• October 3, 2024

जल जीवन मिशन ने बदल दी हेमाबंद की तस्वीर, पहले पानी के लिए दूर तक जाना पड़ता था, अब घर में ही नल

जल जीवन मिशन ने बदल दी हेमाबंद की तस्वीर, पहले पानी के लिए दूर तक जाना पड़ता था, अब घर में ही नल

ट्राई सिटी एक्सप्रेस। न्यूज

 

बेमेतरा। छत्तीसगढ़ के बेमेतरा जिले के हेमाबंद ग्राम की कहानी उन ग्रामीण क्षेत्रों की मिसाल है, जहां जल जीवन मिशन ने जीवन स्तर को न सिर्फ सुधार दिया है, बल्कि वहाँ के लोगों को एक नई उम्मीद भी दी है। जिला मुख्यालय से 30 किलोमीटर दूर स्थित इस छोटे से गाँव में लगभग 172 परिवार निवास करते हैं। गाँव के लोग मुख्य रूप से कृषि और मजदूरी पर निर्भर हैं, जो उनकी आजीविका का प्रमुख साधन है। पहले इस गांव में पानी की भारी कमी थी, और पीने के लिए पानी का एकमात्र स्रोत हैण्डपंप थे।

पानी की समस्या: ग्रामीणों की कठिनाइयाँ

ग्राम हेमाबंद के लोग लंबे समय से पेयजल के लिए संघर्ष कर रहे थे। हैण्डपंपों से पानी निकालने में काफी दिक्कतें आती थीं। गर्मियों के दिनों में जब जलस्तर नीचे चला जाता था, तब पानी निकालना और भी मुश्किल हो जाता था। कई बार पानी भरने के लिए लोगों को लंबी लाइन में खड़ा रहना पड़ता था। कुछ ग्रामीणों को तो दूर-दराज के क्षेत्रों से पानी लाना पड़ता था। इस प्रक्रिया में न केवल उनका कीमती समय नष्ट होता था, बल्कि मेहनत भी अधिक लगती थी। पानी की कमी का सबसे अधिक प्रभाव महिलाओं और बच्चों पर पड़ता था, जिन्हें दिन का एक बड़ा हिस्सा पानी लाने में बिताना पड़ता था।

जल जीवन मिशन की शुरुआत: उम्मीद की किरण

वर्ष 2024 में ग्राम हेमाबंद में जल जीवन मिशन के तहत नल जल योजना की शुरुआत हुई। इस योजना का उद्देश्य हर ग्रामीण परिवार को नल के माध्यम से शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराना था। इस योजना से ग्रामवासियों की जिंदगी में बड़ा बदलाव आया। श्रीमती पन्ना बाई जैसी कई और महिलाओं को अब पानी लेने कही और दूर नहीं जाना पड़ता।उनके घर में ही शुद्ध जल आ रहा है।
गाँव के सरपंच प्रमोद मार्कण्डे बताते हैं कि पहले ग्रामीणों को पीने का पानी जुटाने के लिए कड़ी मशक्कत करनी पड़ती थी। पानी के लिए हैण्डपंप पर निर्भरता होने के कारण कई समस्याओं का सामना करना पड़ता था, लेकिन जल जीवन मिशन की वजह से अब हर घर में नल के माध्यम से शुद्ध पेयजल उपलब्ध हो रहा है।

जल जीवन मिशन के प्रभाव: खुशहाली और बदलाव

जल जीवन मिशन के तहत गाँव में पाइपलाइन बिछाई गई और पानी की टंकी स्थापित की गईं। अब प्रत्येक घर में नल के माध्यम से पेयजल पहुंचाया जा रहा है। इससे ग्रामीणों की दिनचर्या में उल्लेखनीय बदलाव आया है। जो समय पहले पानी लाने में खर्च होता था, वह अब कृषि और अन्य उपयोगी कार्यों में लगाया जा रहा है। इससे लोगों की उत्पादकता बढ़ी है और उनके जीवन स्तर में भी सुधार हुआ है।

ग्राम की महिलाएँ, जो पहले दिन भर पानी जुटाने में व्यस्त रहती थीं, अब अपना समय बच्चों की देखभाल और अन्य घरेलू कामों में व्यतीत कर पा रही हैं। बच्चों को भी पढ़ाई के लिए अधिक समय मिलने लगा है, जिससे उनका शैक्षणिक स्तर भी सुधर रहा है।

सामुदायिक स्वास्थ्य में सुधार

शुद्ध पेयजल की उपलब्धता के कारण गाँव में जलजनित बीमारियों में भी कमी आई है। पहले गंदा पानी पीने के कारण कई ग्रामीणों को बीमारियों का सामना करना पड़ता था, जिससे उनका स्वास्थ्य प्रभावित होता था। अब शुद्ध जल के कारण बीमारी का खतरा कम हुआ है और लोग पहले से ज्यादा स्वस्थ रहने लगे हैं। इससे न केवल उनके जीवन की गुणवत्ता में सुधार आया है, बल्कि चिकित्सा खर्चों में भी कमी आई है।

सकारात्मक सामाजिक प्रभाव

जल जीवन मिशन ने ग्राम हेमाबंद में सामाजिक समरसता को भी बढ़ावा दिया है। पहले पानी के लिए होने वाले विवाद अब समाप्त हो गए हैं। हर घर में शुद्ध पानी की सुविधा होने से गाँव में शांति और सामंजस्य का वातावरण बना है। लोगों को अब पानी के लिए किसी प्रकार की चिंता नहीं रहती, और वे अन्य महत्वपूर्ण कार्यों पर ध्यान दे पा रहे हैं।

एक नई शुरुआत, गांवों तक पहुंचा पीने का पानी

जल जीवन मिशन ने हेमाबंद ग्राम के जीवन को एक नई दिशा दी है। सरपंच प्रमोद मार्कण्डे के नेतृत्व में इस योजना का सफल कार्यान्वयन हुआ, जिससे पूरे गाँव के लोग लाभान्वित हो रहे हैं। अब गांव में पानी की समस्या नहीं है, और हर परिवार के घर में नल से शुद्ध पेयजल उपलब्ध है। यह कहानी जल जीवन मिशन की सफलता का प्रमाण है और इस बात की मिसाल है कि सही नीतियों और योजनाओं के माध्यम से ग्रामीण क्षेत्रों में जीवन स्तर को बेहतर किया जा सकता है।

 

ट्राई सिटी एक्सप्रेस, ब्यूरो चीफ बेमेतरा, योगेश कुमार तिवारी, 9425564553, 6265741003,


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