- November 30, 2022
बीजेपी को मिला कांग्रेस से 6 गुना ज्यादा चंदा : वर्ष 2021-22 में भाजपा को मिले 614 करोड़ रुपए वहीं कांग्रेस को सिर्फ 95 करोड़
बीजेपी को मिला कांग्रेस से 6 गुना ज्यादा चंदा : वर्ष 2021-22 में भाजपा को मिले 614 करोड़ रुपए वहीं कांग्रेस को सिर्फ 95 करोड
ट्राईसिटी एक्सप्रेस। न्यूज
चुनाव आयोग के ताजा आंकड़ों के मुताबिक 2021-22 के दौरान केंद्र में सत्ता में काबिज भाजपा सरकार को 614.53 करोड़ रुपए चंदे मिले, जो कांग्रेस पार्टी को मिले चंदे से 6 गुना ज्यादा है। वहीं, कांग्रेस पार्टी को सिर्फ 95.46 करोड़ रुपए चंदा मिला। हाल ही में कुछ पार्टियों ने चुनाव आयोग को चंदे की लेटेस्ट कॉन्ट्रिब्यूशन रिपोर्ट पेश की थी, जिसे मंगलवार को पेश किया गया।
बीजेपी- कांग्रेस के चंदे में 28-28 फीसदी की वृद्धि
पिछले आंकड़ों की बात करें तो भाजपा को साल 2020-21 में 477 करोड़ रुपए का चंदा मिला था, जबकि कांग्रेस को 74.7 करोड़ रुपए मिले थे। यानी इस साल दोनों पार्टियों के चंदे में 28-28 फीसदी की वृद्धि हुई है।
वहीं, तृणमूल कांग्रेस (TMC) को 2021-22 के दौरान चंदे के रूप में 43 लाख रुपए मिले, जबकि दिल्ली में AAP सरकार को 2021-22 के दौरान 44.54 करोड़ रुपए चंदे के तौर पर दिए गए।
CPI-M को नुकसान, NCP को फायदा
2020-21 के दौरान CPI-M को 12.8 करोड़ रुपए मिले थे, जबकि इस साल सिर्फ 10.05 करोड़ रुपए चंदा मिला। इस तरह पार्टी को 21.7 फीसदी का नुकसान हुआ है। वहीं, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) सबसे ज्यादा चंदा हासिल करने के मामले में तीसरे नंबर की पार्टी है और उसे 57.9 करोड़ रुपए मिले, जबकि NCP को पिछले साल 26.2 करोड़ ही मिले थे। पिछले साल की तुलना में NCP को 120 फीसदी की वृद्धि हुई।
20 हजार से ऊपर के चंदे का हिसाब रखता है इलेक्शन कमीशन
चुनाव आयोग के मौजूदा नियमों के मुताबिक देश के सभी राजनीतिक पार्टियों को 20 हजार रुपए से ज्यादा वाले सभी चंदे का हिसाब देना होता है। साथ ही राजनीतिक दलों को आयोग के समक्ष इस बारे में रिपोर्ट देनी होती है। व्यक्तियों और संस्थाओं के अलावा, चुनावी ट्रस्ट भी पार्टियों को फंड दिया करते हैं। प्रूडेंट इलेक्टोरल ट्रस्ट सहित इलेक्टोरल ट्रस्टों का भाजपा की किटी में मेन योगदान रहा है।
चुनाव आयोग ने नकद चंदे की सीमा 20 हजार रुपए से घटाकर 2 हजार रुपए करने की सिफारिश की है।
चुनाव आयोग ने नकद चंदे की सीमा 20 हजार रुपए से घटाकर 2 हजार रुपए करने की सिफारिश की है।