- December 3, 2022
रवीश कुमार ने 7 पार्ट में भेजा विदाई पत्र, सभी एक साथ पढ़ें
ट्राइसिटी एक्सप्रेस। न्यूज
कितना मिस करते हैं। बेशक कम अच्छी यादों को इसमें नहीं लिखते हैं, मगर कई बार अतिरेक से भरी उन बहुत अच्छी यादों में भी कितना कुछ दर्ज हो जाता है, जिससे आप NDTV को समझ सकते हैं। मेरा गुडबाय ज़्यादा लंबा हो गया। जो यहां छूट गए हैं, वो दिल में हैं। समय-समय पर याद आते रहेंगे। इस पत्र में नाम केवल नाम की तरह दर्ज नहीं है। हर नाम के साथ अनगिनत किस्से हैं। अच्छे भी और बुरे भी।
तारा रॉय…..
आप जितना भी शांत रहें, किनारे रहें, इतनी आसानी से आप खो नहीं सकती हैं। मुश्किल वक्त में चैनल के लिए आपका काम हमेशा दिखता रहा है। पीछे रहकर चुपचाप काम करना मुझे बहुत पसंद आया। मैं आपकी शालीनता का कायल हूं। जानता हूं, ये उदासियों के दिन हैं, मगर आप आसमान की तरफ़ देखिए। वहां कितने ही तारे हैं।
ऐसा हो नहीं सकता कि मेरी बातों से किसी को चोट न पहुंची हो, कोई आहत न हुआ, हो सके तो माफ़ कर दीजिएगा। सभी से बिना शर्त माफ़ी मांगता हूं। आपके सहयोग, आपके गुस्से, आपके प्यार के सामने सर झुकाता हूं। आपका प्यार मिलता रहे।
मैं जा चुका हूं। इस विदाई पत्र के ज़रिए थोड़ी देर के लिए वापस आया हूं। जाना इसी को कहते हैं कि लगे कि गया ही नहीं है। लगे कि यहीं कहीं हैं। लगे कि कहीं आ तो नहीं गया। कभी भी आ जाएगा। आप सभी वे लोग हैं, जिनकी बदौलत मैं करोड़ों दर्शकों के दिलों तक पहुंच सका।
मैं आपकी मेहनत का एक चेहरा भर हूं। बाहर दर्शक उदास हैं, अंदर आपमें से बहुत लोग। केवल यह चैनल नहीं बदल रहा है।इस देश में काफी कुछ बदल रहा है। आप सभी इतिहास के एक अहम मोड़ पर खड़े हैं। मुड़ कर देखते रहिएगा और आगे भी।
कितने ही सपने यहां पूरे हुए, उसका हिसाब नहीं। कई चीज़ें तो ऐसी भी हो गईं जो सपने से कम नहीं थीं। एक सपना अधूरा रह गया। सोचा था कि यहीं से रिटायर होना है। सारे सहयोगी मुझे सीढ़ियों से होते हुए अर्चना की पार्किंग तक आएंगे और तब मैं वहां मुड़ कर सबको गुडबाय बोलूंगा।मगर हुआ नहीं। इसके उलट दनदनाते हुए चला गया।
चलता हूं….
आपका,
रवीश कुमार
भड़ास डॉट कॉम के सौजन्य से