हमारा ज़िला रायपुर ज़िला FCI के अन्तर्गत आता है। जिसके एरिया मैनेजर रवि कुमार मीणा है और धमतरी के मैनेजर QC केके साहू है। उदाहरण के तौर पर अकेले धमतरी जिला के राइस मिलर्स से ये एरिया मैनेजर और प्रदेश के सारे एफसीआई के बड़े अधिकारी की जानकारी में करोड़ों रुपये पिछले और इस वर्ष अवैध रूप से वसूल किया जा चुका है इसका बयान में मेरे धमतरी जिला के राइस मिलर्स से केंद्रिय एजेंसी के सामने करवा सकता हूं।
वर्तमान में FCI में एक 29 मिट्रिक टन के चावल के लॉट को एक्सेप्ट करने के एवज में 17500 प्रति लॉट रिश्वत ली जा रही है जो कि पूर्व के वर्षों में ₹6000/- प्रति लॉट के हिसाब से ली जाती थी। वर्तमान में इस छत्तीसगढ़ के रिजिनल ऑफिस / एवम् जिला कार्यालयो में पदस्थ देश के सर्वाधिक महाभ्रष्ट अधिकारी बैठे हैं। अगर इन सभी अधिकारियों की बारीकी से जाँच की जाये तो करोड़ों रुपये नगद, सोना और ज़मीन जायदाद अपने रिश्तेदारों के नाम पर खरीद किए गए हैं।
इस वर्ष ₹1500 प्रति लाट की राशि यह कर बढ़ाई गई कि छत्तीसगढ़ प्रदेश के एफसीआई के प्रदेश के सारे जिलो में संदेश भेजकर या मिलर्स की मीटिंग लेकर बताया गया कि बड़े अधिकारियों द्वारा बताया गया है कि इस वर्ष ऊपर के ऑफिसर केंद्रीय खाद्य सचिव / CMD FCI /ED FCI अधिकारी लोगो एवं केंद्रीय सरकार के मंत्री को अतिरिक्त पैसा भेजने का दबाव बनाया जा रहा है। ऐसा बोलकर बड़ी मात्रा में अवैध अतिरिक्त राशि वसूली की गई है। वर्ष 2021-22 में छत्तीसगढ़ FCI द्वारा 3244615 मिट्रिक टन चावल लिया गया। छत्तीसगढ़ FCI के अधिकारियों के संगठित गिरोह द्वारा ₹6000 प्रति 29 मिट्रिक tan के लाट के हिसाब से 67.13 करोड़ को अवैध उगाही की गई है। वर्ष 2022-23 में आज दिनांक तक 3319342 MTon चावल छत्तीसगढ़ में FCI द्वारा एक्सेप्ट किया गया है उस पर ₹ 7500 प्रति 29 MTon के लॉट के हिसाब से ₹85.85 करोड़ रुपयों के अवैध उगाही आलरेडी की जा चुकी है व यह अभी भी छत्तीसगढ़ FCI के संगठित गिरोह द्वारा सतत जारी है। इस गिरोह में निम्न अधिकारी शामिल हैं। इन भ्रष्ट अधिकारियों द्वारा राइस मिलर्स को धमकी दिया जाता है की अगर उन अधिकारियों का कोई शिकायत करेगा तो उस राइस मिलर्स का लॉट्स को बार बार रिजेक्ट किया जाएगा और जो शिकायतकर्ता राइस मिलर है, उसे ब्लैक लिस्ट में डालने की धमकी एफसीआईके अधिकारियों के द्वारा दी गई है। इसी कारण राइस मिलर्स शिकायत करने से डर जाते हैं और इनके प्रताड़ना का शिकार होते जाते हैं।
चंद्राकर ने आगे कहा कि जैसा आप भी जानते है कि आदिवासी बहुल्य छत्तीसगढ़ की अर्थव्यवस्था माइक्रो व स्मॉल क्षेत्र के राइस मिल उद्योगों पर आधारित है, जो सबसे अधिक प्रदेश के लोगो को रोजगार प्रदान कर रहा है। इन राइस मिल उद्योगों के कारण प्रदेश के किसानों को भी आर्थिक लाभ मिल रहा है। FCI के अधिकारियों के गिरोह द्वारा प्रदेश के राइस मिलर्स के आर्थिक शोषण के साथ साथ मानसिक रूप से भी प्रताड़ित किया जा रहा है। जिससे प्रदेश का राइस मिल उद्योग आर्थिक संकट के दौर से गुजर रहा है। इस व्यवस्था में रायपुर एफसीआई जिला कार्यालय में सत्या जेना जो रायपुर ज़िला ऑफिस में पिछले 12 वर्षों से एक ही पद पर सुशोभित हैं। और एरिया मैनेजर का मुख्य कलेक्शनकर्ता और अधिकारियों के बीच डिस्ट्रीब्यूशन (बटवारा) के मुख्य सूत्र हैं। अगर प्राथमिकी रिपोर्ट (FIR) दर्ज कर ED/CBI द्वारा कड़ी से कड़ी पूछताछ की जाती है। उनके वॉट्सऐप व मोबाइल फ़ोन कॉल डेटा व मोबाइल डेटा के फोरेंसिक जांच की जाती है, तो सारे तथ्य दूध का दूध पानी का पानी की तरह स्वतः ही सबके सामने आ जायेंगे।
चंद्राकर की इस शिकायत के बाद 43 अफसरों का ट्रांसफर आदेश जारी हुआ, लेकिन रिलीव अब तक एक भी नहीं किए गए हैं। इसे लेकर राइस मिलर्स ने पुनः मंत्री को पत्र लिखकर सख्त कार्रवाई की मांग की है।