- July 6, 2024
मिलर्स-अफसरों में सांठगांठ ? सरकार को लगा रहे चपत, कागज में सब कुछ ओके दिखाने राइस मिलर्स को नोटिस
ट्राईसिटी एक्सप्रेस। न्यूज
कस्टम मिलिंग में घोटाला नई बात नहीं है। ईडी तक इस मामले में जांच कर चुकी है, लेकिन कमशीनखोरी का यह खेल बंद होने का नाम नहीं ले रहा है। मिलर्स खरीदी केंद्रों से धान उठाकर उसे दूसरे को बेच दे रहे हैं। इसके बाद मिलिंग के बाद का चावल समय पर जमा नहीं किया जा रहा है। लंबे समय से यह खेल चल रहा है। इस पूरे मामले में प्रशासनिक महकम नियमित रूप से समीक्षा करता है। मिलर्स को नोटिस जारी किया जाता है, इसके बाद कुछ दिन बाद पूरा मामला रफादफा कर दिया जाता है। साल दर साल यह खेल चल रहा है। शुक्रवार को कलेक्टर रणवीर शर्मा कस्टम मिलिंग के चावल को लेकर समीक्षा की। उन्होंने खाद्य विभाग और मार्कफेड के अधिकारियों से धान के उठाव और जमा किए गए चावल के बारे में जानकारी ली। बता दें कि धान की खरीदी को छह माह का समय गुजर चुका है, लेकिन अब तक कई मिलर्स चावल जमा नहीं किए हैं। इसे लेकर कलेक्टर ने भारतीय खाद्य निगम व नागरिक आपूर्ति निगम में मिलर्स को आबंटित स्टेक के विरुद्ध चांवल जमा की जानकारी ली। समीक्षा 4 राइस मिलर्स ओम साई राइस मिल, श्री मंगलम राइस इंडस्ट्रीज, श्याम राइस इंडस्ट्रीज एवं अग्रवाल इंडिया सर्विसेस LLP के द्वारा स्टॉक आबंटित होने के उपरांत भी दीर्घ अवधि व्यतीत होने के उपरांत भी भारतीय खाद्य निगम में सबसे कम चांवल जमा किया गया है। इस पर इन चारों मिलर्स को नोटिस जारी किया गया है। चावल क्यों जमा नहीं किया जा रहा है, खाद्य और मार्कफेड पर इन पर क्यों कार्रवाई नहीं की जा रही है। क्यों इनकी बैंक गारंटी राजसात नहीं की जा रही, इसे लेकर क्यों बात नहीं हुई। बस इन मिलर्स को जल्द चावल जमा करने के लिए नोटिस जारी करने की बात कहकर हर बार की तरह खानापूर्ति कर दी गई।
21 राइस मिलर्स ऐसे, जिन्होंने 50% या इससे कम चावल जमा किया
प्रारंभिक जानकारी में यह बात सामने आई है कि 21 मिलर्स ऐसे हैं, जिन्होंने 50 प्रतिशत या इससे कम चावल जमा किया है। जबकि उनके द्वारा धाना का उठाव लगभग पूरा कर लिया गया है। जिन राइस मिलर्स ने चावल 50 प्रतिशत से कम जमा किया उनमें शंखेश्वर राइस प्रोडक्ट्स, श्री देव राइस मिल, पुरुषोत्तम ग्लोबल प्राइवेट लिमिटेड, यश फुड प्रोडक्ट्स, जय बजरंग एग्रो, ओम साई राइस मिल, मेसर्स डुमरी एग्रोटेक, श्री श्याम राइस इंडस्ट्रीज, अक्षत उद्योग, खुशी इंडस्ट्रीज, सोहन राइस एग्रो, अनमोल राइस मिल, टीकाराम राइस मिल, अग्रसेन एग्रो, मेसर्स माँ अम्बे कमर्शियल, जय पाटेश्वर राइस इंडस्ट्रीज यूनिट, एस एन एग्रो इंडस्ट्रीज, राजशी फुड प्रोडक्ट्स, लक्ष्मी राइस मिल यूनिट 02, अग्रवाल इंडिया सर्विसेस LLP एवं गुरुनानक राइस मिल के नाम सामने आए हैं। इन मिलर्स ने नागरिक आपूर्ति निगम में धान उठाव के विरुद्ध 50% या कम अनुपातिक चावल जमा किया गया है। इन्हें कारण बताओं नोटिस जारी किया गया है। निर्धारित अवधि में संतोषप्रद जवाब प्राप्त नहीं होने पर संबंधित के विरुद्ध छ.ग. कस्टम मिलिंग चांवल उपार्जन आदेश, 2016 के प्रावधानों के अंतर्गत वैधानिक कार्यवाही की चेतावनी दी जाएगी। बता दें कि राज्य शासन ने मिलिंग के एवज में दी जाने वाली राशि मिलर्स को पहले ही जारी कर दी है। इतना ही नहीं प्रोत्साहन राशि भी जारी कर दी गई है। इस राशि को जारी किए जाने में भी बड़ा खेल होने की खबर है। मोटी रकम बड़े अफसरों और शासन में बैठे जिम्मेदारों को पहुंचाई गई।
