- January 21, 2025
पंचायत चुनाव में ओबीसी आरक्षण शून्य किए जाने के विरोध में कांग्रेस, कहा- भाजपा का असली चेहरा जनता के सामने, ओबीसी वर्ग भाजपा को न करें वोट
ट्राई सिटी एक्सप्रेस। न्यूज
त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में अन्य पिछड़ा वर्ग का आरक्षण समाप्त करने के विरोध में कांग्रेस कमेटी ने मोर्चा खोल दिया है। बेमेतरा में प्रभारी बनाई गई सीमा वर्मा ने मीडिया से चर्चा के दौरान आरोप लगाया कि प्रदेश में सर्वाधिक आबादी वाले वर्ग का आरक्षण साजिश के तहत समाप्त किया गया है। पूर्व में पंचायत चुनावों में ओबीसी वर्ग को आरक्षण मिलता था, इसे भाजपा ने साजिश के तहत समाप्त कर दिया है। 3 दिसंबर 2024 के अधिसूचना के द्वारा प्रदेश की भाजपा सरकार ने पूरे प्रदेश में त्रि-स्तरीय पंचायत चुनाव में जिला एवं जनपद सदस्य के पदों पर आरक्षण की सीमा 50 प्रतिशत तय कर दिया है।
पुरानी व्यवस्था के अंतर्गत पांचवीं अनुसूची वाले जिलों में आरक्षण सीमा को बढ़ाकर अन्य पिछड़ा वर्ग के लोगों को त्रि-स्तरीय पंचायत चुनाव में जनप्रतिनिधित्व का न्यायोचित अवसर दिया जाता था। इसे भाजपा ने समाप्त कर दिया है। पत्रकार वार्ता में उन्होंने कहा कि त्रिस्तरीय पंचायत एवं नगरी निकाय चुनाव 2025 में राज्य की भाजपा सरकार द्वारा आरक्षण प्रक्रिया के नियमों में दुर्भावना पूर्वक किए संशोधन किया है। इसके विरोध में छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष के आदेश अनुसार आगामी 19 से 21 जनवरी के बीच प्रदेश के नियुक्त प्रभारी प्रवक्ताओं की उपस्थिति में हर जिले में जानकारी दी रही है। इसी तारतम्य में वे बेमेतरा में पत्रकारों के बीच आईं हैं। नगरी निकायों और त्रिस्तरीय पंचायत में भाजपा सरकार के द्वारा कराए गए वर्तमान आरक्षण प्रक्रिया के चलते प्रदेश में ओबीसी वर्ग का नुकसान हुआ है, सरकार आरक्षण को रद्द कर फिर से आरक्षण कारण ओबीसी वर्ग के आरक्षण को बहाल करें इसके लिए अध्यादेश लाना पड़े तो लाया जाए ,विधानसभा की विशेष सत्र को बुलाना पड़े तो बुलाया जाए लेकिन ओबीसी वर्ग के आरक्षण को बहाल किया जाए, जिला पंचायत अध्यक्ष का एक भी सीट ओबीसी के लिए आरक्षित नहीं है नगरी निकाय क्षेत्रों में ओबीसी वर्ग के आरक्षण में कटौती हो गई है, कांग्रेस सरकार के समय 2019-20 में प्रदेश जब जिलों की संख्या 27 थी, तब अनुसूचित जनजाति के लिए 13, अनुसूचित जाति के लिए तीन, ओबीसी के लिए 7, सामान्य वर्ग के लिए 4,जिला पंचायत सीटें आरक्षित थी, भाजपा सरकार ने षडयंत्र पूर्वक इसमें कटौती किया। यह कि जिलों की संख्या अब 33 हो गई लेकिन ओबीसी का आरक्षण 7 से घटकर शून्य हो गया। प्रदेश के सभी जिला पंचायत एवं जनपदों में जहां पहले 25% सीटें अन्य पिछड़ा वर्ग के उम्मीदवारों के लिए आरक्षित हुआ , अब अनुसूचित क्षेत्रों में ओबीसी आरक्षण लगभग खत्म हो गया है , सरकार के द्वारा आरक्षण प्रक्रिया के नियमों में किए गए संशोधन के बाद अनुसूचित जिले, शहर और ब्लॉकों में जिला पंचायत सदस्य ,जनपद सदस्य और पंचों का जो भी अन्य पद पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षित था ,अन्य वर्ग के लिए आरक्षित हो गया है, पहले ओबीसी को धोखा दिया और अब सामान्य वर्ग को ठगने जा रहे है, जब पूरे प्रदेश में सरकार के खिलाफ विरोध हो रहा तब कह रहे की अनारक्षित वर्ग की आधा सीटों में पिछड़ा वर्ग को लड़ाएंगे, पहले तो पिछड़ों के संवैधानिक अधिकार में डाका डाला , और अब जले में नमक छिड़क रहे ,अनारक्षित सीटों में तो सामान्य, एससी, एसटी, ओबीसी कोई भी लड़ सकता है, जहां पर जैसी स्थिति होती है लोग लड़ते भी हैं इसमें भाजपा क्या एहसान कर रही, भाजपा का एहसान नहीं बाबा साहब के संविधान के द्वारा दिया गया आरक्षण का अधिकार चाहिए।
ट्राई सिटी एक्सप्रेस, ब्यूरो चीफ बेमेतरा, योगेश कुमार तिवारी,9425564553, 6265741003,