- May 1, 2025
बोरे बासी दिवस वह परंपरा है, जो श्रम का सम्मान सिखाती है : अरुण वोरा

ट्राई सिटी एक्सप्रेस। न्यूज
छत्तीसगढ़ में 1 मई को बोरे बासी दिवस पारंपरिक गरिमा के साथ मनाया गया। इस अवसर पर वरिष्ठ कांग्रेस नेता अरुण वोरा ने राजीव भवन, दुर्ग में कांग्रेस कार्यकर्ताओं एवं श्रमिक साथियों के साथ बोरे बासी का पारंपरिक भोजन ग्रहण किया और श्रमिक दिवस की शुभकामनाएं दीं।
इस अवसर पर उन्होंने कहा, हमारा छत्तीसगढ़ मेहनतकश लोगों का प्रदेश है। हमारे किसानों एवं श्रमिक बहनों-भाइयों ने अपने कंधों के बल पर देश और प्रदेश को संभाल कर रखा है। आज 1 मई मजदूर दिवस के अवसर पर मैं उनके प्रति आभार व्यक्त करते हुए एवं उन्हें सम्मान देते हुए बोरे बासी का आनंद ले रहा हूँ। जब हम कहते हैं कि ‘बटकी में बासी अउ चटनी में नून’, तो यह केवल भोजन नहीं, हमारी संस्कृति का श्रृंगार होता है। यह आवश्यक है कि हमारी युवा पीढ़ी इस सांस्कृतिक गौरव को समझे और इससे जुड़े।
वोरा ने यह भी बताया कि “बोरे बासी दिवस की परंपरा की शुरुआत पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार द्वारा की गई थी, ताकि मजदूरों के परिश्रम को सम्मान दिया जा सके और पारंपरिक खानपान के माध्यम से सांस्कृतिक जुड़ाव बना रहे। यह दिन केवल भोजन का नहीं, बल्कि श्रम की गरिमा और मेहनतकश समाज की भूमिका को स्वीकार करने का प्रतीक है।”
उन्होंने आगे कहा कि बोरे बासी जैसे व्यंजन छत्तीसगढ़ की मिट्टी से जुड़ी वह विरासत हैं, जो स्वास्थ्य, सादगी और सहभोज की भावना को बढ़ावा देती हैं।
“मजदूर देश की रीढ़ हैं और उनके परिश्रम से ही समाज आगे बढ़ता है। उनका सम्मान केवल भाषणों में नहीं, उनके जीवन को बेहतर बनाने की नीतियों और प्रयासों में दिखना चाहिए। कांग्रेस पार्टी हमेशा से मजदूर वर्ग के हक में काम करती रही है और आगे भी करती रहेगी,” उन्होंने कहा।
इस अवसर पर वोरा ने बोरे बासी, भाजी, चटनी और टिकोरा जैसे छत्तीसगढ़ी व्यंजनों का स्वाद लिया और युवाओं से अपील की कि वे अपनी संस्कृति और मेहनतकश समाज के योगदान को समझें, उसे अपनाएं और सम्मान दें।