- September 4, 2024
बेलगांव बेमेतरा में 17 बंदरों की गोली मारकर हत्या, न पीएम, न ही कोई जांच, पूरे मामले में लीपापोती करने की साजिश
ट्राईसिटी एक्सप्रेस। न्यूज
बेमेतरा
बेमेतरा जिले के ग्राम बेलगांव में एक हृदय विदारक घटना सामने आई है, जहां भरमार बंदूक से एक शिकारी ने 17 बंदरों को मौत को घाट उतार दिया। इस पूरे मामले में शुरू दिन से ही लीपापोती का प्रयास किया जा रहा है। प्रशासनिक महकमें की ढिलाई का खामियाजा शिकारी ने उठाया और वह भाग खड़े हुआ। शिकारी का नाम और पता तक किसी के पास नहीं है। बताया जाता है कि 28 अगस्त की रात बंदूक से इन बंदरों को मारा गया। जब गांव के कुत्ते इन बंदरों को नोचते और खिंचते हुए गांव में लेकर पहुंचे, तो ग्रामीणों को इसका पता चला। इसके बाद घटना की सूचना वन विभाग और प्रशासनिक अधिकारियों को दी गई। इसके बाद भी इस मामले में कहीं कोई कार्रवाई नहीं की गई। न ही पोस्टमार्टम कराया गया, न ही इन बंदरों के शव को कब्जे में लिया गया। एसडीओ वीएन दुबे ने यह जरूर बताया कि 4 बंदरों के कंकाल मिले हैं, 17 बंदरों की हत्या की पुष्टि नहीं हुई है, लेकिन जांच की जा रही है। किसके कहने पर इन बंदरों को मारा गया, इसके बारे में पूछताछ की जा रही है।
गांव के कुछ लोगों के शामिल होने की आशंका, जल्द नामों का होगा खुलासा
जानकारी के मुताबिक मामला काफी संवेदनशील है। शिकारी को गांव के ही कुछ लोगों ने बुलाकर लाया था। बंदरों के भगाने के लिए शिकारी को रखा गया था, लेकिन शिकारी ने बंदरों को मौत के घाट उतार दिया। इस घटना में गांव के ही कुछ लोगों के शामिल होने की खबर है। जानकारी के बाद एसडीओ वीएन दुबे साजा के ग्राम बेलगांव पहुंचे। उन्होंने बताया कि प्रारंभिक रूप से यह पता चला है कि बिरगांव में गांव वालों ने बंदर भगाने वालों को बुलाया था, बंदरों को भरमार बंदूक द्वारा मारे जाने का मामला सामने आया है, जिसकी सूचना 28 तारीख को वन विभाग को मिली थी, वर्तमान जानकारी के अनुसार चार बंदरों के मृत अवशेष और हड्डियां प्राप्त हुई, भरमार बंदूक में छर्रे डालकर बारूद भरकर चलाया जाता है , जिसके छर्रे बहुत दूर तक जाते हैं मृतक बंदरो की संख्या अभी पूर्णतः जांच का विषय है, जिसमें केवल चार मृत बंदरों के अवशेष प्राप्त हुए हैं। एसडीओ वी एन दुबे ने बताया कि गांव वालों का कहना है कि उन्होंने केवल बंदरों को भगाने के लिए ही, बंदर भगाने वालों को बुलाया था बंदरों को मारना उनका मकसद नहीं था परंतु छर्रे लगने की वजह से कितने बंदरों को चोट आई और कितने मृत हुए अभी यह कहना संभव नहीं है। जांच के पश्चात दोषियों पर उचित कार्यवाही की जाएगी।
वन्य प्राणियों की हत्या और नुकसान पहुंचाने पर कानून सख्त
जानकारी के मुताबिक वन्य प्राणियों की हत्या या उन्हें नुकसान पहुंचाने को लेकर सख्त कानून बने हुए हैं। अनुसूची एक में 43 वन्य जीवों को शामिल किया गया है। इसमें धारा 2, धारा 8, धारा 9, धारा 11, धारा 40, धारा 41, धारा 43, धारा 48, धारा 51, धारा 61 और धारा 62 के तहत दंड का प्रावधान किया गया है। वन्यजीव संरक्षण अधिनियम, 1972 के तहत, किसी भी जानवर या पौधे के शिकार, कब्ज़े, या बिक्री पर गंभीर दंड का प्रावधान है. इसमें तीन साल तक की जेल या जुर्माना या दोनों हो सकते हैं। प्रिवेंशन ऑफ क्रुएलिटी ऑफ एनिमल एक्ट और वाइल्डलाइफ एक्ट के तहत अलग-अलग सजा और जुर्माने का प्रावधान किया गया है। अगर कोई व्यक्ति किसी पशु-पक्षी को शारीरिक यातना पहुंचाता है तो उसे 100 रुपए के जुर्माने के साथ तीन माह की जेल हो सकती है।। इसी तरह अगर कोई पशुओं और पक्षियों के अंग निकालता है तो उसे 25 हजार रुपए जुर्माने के साथ अधिकतम सात साल की कैद हो सकती है। किसी पशु-पक्षी को बंधक बनाकर रखने और कष्ट देने पर तीन माह से एक साल तक की सजा का प्रावधान है।
ट्राई सिटी एक्सप्रेस, ब्यूरो चीफ बेमेतरा, योगेश कुमार तिवारी, 9425564553, 6265741003,