- October 7, 2024
डोंगरगढ़ से 18 किमी दूर विराजी हैं मां करेला भवानी, मान्यता ऐसी कि हर मनोकामना होती है पूर्ण
ट्राई सिटी एक्सप्रेस। न्यूज
करेला भवानी मंदिर डोंगरगढ़ से 17 से 18 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है यह मंदिर राजनादगांव के करेला गांव में स्थित है यह मंदिर डोगरगढ़ के बमलेश्वरी मंदिर से भी ज्यादा सीढ़ियां वाला मंदिर है इसमें पहाड़ियों के आसपास ऊंचे ऊंचे वृक्षों के कारण यहां का दृश्य बहुत ही मनोहारी हो जाता है यहां बड़ी संख्या में बंदर भी है जिनकी दो प्रजातियां हैं एक लाल मुंह के बंदर और दूसरे काले बंदर जो किसी भी व्यक्ति श्रद्धालुओं को नुकसान नहीं पहुंचते हैं आने जाने वाले श्रद्धालु इनको फल और प्रसाद देते हैं यह मंदिर चारों ओर पहाड़ियों से घिरा हुआ है गांव के लोगों द्वारा कुछ किवदंतिया मिथक प्रचलित है जो गांव के एक किसान को सपने में आकर दर्शन दी ,पहाड़ी के ऊपर अपना स्थान बताने के बाद उन्हें वहां पर लड़कियों और घास फुस से छोटा मंदिर बनाने के लिए कहां, पूर्व में इन मंदिरों की सीढ़ियां ईंट से बनी हुई थी, मंदिर के सामने एक पेड़ है जिस पर हनुमान भगवान, छोटे देवी देवताओं की प्रतिमाएं हैं, मां के झूलने के लिए झूला भी लगाया गया था, इस मंदिर में आज तक निर्माण कार्य जारी है यहां पर एक ऐसा स्थान है जहां से डोंगरगढ़ की माता बमलेश्वरी के स्थान को देखा जा सकता है, इस मंदिर के पास ही एक दहिमन का पेड़ है, वहां के पुजारी का कहना है कि इस दहिमन के पेड़ के नीचे ब्लड प्रेशर वाले मरीज जिनका उच्च रक्तचाप हो या निम्न रक्तचाप को पेड़ के छाव में 10 से 15 मिनट बैठने से उनका बीपी ठीक हो जाता है , यहां करेला भवानी में जो भी भक्त नौकरी, व्यापार ,पारिवारिक समस्या आर्थिक कष्ट लेकर आता है, की संतान दंपति भी संतान की कामना को लेकर मातारानी के दर्शन करने, नारियल बंधन से उन कष्ट से उसे छुटकारा पाते है, देखिए मां भवानी की नवरात्रि में पूरी खबर।
ट्राई सिटी एक्सप्रेस, ब्यूरो चीफ बेमेतरा, योगेश कुमार तिवारी, 9425564553, 6265741003,