- March 23, 2025
पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के निर्णय का खुला विरोध, राकेश ठाकुर को अध्यक्ष बनाए जाने का जयंत देशमुख ने किया विरोध

ट्राई सिटी एक्सप्रेस। न्यूज
आल इंडिया कांग्रेस कमेटी ने दुर्ग ग्रामीण के अध्यक्ष पद पर राकेश ठाकुर को अध्यक्ष बनाया है। कांग्रेस महासचिव वेणुगोपाल ने अध्यक्षों की सूची जारी कर दी है। इसके बाद से दुर्ग में सियासी पार चढ़ गया है। ग्रामीण युवा कांग्रेस के अध्यक्ष जयंत देशमुख ने इस निर्णय का खुलकर विरोध किया है। उन्होंने सोशल मीडिया में इसे लेकर पोस्ट भी किया है। जयंत जिला पंचायत के पूर्व सदस्य भी रह चुके हैं। उसी समय राकेश ठाकुर भी सदस्य हुआ करते थे। दोनों में द्वंद उस समय से चल रहा है। इसके बाद दोनों खेमेबाजी करते रहे। राकेश ने कांग्रेस छोड़कर अजित जोगी की पार्टी ज्वाइन कर ली थी। उनके निधन के बाद वे फिर से कांग्रेस में वापस आ गए और भूपेश बघेल के करीबी हो गए। इधर जयंत पहले ताम्रध्वज साहू के करीबी रहे। इसके बाद उन्होंने अरुण वोरा को अपना नेता बनाया। इसके बाद वे कुछ समय पूर्व मंत्री गुरु रुद्र कुमार से भी जुड़े रहे। इस प्रकार लंबे समय तक राजनीतिक जमीन तलाशते रहे। बाद में वहां भी दाल नहीं गलने पर वे भूपेश बघेल खेमे में आ गए। भूपेश के दामाद क्षितिज चंद्राकर से जुड़कर राजनीतिक रोटी सेकने लगे। अब कांग्रेस सत्तन नहीं है। इस बीच राकेश को अध्यक्ष बनाए जाने के बाद राजनीतिक गलियारों में खलबली मच गई हैं। पूर्व में जोगी कांग्रेस के घराना में रहते हुए प्रदेश अध्यक्ष रहे भूपेश बघेल का पुतला दहन करने वाले नेता को संगठन की जिम्मेदारी दिए जाने से जयंत और उनके समर्थक नाराज हो गए है। बल्कि उनके द्वारा खुलकर दुर्ग ग्रामीण अध्यक्ष का विरोध किया जा रहा हैं।
ऐसा माना जा रहा था कि, कांग्रेस लोकसभा और विधानसभा सहित नगरीय निकाय और पंचायत चुनाव में करारी हार के बाद भी सीख लेगी। लेकिन ग्रामीण अध्यक्ष की नियुक्ति के बाद ज्यादा तकरार की स्थिति निर्मित हो गई हैं। ऐसी स्थिति में अपनो को साधना कांग्रेस के लिए चुनौती होगी। ग्रामीण अध्यक्ष राकेश ठाकुर पूर्व में जोगी कांग्रेस में रहते हुए प्रदेश अध्यक्ष रहे भूपेश बघेल का पुतला जलाया था। बताया जाता है कि, राकेश ठाकुर की राजनीतिक कसक पाटन से शुरू हुई थी। वे पाटन के धौराभांठा गांव के रहने वाले है। कहा तो ये भी जा रहा है कि, वे भूपेश बघेल के करीबी रहे हैं। लेकिन राजनीतिक के जानकार इसे सिरे से खारिज
करते हुए इसे प्रदेश के बडे नेताओं की अनदेखी और नुकसान की बात कह रहे हैं। कांग्रेस सूत्रोंने बताया कि, ज्यादातर वे रायपुर में ही रहे हैं। जोगी कांग्रेस में रहते हुए कांग्रेस का उनके द्वारा विरोध किया जाता है, लेकिन कांग्रेस प्रवेश के बाद उन्हें हाथों हाथ भी लिया गया। वे छग अपेक्स बैंक में डायरेक्टर की जिम्मेदारी भी दी गई थी। वही जिला पंचायत दुर्ग के पूर्व सभापति और किसान नेता भी रहे हैं। वर्तमान में उन्हे ग्रामीण अध्यक्ष की जिम्मेदारी मिलने के साथ ही अब उनके पुराने कार्यकाल की भी खूब चर्चा होने लगी हैं। प्रदेश कांग्रेस के महामंत्री राजेन्द्र साहु ने कहा है कि, फैसला राष्ट्रीय और प्रदेश स्तर से की गई हैं। आलाकमान का निर्णय सर्वोपरी हैं।
नए सिरे से होगी समीक्षा
पिछले चुनाव में कांग्रेस की छग में बेहद खराब प्रदर्शन रही है। यही कारण हैं कि, जिले में तो नही लेकिन आला कमान ने इसे गंभीरता से लिया हैं और राष्ट्रीय स्तर पर समीक्षा की जा रही हैं। हाल ही में छग के कांग्रेस प्रभारी सचिन पायलट ने संगठनात्मक बदलाव के संकेत दिए थे। खबर है कि ग्रामीण के साथ ही शहर संगठन में भी बदलाव हो सकती है। आगामी दिनों जिलाध्यक्षों से पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी चर्चा करेगें।
सोशल मिडिया में इस तरह की नाराजगी
दुर्ग ग्रामीण अध्यक्ष की सूची जारी होने के बाद संगठन के नेता अपनी नाराजगी सोशल मिडिया के जरिए बयांन कर रहे हैं। कांग्रेस नेता और दुर्ग ग्रामीण विधायक के दावेदार रहे जयंत देखमुख का कहना है कि, यह जमीनी नेताओं की तौहिन हैं। उन्होने कहा रायपुर में रहने वाले बाहरी नेता को जिम्मेदारी देने से उर्जावान कार्यकर्ता निराश है। धर्मेश देशमुख ने सोशल मिडिया में लिखा हैं कि, पूर्व में कांग्रेस में रहते हुए टीम बी के रूप में काम किया हैं। इस तरह अलग-अलग नाराजगी सामने आ रही हैं।