- December 13, 2022
कर्नाटक में मोदी-भूपेश आमने-सामने ? अभी से सजने लगी बिसात
ट्राई सिटी एक्सप्रेस। न्यूज
गुजरात विधानसभा चुनाव में सफलता से उत्साहित और साथ ही हिमाचल प्रदेश के नतीजों से सतर्कता के संदेश के साथ भाजपा अब कर्नाटक में 2023 के विधानसभा चुनावों पर ध्यान केंद्रित कर रही है। कर्नाटक में अपनी उपलब्धि को दोहराने के लिए बीजेपी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को जनवरी और फरवरी में तीन से चार बार राज्य में लाने की योजना बना रही है। इधर कांग्रेस में भी तैयारी तेज हो गई है। पार्टी छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल को मैदान में उतारने की तैयारी में है, वह भी नरेद्र मोदी के सामने।
केंद्रीय कोयला, खनन और संसदीय मामलों के मंत्री प्रह्लाद जोशी ने घोषणा की है कि पीएम मोदी जनवरी के पहले सप्ताह में आईआईटी-धारवाड़ का उद्घाटन करेंगे। इसे उत्तर कर्नाटक क्षेत्र के ड्रीम प्रोजेक्ट के रूप में जाना जाता है।
उत्तर और कल्याण कर्नाटक क्षेत्रों के मतदाताओं से अपील करने के लिए बेलागवी में आयोजित होने वाले एक बड़े किसान सम्मेलन के लिए भाजपा नेता पीएम मोदी को आमंत्रित करने के लिए भी तैयार हैं। प्रधानमंत्री फरवरी में बेंगलुरु में होने वाले एयरशो का भी उद्घाटन करेंगे। दूसरी ओर बघेल ने हिमांचल जीत के बाद कहा था कि हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस की जबरदस्त जीत हुई है। एक बस ड्राइवर का बेटा चुनाव जीतता है और मुख्यमंत्री बना है। हमारे छत्तीसगढ़ के बहुत सारे लोग हिमाचल गए थे। इस जीत में छत्तीसगढ़ का भी योगदान रहा। यहां के साथी भी लगातार वहां गये, प्रचार-प्रसार किया। छत्तीसगढ़ की कुछ योजनाओं को वहां 10 गारंटी में शामिल किया गया, उसका भी बड़ा प्रभाव है। मुख्यमंत्री ने कहा, हिमाचल देवभूमि है। अब देवभूमि से कांग्रेस के जीत की शुरुआत हुई है। पूरे देश भर में इसका संदेश जाएगा। अभी तक हम दो राज्य में थे। अब तीसरा राज्य हिमाचल हो गया है। अब कर्नाटक की बारी है। वहां भी कांग्रेस का परचम लहराएगा इसका हमें पूरा विश्वास है। इसके बाद घोषणा पत्र पर अभी से काम शुरू कर दिया गया है। छत्तीसगढ़ मॉडल को वहां भी लागू करने की प्लानिंग चल रही है।
कर्नाटक में बीजेपी से नाराज धड़े को भी साधने की जुगत
दूसरी ओर हिंदू महासभा ने भी सत्ताधारी पार्टी के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है और कह रही है कि भाजपा केवल सत्ता पर कब्जा करने के अपने उद्देश्य के साथ हिंदुत्व की जुबानी सेवा कर रही है। गौरतलब है कि श्री राम सेना और हिंदू महासभा तटीय और उत्तर कर्नाटक क्षेत्र में भाजपा के कट्टर समर्थक रहे हैं।इन दलों के भाजपा के खिलाफ खड़े होने से भगवा पार्टी के लिए यह चिंता का कारण बन गया है। बीजेपी का गढ़ माने जाने वाले तटीय इलाके में ये संगठन पार्टी को नुकसान पहुंचाने में सक्षम हैं। प्रमोद मुथालिक की उत्तरी कर्नाटक क्षेत्र और राज्य के अन्य जिलों में भी पार्टी कार्यकतार्ओं पर अच्छी खासी पकड़ है। इस पृष्ठभूमि में बीजेपी नेताओं ने आलाकमान से कहा है कि पीएम मोदी की उपस्थिति और भाषणों से पार्टी में बदलाव की उम्मीद है। सूत्रों ने कहा कि विरोध कर रहे हिंदू संगठनों को केवल पीएम मोदी ही फिर से पार्टी के साथ खड़ा कर सकते हैं। अब देखना यह है की मोदी और भूपेश की टक्कर में जीत किसकी होती है।