• November 21, 2022

थ्री डी बायो-प्रिंटर से बनेंगे स्किन-लीवर, खून जांचने से जान सकेंगे अल्जाइमर; प्रोथ्रोंबिन टाइम टेस्ट के लिए नैनो किट

थ्री डी बायो-प्रिंटर से बनेंगे स्किन-लीवर, खून जांचने से जान सकेंगे अल्जाइमर; प्रोथ्रोंबिन टाइम टेस्ट के लिए नैनो किट

थ्री डी बायो-प्रिंटर से बनेंगे स्किन-लीवर, खून जांचने से जान सकेंगे अल्जाइमर; प्रोथ्रोंबिन टाइम टेस्ट के लिए नैनो किट

  • ट्रेड फेयर के हाल नंबर 7 में भारत सरकार के संस्थान एससीटीआईएमएसटी की प्रदर्शनी
    ट्राईसिटी एक्सप्रेस
    देश में पहली अल्जाइमर, प्रोथ्रोंबिन टाइम स्टेंट टेस्ट के लिए नेनो टेस्ट किट तैयार की गई है। इससे मरीजों का समय और पैसे बचेगा, इतना ही नहीं मानव शरीर में थ्रीडी प्रिंटर की मदद से तैयार स्कीन और लीवर भी लगेंगे। भारत सरकार के संस्थान श्री चित्रा तिरुनाल आयुर्विज्ञान और प्रौद्योगिकी संस्थान इसका प्रोटोपाइट बना चुका है, जो जल्द ही मरीजों के लिए उपलब्ध होंगे। इस संस्थान ने अब तक स्टेंट बॉल्ब, बायोग्राफ्ट , एमली, बेबी वार्मर जैसे 40 जीवन रक्षक यंत्र बनाएं है जो मरीजों के लिए बहुउपयोगी साबित हो रहे है।
    ट्रेड फेयर के हाल नंबर 7 में इन रिसर्च का प्रदर्शन किया है। संस्थान के डा. अनुज्ञा भट्ट और डा. जयश्री आरएस ने बताया कि हम फिलहाल 20 ओर टेस्ट पर काम कर रहे हैं। इन सभी टेस्टों को अगले एक से तीन साल में पूरा कर लिया जाएगा।
    माइक्रोनिडिल्स
    मधुमेह के मरीजों को इंसुलिन का दर्द नहीं सहना होगा। ट्रांस्पेरेंट पैच पर माइक्रोनिडिल्स को मेडिसिन भरा जा सकेगा। इस टेप को स्किन पर लगाने के बाद मेडिसीन स्किन में चली जाएगी और माइक्रोनिडिल्स स्किन में डिजॉल्व हो जाएगा। इसे जल्द ही बाजार में लाने के लिए कंपनी को दिया जाएगा।
    3डी बायो-प्रिंटिंग
    3डी बायो-प्रिंटिंग से अब लीवर एंड स्किन को लैब में ही तैयार किया जा सकेगा। लैब स्तर पर इंसान के शरीर से सेल लेकर कोलेजन व फाइब्रिनोजेन से टीशू बना कर 3डी प्रिंट से लैब स्तर पर तैयार करने में सफलता मिल गई है। अब अंग के आकार का लीवर 3डी प्रिंट करने पर काम किया जा रहा है।
    पीटी आइएनआर आइसोलेशन किट
    हार्ट पेशेंट को प्रोथ्रोंबिन टाइम टेस्ट (रक्त के थक्के बनने में कितना समय लगता ये टेस्ट बताता है) के लिए बड़े शहरों की तरफ नहीं दौड़ना होगा। डॉक्टर नैनो किट के माध्यम से दो बूंद खून से मिनटों में इसकी रिपोर्ट जान लेंगे। किट बेहद सस्ती होने के कारण सभी जगह उपलब्ध होगी।
    अल्जाइमर डिटेक्शन किट
    याददाश्त कमजोरी का पता लगाने के लिए टेस्ट के लिए ब्रेन से पल्प लेना पड़ता है जिसके लिए खोपड़ी की हड्डी में ड्रिल करनी होती है, यह काफी कष्ट प्रद टेस्ट है, पैसे भी अधिक लगते है। इसके लिए नैनो किट अंतिम चरण में है। इस किट में दो बूंद बल्ड से सटीक रिर्पोट मिल जाएगी

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