- March 3, 2025
भाजपा की सरकार ने छत्तीसगढ़ की जनता को दिया जुमला पैकेज 2025, किसानों, युवाओं, शिक्षकों, सबको ठगा गया, जनता लेगी हिसाब: अरुण वोरा

ट्राई सिटी एक्सप्रेस। न्यूज
दुर्ग। छत्तीसगढ़ में बीजेपी सरकार द्वारा पेश किया गया 1.65 लाख करोड़ रुपये का बजट जनता की उम्मीदों पर खरा नहीं उतरा। वरिष्ठ कांग्रेस नेता एवं पूर्व विधायक अरुण वोरा ने इसे घोषणाओं का पुलिंदा करार देते हुए कहा कि यह बजट जनता की राहत के लिए नहीं, बल्कि गुमराह करने के लिए बनाया गया है।
मोदी की गारंटी” निकली जुमला, गृहिणियाँ आज भी इंतजार में
वोरा ने सरकार को घेरते हुए कहा, चुनाव से पहले ‘मोदी की गारंटी’ में छत्तीसगढ़ की गृहणियों से वादा किया गया था कि उन्हें ₹500 में गैस सिलेंडर मिलेगा। मगर सरकार बनने के बाद इस वादे का कोई अता-पता नहीं। गृहिणियाँ आज भी इंतजार कर रही हैं, लेकिन बजट में इसका नामोनिशान तक नहीं।
3% डीए सिर्फ दिखावा, कर्मचारियों की असली मांगों पर चुप्पी क्यों
वोरा ने कहा -“बजट में शिक्षकों और कर्मचारियों के लिए 3% महंगाई भत्ता (DA) देने की घोषणा की गई है, लेकिन यह “मोदी की गारंटी” के अनुरूप नहीं है। सरकार को महंगाई भत्ते के एरियर्स का सीधा भुगतान करना चाहिए था, लेकिन इसे भविष्य निधि (CGPF) में जमा कर दिया गया, जिससे कर्मचारी संतुष्ट नहीं हैं। प्रदेश के शिक्षक लंबे समय से पुरानी पेंशन योजना, वेतन विसंगति सुधार, प्रमोशन और सही वेतनमान की माँग कर रहे हैं, लेकिन यह बजट फिर से उनकी उम्मीदों पर पानी फेर गया। पीएमश्री योजना के तहत स्कूलों के विकास की बात की गई, लेकिन जमीनी हकीकत यह है कि शिक्षकों की जायज़ माँगों पर सरकार ने चुप्पी साध ली है।चुनाव से पहले शिक्षकों और कर्मचारियों से बड़े-बड़े वादे किए थे, लेकिन अब तक न वेतनमान सुधरा, न ही पेंशन को लेकर कोई ठोस फैसला लिया गया।”
शिक्षकों के साथ वादा खिलाफी, भर्ती सिर्फ दिखावा
उन्होंने शिक्षकों की भर्ती को लेकर सरकार की नीयत पर सवाल उठाए और कहा, चुनाव से पहले “मोदी की गारंटी” के रूप में 57000 शिक्षक भर्ती का वादा कर उनसे वोट क्यों मांगा?” वोरा ने बताया कि विधानसभा चुनाव के दौरान भाजपा के घोषणा पत्र में “मोदी की गारंटी” के 57000 शिक्षक भर्ती किए जाने का उल्लेख किया गया था जिस पर भरोसा करते हुए प्रशिक्षित बेरोजगारों ने बड़ी संख्या में भाजपा प्रत्याशियों के पक्ष में मतदान किया था.यही नहीं जब भाजपा की सरकार बनी तो विधानसभा के प्रथम सत्र के दौरान शिक्षण सत्र में 33000 शिक्षकों की भर्ती की घोषणा की थी. परंतु आज तक इस भर्ती प्रक्रिया प्रारंभ नहीं किए जाने से प्रदेश भर के लाखों प्रशिक्षित डीएड एवं बीएड अभ्यर्थी ठगा सा महसूस कर रहे हैं. अब फिर से 20,000 शिक्षक भर्ती का वादा किया जा रहा है। *बीजेपी सरकार की यह नई घोषणा भी सिर्फ हेडलाइन बनाने के लिए है!
2008 से बीजेपी की ‘मेट्रो’ गुगली, लेकिन ट्रैक पर कुछ नहीं!
रायपुर से दुर्ग तक मिनी मेट्रो सर्वे के लिए 5 करोड़ रुपये के प्रावधान पर निशाना साधते हुए अरुण वोरा ने कहा, बीजेपी सरकार को ‘गुगली’ फेंकने की आदत पड़ गई है। 2008 में भाजपा ने मेट्रो के सपने दिखाए थे,अब फिर सर्वे के नाम पर करोड़ों खर्च होंगे, लेकिन जमीन पर एक ईंट तक नहीं रखी जाएगी। यह कौन सी मेट्रो है जो चलने से पहले ही ब्रेकडाउन हो जाती है?
महिला सुरक्षा पर कोई ठोस कदम नहीं, रायपुर बनता जा रहा है ‘रेप कैपिटल
महिला सुरक्षा को लेकर बजट में कोई ठोस योजना न होने पर अरुण वोरा ने कहा प्रदेश में महिला सुरक्षा का हाल बेहाल है। पूरे छत्तीसगढ़ में सबसे ज्यादा रेप केस रायपुर में हो रहे हैं, लेकिन सरकार को कोई चिंता नहीं। कानून-व्यवस्था की धज्जियाँ उड़ रही हैं, लेकिन सरकार की प्राथमिकता में महिलाओं की सुरक्षा कहीं नहीं दिखती। क्या यही ‘सुशासन’ है?
किसानों और गरीबों को फिर किया नजरअंदाज
उन्होंने किसानों और गरीबों के लिए कोई ठोस निर्णय न लेने पर सरकार को आड़े हाथों लिया और कहा बीजेपी सरकार को किसान सिर्फ चुनावी मुद्दा लगते हैं। न समर्थन मूल्य पर कोई ठोस नीति, न बिजली बिलों में राहत, न कर्ज माफी की योजना। गरीबों के लिए तो बजट में एक शब्द तक नहीं! यह प्रदेश का बजट है या किसी कंपनी का कॉर्पोरेट बजट?
ये बजट है या सफाचट
वोरा ने तीखा तंज कसते हुए कहा,
“जबसे बीजेपी सत्ता में आई है, छत्तीसगढ़ की जनता को ‘टोपियाँ पहनाने’ में लगी है। उन्होंने कहा कि यह बजट जनता की असल समस्याओं का हल निकालने के बजाय हवाई घोषणाओं का पुलिंदा है।