- May 16, 2024
मुख्यमंत्री जी…आप से अपील, दुर्ग में नर्सिंग होम एक्ट की आड़ में जमकर हो रही वसूली, एक बार कम से कम जांच तो करा दें
ट्राई सिटी एक्सप्रेस। न्यूज
दुर्ग जिले में इन दिनों नर्सिंग होम एक्ट की आड़ में जमकर अवैध वसूली हो रही है। हेल्थ विभाग के अफसर और कुछ बड़े अखबारों के प्रतिनिधि ने मिलकर ब्लैक मेल का धंधा शुरू कर दिया है। पहले सुनियोजित तरीके से शिकायत कराई जा रही है। फिर अखबारों में खबर प्रकाशित की जा रही है। इसके बाद हेल्थ विभाग के अफसर जांच के लिए पहुंच रहे हैं। जननी सुरक्षा, आयुष्मान से लेकर अन्य योजनाओं की कमियां गिनाई जा रही है। इसके बाद मोटी रकम की डिमांड की जा रही है। रकम नहीं देने पर अखबारों में लगातार खबरें छपवाई जा रही है। नर्सिंग होम से लेकर डॉक्टरों पर दबाव बनाया जा रहा है। मानसिक रूप से प्रताड़ित किया जा रहा है। इस धंधे में एक दो बड़े नर्सिंग होम को भी शामिल रखा गया। रामनगर भिलाई के एक प्रतिष्ठित हॉस्पिटल में बैठकर पूरी प्लानिंग के साथ सारा षड़यंत्र रचा जा रहा है। बता दें कि इस बड़े नर्सिंग होम के एक डायरेक्टर ने पिछले दिनों एक बड़ी राजनीतिक पार्टी भी ज्वाइन की। इनका उद्देश्य शहर में हेल्थ के सेक्टर में सारी प्रतिस्पर्धा को समाप्त कर अपना साम्राज्य स्थापित करने का है।
सारे डॉक्टर और नर्सिंग होम संचालक हो रहे लामबंद
नर्सिंग होम के खिलाफ लगातार हो रही सुनियोजित कार्रवाई के बाद सारे नर्सिंग होम और यहां के डॉक्टर लामबंद हो रहे हैं। उन्होंने इस पूरे मामले को लेकर मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय से शिकायत की तैयारी की है। बता दें कि नर्सिंग होम के ये अफसर पूर्व मंत्री और भाजपा के कद्दावर नेता के करीबी माने जाते हैं। उनका संरक्षण भी उन्हें प्राप्त है। समय समय पर प्रतिष्ठित अखबार के प्रतिनिधि, चिखली में संचालित एक अन्य नर्सिंग होम के संचालक भी इस ग्रुप में शामिल हैं। वे भी समय समय पर बंगले में हाजिरी लगाने पहुंचते रहे हैं। गलत फीडबैक देना, भ्रम फैलाना, षड्यंत्र कर नर्सिंग होम संचालकों को परेशान करना इन लोगों का काम है। ट्रस्ट होकर जिले के नर्सिंग होम संचालकों ने मोर्चा खोल दिया है। जल्दी उनके द्वारा एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की तैयारी की जा रही है, जिसमे अखबार के इस प्रतिनिधि, हेल्थ विभाग के अफसर का कच्चा चिट्ठा सार्वजानिक किए जाने की तैयारी है।
हेल्थ विभाग में सेवा देते हुए भी नर्सिंग होम का संचालन, डीएमएफ में भी गड़बड़ी
दुर्ग जिले का हेल्थ विभाग पिछले कुछ समय से खासे चर्चा में है। यहां के डॉक्टर नियम तोड़ने में महारथ हासिल किए हुए हैं। नियमतः प्रशासनिक पद पर बैठे डॉक्टर प्रैक्टिस नहीं कर सकते, लेकिन एक नहीं कई नर्सिंग होम में सेवाएं दे रहे हैं। इतना ही नहीं दुर्ग जिला अस्पताल में कई डॉक्टर ऐसे हैं, जिनके नाम कई हॉस्पिटल में मुख्य सुप्रिटेंडेंट में दर्ज हैं। उन्हें चंदूलाल मेडिकल कॉलेज का भी स्टाफ बना दिया गया है। इसके लिए अटेंडेंस मशीन भी जिला अस्पताल में लगा दी गई है। यानी दोनों जगह इनकी हाजिरी लग रही है। कई डॉक्टर हॉस्पिटल आते ही नहीं, वे पूरे दिन अपनी क्लिनिक में ही बिजी हैं। डीएमएफ से सिर्फ सेटिंग वाले डाक्टरों की नियुक्ति की जा रही। उसमे भी उन्हें अनाप शनाप मानदेय पर रखा जा रहा है। उन्हें क्लिनिक या नर्सिंग होम में सेवा देने का अधिकार नहीं है, लेकिन उनके द्वारा नर्सिंग होम का संचालन किया रहा।
नोट- ये जानकारी एक डॉक्टर और नर्सिंग होम संचालक ने ट्राईसिटी के संवाददाता को दी है,