- May 2, 2023
छाबड़ा और एल्मा ने श्रमिकों के साथ बटकी में बोरेबासी खाकर श्रमिकों का किया सम्मान
ट्राई सिटी एक्सप्रेस। न्यूज
अधिकारी कर्मचारी, जनप्रतिनिधि सहित आम नागरिकों ने भी किया बोरे बासी का सेवन
जिला स्तर पर ग्राम बहिंगा में हुआ अन्तर्राष्ट्रीय श्रमिक दिवस का आयोजन
बेमेतरा। विधायक बेमेतरा आशीष कुमार छाबड़ा और कलेक्टर बेमेतरा पदुम सिंह एल्मा ने 01 मई को अंतर्राष्ट्रीय श्रमिक दिवस के अवसर पर श्रमिकों के साथ बटकी में बोरे-बासी खाकर श्रमिकों के प्रति सम्मान जताया। जिला मुख्यालय बेमेतरा से 19 किमी. दूर स्थित ग्राम बहिंगा में जिला स्तर पर अन्तर्राष्ट्रीय श्रमिक दिवस का आयोजन किया गया। इस अवसर पर जिला पंचायत सदस्य शशिप्रभा गायकवाड़, जिला पंचायत सीईओ श्रीमती लीना मण्डावी, अनुविभागीय अधिकारी (रा.) बेमेतरा सुरुचि सिंह, जनपद पंचायत उपाध्यक्ष मिथलेश वर्मा, जनपद पंचायत सीईओ बेमेतरा सहित अधिकारियों एवं आम नागरिकों ने भी बोरे-बासी खाकर श्रम और श्रमिकों के प्रति कृतज्ञता प्रकट की। इसी तरह पूरे जिले में श्रमिक दिवस के अवसर पर युवा, बच्चे, बुजुर्ग, स्व-सहायता समूह की महिलाएं, जनप्रतिनिधियों, व्यापारी दुकानदार सहित अन्य लोगों ने भी बोरेबासी खाकर अपने आहार और संस्कृति के गौरव को बढ़ाया और प्रदेश के समृद्ध संस्कृति और श्रमिकों के प्रति सम्मान जताया।
इस दौरान विधायक श्री छाबड़ा ने सभी श्रमिकों को श्रमिक दिवस की बधाई एवं शुभकामनाएं दी। उन्होंने कहा कि बोरे-बासी छत्तीसगढ़ी संस्कृति और खानपान का अभिन्न पहचान है जिसका स्वाद हर कोई लेना चाहेगा। प्रदेश सरकार ने मजदूरों के सम्मान के लिए श्रमिक दिवस पर बोरे-बासी खाकर इस दिवस को उत्सव के रुप में मनाने को कहा है। इस दिन किसान, मेहनतकश मजदूरों और श्रमिकों के सम्मान में बोरेबासी खा रहे हैं। श्रमिकों के परिश्रम से देश को ऊर्जा और देश के विकास को रफ्तार मिलती है। हम ऐसे मेहनतकश मजदूरों श्रमिकों का सम्मान करते हैं और श्रमिक दिवस की शुभकामनाएं देते हैं। आम नागरिक भी विटामिन और स्वाद से भरे बोरे बासी को अच्छे सेहत के लिए खाएं। इस अवसर पर विधायक श्री छाबड़ा ने श्रमिकों एवं महिला स्व-सहायता समूह के महिलाओं को शाल व श्रीफल भेंट कर उनका सम्मान किया।
कलेक्टर श्री एल्मा ने भी इस अवसर पर श्रमिकों को बधाई दी और कहा कि विश्व में 01 मई को अन्तर्राष्ट्रीय श्रमिक दिवस मनाया जाता है, छत्तीसगढ़ राज्य के विकास में श्रमिकों की भूमिका बहुत महत्वपूर्ण है। इसलिए इस राज्य में अन्तर्राष्ट्रीय श्रमिक दिवस के अवसर पर श्रमिकों के प्रति सम्मान प्रकट करते हुए बोर-बासी तिहार मानकर इसे उत्सव के रुप में मना रहे हैं। उन्होने कहा कि मनरेगा श्रमिकों एवं स्व-सहायता समूह की महिलओं के साथ बैठकर बोरे-बासी का सेवन किया है। छत्तीसगढ़ी संस्कृति और परम्परा को बनाए रखने के लिए यह एक अभिवन पहल है, आज के दिन पूरे प्रदेश के लोग बोरे-बासी का सेवन कर रहे हैं।
*दही, प्याज, मिर्च कांदा भाजी, चेंच भाजी, अमारी भाजी के साथ लिया बोरे-बासी का स्वाद*
विधायक एवं कलेक्टर सहित अधिकारियों एवं श्रमिकों ने बोरे-बासी खाकर श्रमिकों का मान बढ़ाया। सभी ने छत्तीसगढ़ की संस्कृति से जुड़े खानपान और व्यंजनों की पहचान बोरेबासी के साथ दही, प्याज, मिर्च कांदा भाजी, चेंच भाजी, अमारी भाजी का स्वाद लिया।
*पोषक तत्व और विटामिन से भरपूर है बोरे-बासी*
छत्तीसगढ़ में आज भी तेज धूप और गर्मी में जब यहां के किसान/श्रमिक अपने कार्य से बाहर जाते हैं तो वे अपने साथ टिफिन में बोरे-बासी और पाताल की चटनी, प्याज (गोंदली), सब्जी साथ लेकर चलते हैं। बोर-बासी पोषक तत्व और विटामिन-बी 12 के साथ आयरन, पोटेश्यिम, कैल्शियम भी भरपूर मात्र में रहता है। बोरे-बासी खाने से लू (हिट वेव) से बचाव होती है और स्वास्थ्य भी ठीक रहाता है। शिशुवती माताओं के लिए यह किसी वरदान से कम नहीं। इसके फायदे को देखते हुए प्रदेश के बड़े बुजुर्ग बड़े चाव से बोरे बासी खाना पसंद करते हैं और यह धीरे-धीरे विदेशों में भी लोकप्रिय हो रहा है।
ट्राई सिटी एक्सप्रेस रिपोर्टर*बेमेतरा* योगेश कुमार तिवारी*9425564553, 6265741003,