- August 13, 2024
सरदा में स्पंज आयरन फैक्ट्री खुलने को लेकर बवाल, 10 गांव के किसान मोर्चे पर, विधायक दीपेक साहू पर लगाया ओछी राजनीति करने का आरोप
ट्राईसिटी एक्सप्रेस। न्यूज
मेसर्स राइजन इंडस्ट्रीज प्राइवेट लिमिटेड…इस कंपनी द्वारा सरदा में स्पंज आयरन की फैक्ट्री खोली जा रही है। तेजी से इस पर काम किया जा रहा है। बता दें कि सरदा और आसपास के 10 गांवों के किसान द्वारा इसे लेकर लगातार विरोध किया जा रहा है। यहां तक 27 दिसंबर 2021 में हुई जन सुनवाई में शत प्रतिशत आपत्तियों के बाद भी फैक्ट्री खोले जाने की अनुमति जारी कर दी गई है। इसे लेकर सोमवार को किसानों ने फैक्ट्री के बाहर प्रदर्शन किया। किसानों ने अपने नेताओं के खिलाफ भी खुलकर कहा। किसानों ने बेमेतरा विधायक दीपेक साहू पर ओछी राजनीति करने का आरोप लगाया। किसानों ने कहा कि दीपेश जब विधायक नहीं बने थे, तो उन्होंने विधायक बनते से फैक्ट्री को शुरू नहीं होने देने की बात कही थी। आज उन्हें विधायक बने छह महीने को हो चुके हैं। लेकिन फैक्ट्री का काम तेजी से जारी है। इतना ही नहीं विधायक को आंदोलन में आमंत्रित नहीं किया गया था, इसके बाद भी वे राजनीति चमकाने धरना स्थल पर पहुंच गए। ग्रामीणों ने किसान नेता सूरीत साहू, प्रवीण तिवारी सहित अन्य के नेतृत्व में एसडीएम को ज्ञापन सौंपा। एसडीएम ने कहा कि शासन को वस्तु स्थिति से अवगत कराया जाएगा। ग्रामीण किसानों ने कहा कि फैक्ट्री को लेकर जब जनसुनवाई में शतप्रतिशत आपत्तियां थी, तो इसे खुलने क्यों दिया जा रहा है। क्यों सरकार इसे बंद नहीं करा रही। उन्होंने कहा कि जल्द ही इस मामले में फैसला नहीं होने की स्थिति में उन्हें न्यायालय की शरण लेनी पड़ेगी। विरोध प्रदर्शन के दौरान पूर्व विधायक अवधेश चंदेल, योगेश तिवारी, विजय सिन्हा, राजेंद्र शर्मा सहित अन्य भी पहुंचे। उन्होंने आंदोलन को अपना समर्थन दिया। साथ ही हर स्थिति में फैक्ट्री नहीं खुलने की बात कही। इधर किसानों के बीच यह भी चर्चा रही कि किसी नेता द्वारा फैक्ट्री संचालकों से लगातार संपर्क बनाकर रखा गया है, जो किसानों के बीच की खबर फैक्ट्री संचालक तक पहुंचा रहा है। हालांकि नाम का खुलासा नहीं हो पाया, लेकिन किसानों ने कहा कि जैसे ही नाम सामने आएगा, वैसे ही मीडिया को अवगत कराया जाएगा।
कौन कर रहा राइजन इंडस्ट्रीज की मुखबिरी, किसने लिए पैसे, इसकी भी चर्चा
प्रदर्शन के दौरान पूरे समय राइजन इंडस्ट्रीज की मुखबिरी को लेकर खासी चर्चा रही। किसानों ने कहा कि किसी ने किसानों का लीडर बनकर मुखबिरी की कोशिश की है। हालांकि उसके नाम का खुलासा नहीं हुआ है। इतना ही नहीं पैसे भी लिए जाने की बात सामने आई है। हालांकि नाम का खुलासा नहीं हो पाया है। इसके बाद से किसानों ने अपनी रणनीति बदल दी है। किसानों ने कहा कि वह कोई भी नेता हो या किसान हो। उसे अपने भाइयों के दुख से मतलब नहीं है, लेकिन हम किसान पीछे नहीं हटेंगे। किसी भी सूरत में फैक्ट्री खुलने नहीं देगें। शासन-प्रशासन इस पर जल्द निर्णय नहीं लेती है, तो और भी उग्र आंदोलन देखने को मिलेगा। अबकी बार हम अपने परिवार के साथ सड़क पर बैठकर धरना देंगे। इसकी जिम्मेदारी शासन-प्रशासन की होगी।
