- July 9, 2024
बेमेतरा जिला मुख्यालय में नहीं रहने वाले अफसरों की खैर नहीं, जल्द उनके नामों का खुलासा, हलफनामा देने के बाद भी मुख्यालय में नहीं रह रहे
ट्राईसिटी एक्सप्रेस। न्यूज
बेमेतरा में शासकीय सेवारत अधिकारियों और कर्मचारियों को अनिवार्य रूप से अपनी पदस्थापना वाले क्षेत्र के आसपास ही रहना है। बड़े अफसरों को जिला मुख्यालय में निवास करना जरूरी है, लेकिन बेमेतरा राज्य शासन के इस फरमान का पालन नहीं हो रहा है। बड़ी संख्या में अफसर रायपुर और दुर्ग-भिलाई से आवाजाही कर रहे हैं। खास बात यह है कि उनमें से कई ऐसे हैं, जिन्होंने जिला मुख्यालय में रहने का हलफनामा तक दे रखा है, इसके बाद भी वे अप-डाउन कर रहे हैं। इस खुलासे के बाद ऐसे सारे अधिकारियों और कर्मचारियों के नामों के खुलासे की तैयारी शुरू हो गई है। ऐसे अधिकारियों और कर्मचारियों का गोपनीय सर्वे किया जा रहा है, जो रोज आना-जाना कर रहे हैं। उनकी इस हरकत से शासकीय काम बुरी तरह से प्रभावित हो रहे हैं। खबर है कि ऐसे अधिकारियों में हेल्थ विभाग, पीडब्लूडी, जल संसाधन विभाग, आरटीओ, आबकारी और प्रशासनिक महकमें में बैठे कुछ अफसर शामिल हैं।
पहले भी इसे लेकर आदेश, लेकिन असर नहीं
मुख्यालय में अधिकारी-कर्मचारियों के नहीं रहने का असर सरकारी कार्यों में पड़ रहा है। अधिकारी-कर्मचारियों को मुख्यालय में ही रहने की सलाह दी गई थी। लेकिन अधिकारी-कर्मचारी अपनी मनमर्जी चला रहे हैं। मुख्यालय में रहने के बजाय रोजना आना-जाना कर रहे हैं। कई बार समय में कार्यालय भी नहीं पहुंचते, जिसका खामियाजा लोगों को भुगतना पड़ रहा है। ब्लाक के सरकारी कार्यालयों में लंबे समय से अधिकारी-कर्मचारियों की मनमानी चल रही है। कलेक्टर की चेतावनी का असर भी नहीं पड़ रहा है। शासकीय कार्यालयों में अधिकारियों एवं कर्मचारियों की अनियमित उपस्थिति से आम जनों की समस्या का निराकरण समय अवधि में नहीं हो रहा। इसका मुख्य कारण अधिकारियों एवं कर्मचारियों का पदस्थ स्थल पर मुख्यालय का ना होना ही है। कर्तव्य स्थल पर मुख्यालय नहीं रखने वाले ऐसे अनेक नौकरशाह है जो कार्यालय के निर्धारित समय में पदस्थ स्थल में आने जाने के कारण कार्यालय के निर्धारित समय में अपने कर्तव्य स्थल पर नहीं पहुंच पाते। जिला प्रशासन द्वारा अनेक बार पूर्व में पदस्थ स्थल पर मुख्यालय नहीं रखने वाले नौकरशाहों को मुख्यालय रखने कड़ी चेतावनी दी जा चुकी है। लेकिन प्रशासन द्वारा औचक निरीक्षण नहीं किए जाने से, चेतावनी बेअसर साबित हुआ है जो आज पर्यंत निरंतर जारी है। क
कार्रवाई से बचने का तरीका
अधिकारियों एवं कर्मचारियों का कर्तव्य स्थल पर मुख्यालय नहीं रखते हुए भी फर्जी तरीके से पदस्थ स्थल पर अपने शुभचिंतक के आवास में मुख्यालय में निवास करने का फर्जी प्रमाण पत्र दिया गया है। या किराए पर मकान उठा लिया गया है, लेकिन वहां रहने के बजाए अप-डाउन किया जा रहा है। प्रशासनिक महकमें के आपत्ति करने पर उस घर की जानकारी दे दी जाती है, जबकि महीनों वहां रहना नहीं होता, सिर्फ किराया दिया जा रहा है। या फिर कभी कभार ही रुक रहे हैं। ऐसे कई बड़े अफसर हैं, जो अप डाउन कर रहे हैं। कलेक्टर को भी इसकी जानकारी है, लेकिन अब तक इस विषय को गंभीरता से नहीं लिया गया था। अब नए सिरे से ऐसे अफसरों की पहचान की तैयारी की गई है। जल्द ही इनके नाम सार्वजनिक किए जाएंगे।
40% से ज्यादा अधिकारी और कर्मचारी सरकारी आदेश का पालन नहीं कर रहे
सरकारी अफसरों और कर्मचारियों को अब मुख्यालय में रहने का प्रमाण पत्र देने का नियम है। इसके लिए पहले एफिडेविट मांगा गया था। आदेश के बावजूद इसकी अनदेखी की गई। ग्रामीण क्षेत्रों में भी पंचायत सचिव, कृषि विस्तार अधिकारी, पटवारी से लेकर अन्य विभागों के अधिकारी-कर्मचारी गांव में नहीं रहते। शासन के आदेश के अनुसार सभी विभागों के अधिकारियों और कर्मचारियों को अपने मुख्यालय में रहना अनिवार्य है। मुख्यालय में न रहने पर आसपास के 8 किलोमीटर के एरिया में निवास कर सकते हैं। शासन के आदेश के बावजूद जिले के 40 फीसदी से ज्यादा अधिकारी, कर्मचारी इसका पालन नहीं कर रहे। अब इसकी मॉनिटरिंग की जाएगी। अधिकारी, कर्मचारियों के मुख्यालय में न रहने से ग्रामीण क्षेत्रों में नागरिकों को योजनाओं का फायदा नहीं मिल रहा है। इसकी लगातार शकायतें मिल रही है। विभाग के जिला अधिकारी को यह अधिकार है कि मुख्यालय में रहने की छूट दे या न दें। इस मामले में वे ही जिम्मेदार होंगे। अगर किसी अधिकारी, कर्मचारी ने मुख्यालय में रहने का फर्जी पता देकर गृह भाड़ा भत्ता लिया है तो इसके लिए कर्मचारी पर कार्रवाई होगी। बता दें कि कई बार यह मामला उठ चुका है, लेकिन इस पर ध्यान नहीं दिया गया है।
ट्राई सिटी एक्सप्रेस, ब्यूरो चीफ बेमेतरा, योगेश कुमार तिवारी, 9425564553, 6265741003,