ईडी की जांच में बड़े खुलासे, इसके बाद भी थम नहीं घोटाला
छत्तीसगढ़ में कस्टम मिलिंग के एवज में राइस मिलर्स को मिलने वाले प्रोत्साहन राशि के कमीशन लेने का भंडाफोड़ पिछले दिनों ईडी ने किया। प्रोत्साहन राशि दिलाने के नाम पर शासन स्तर पर कुछ कमीशन लिया जाता रहा है। छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की सरकार बनने के बाद इस प्रोत्साहन राशि में बढ़ोतरी की गई थी। साथ ही कमीशन भी बढ़ा दिया गया। इसके बाद भाजपा की सरकार सत्ता मे आई प्रवर्तन निदेशालय ईडी को जब इसकी भनक लगी, तो ईडी ने मार्कफेड, मिलर्स और खाद्य विभाग के अफसरों के ठिकानों में छापा मार कार्रवाई की। इस दौरान 140 करोड़ से ज्यादा का कस्टम राइस मिलिंग घोटाला सामने आया। इस मामले में पिछले करीब डेढ़ साल से लगातार जांच चल रही है। इस बीच प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने राजनांदगांव में राइस मिलर एसोसिएशन के जिला अध्यक्ष और मां बम्लेश्वरी मंदिर डोंगरगढ़ के ट्रस्टी मनोज अग्रवाल के आधा दर्जन ठिकानों में छापेमारी भी। रायपुर, राजनांदगांव और डोंगरगढ़ में अग्रवाल के दफ्तर, घर राजनांदगांव में भी छापा मारा गया। इसी मामले में ईडी ने तत्कालीन कोषाध्यक्ष रोशन चंद्राकर और मार्कफेड के एमडी मनोज सोनी को गिरफ्तार किया था। दोनों रायपुर जेल में निरुद्ध रहे। ईडी का आरोप है कि मार्कफेड के अधिकारी और राज्य चावल मिलर्स एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने मिलकर विशेष प्रोत्साहन राशि का दुरुपयोग किया है। सरकार से विशेष प्रोत्साहन राशि बढ़ाई गई। पहले सरकार धान की कस्टम मिलिंग में 40 रुपए प्रति क्विंटल भुगतान करती थी। इसे बढ़ाकर 120 रुपए प्रति क्विंटल कर दिया गया। दो किस्तों में इसे जारी किया जाना तय किया गया। इसमें कमीशन के रूप में प्रोत्साहन राशि का कुछ हिस्सा अफसरों ने लिए। ये राशि किसके इशारे पर लिए गए, इसकी जांच की जा रही।
प्रोत्साहन राशि की किस्त जारी, दो बार देना बड़ा मिलर्स को
खबर है कि मिलर्स को प्रोत्साहन राशि दो महीने पहले जारी कर दी गई है। पहली की सरकार में प्रोत्साहन राशि के लिए मिलर्स को कमीशन देना पड़ा। इसके बाद वर्तमान सरकार में भी प्रोत्साहन राशि की किस्त जारी करने के लिए कमीशन लिया गया। ईडी इस बात की भी जांच कर रही है कि वर्तमान सरकार में कमीशन का यह खेल कैसे हुआ। इसमें कौन-कौन से मिलर्स, अफसर संलिप्त हैं, इसकी जानकारी जुटाई जा रही है। खबर है कि जल्द ही कई बड़े नामों के खुलासे हो सकते हैं। बहरहाल प्रोत्साहन राशि के लिए मिलर्स ने कमीशन पहुंचाया, इसके बाद उन्हें यह राशि करीब ढाई महीने पहले जारी कर की गई। हालांकि कुछ मिलर्स का पैसा अब भी अटका हुआ है।
ट्राई सिटी एक्सप्रेस, ब्यूरो चीफ बेमेतरा, योगेश कुमार तिवारी, 9425564553, 6265741003,