12 गांवों के करीब 25 हजार किसान परिवार हो रहे परेशान
फैक्ट्री को 17.27 हेक्टेयर यानी करीब 42 एकड़ में खोले जाने की तैयारी की जा रही है। इसके कारण आसपास के करीब 12 गांव के 25 हजार किसान परिवार खासे परेशान हैं। फैक्ट्री का काम फिलहाल चल रहा है। दावा किया जा रहा है कि इस फैक्ट्री के पूरी तरह खुलने से 1.98 लाख टन लोहे के प्रोडेक्ट (बिलेट्स) तैयार होंगे। फैक्ट्री के खुलने से करीब 15 हजार एकड़ की फसल सीधे तौर पर प्रभावति होगी। इससे करीब 25 हजार लोगों के सामने रोजी-रोटी का संकट पैदा हो जाएगा। इस परेशानियों को देखते हुए किसान रात दिन सिर्फ फैक्ट्री को शुरू न होने को लेकर प्रयासरत हैं, लेकिन उनकी कहीं कोई सुनवाई नहीं हो रही है। यहां 27 दिसंबर 2021 को सुनवाई में ढेरों के आपत्ति के बाद भी फैक्ट्री खोलने की अनुमति दे दी गई। अब किसान मुख्यमंत्री, राज्यपाल से लेकर दर-दर ठोकर काटते भटक रहे हैं। अब तक उनकी कहीं कोई सुनवाई नहीं हुई है। बता दें कि प्रशासन जरूर उनके हर घटनाक्रम पर नजर रखा हुआ है। किसानों ने अब आर पार की लड़ाई का मन बना लिया है।
बेमेतरा जिले में 12 उद्योगों के लिए एमओयू, नेवनारा में स्पंज प्लांट
बता दें कि कुछ साल पहले बेमेतरा जैसी कृषि प्रधान जिले में 12 उद्योग लगाने के लिए अनुबंध हुआ था। इसमें नेवनारा में भी स्पंज आयरन फैक्ट्री डालने की योजना बनी। इसके पूर्व बोरिया में प्लांट स्थापना के लिए जनसुनवाई हुई। इसमें भी किसानों ने भारी विरोध दर्ज कराया। ग्रामीणों ने प्लांट स्थापना से सिलतरा, उरला क्षेत्र जैसे प्रदूषण की आशंका जताई। खासकर अपनी खेती को लेकर चिंता जताई है। गौरतलब हो कि इसके पूर्व बोरिया और सरदा में प्लांट स्थापना के लिए हुई जनसुनवाई का पुरजोर विरोध हुआ था। ग्रामीणों ने प्रदूषण और स्थानीय लोगों को रोजगार नहीं देने के मुद्दे को पुरजोर तरीके से उठाया था । ग्रामीणों की इन आशंकाओं का निराकरण करने का भी प्रयास किया गया। प्रबंधन ने स्वास्थ्य सुविधाओं के बेहतर हास्पिटल खोलने, निशुल्क इलाज की सुविधा देने का भी भरोसा दिलाया था। पढ़े लिखों को नौकरी पर रखे जाने का आश्वासन दिया, लेकिन ग्रामीण इसके लिए तैयार नहीं हुए। नेवनारा में प्रस्तावित स्पंज आयरन प्लांट क्षमता 7 लाख 92 हजार टन, रोलिंग मिल विथ रिहिटिंग फर्नेस एंड कोल गैस फायर क्षमता सात लाख टन, सिलिको मैगजीन प्लांट क्षमता 72 हजार 600 टन प्रति वर्ष और पावर प्लांट 44 मेगावाट का बनाया जाना है।
ट्राई सिटी एक्सप्रेस, ब्यूरो चीफ बेमेतरा, योगेश कुमार तिवारी, 9425564553, 6265741003,