- August 22, 2024
कोहका में धड़ल्ले से अवैध प्लाटिंग, प्राइवेट लैंड को बेचने षड़यंत्र रच रहा जालसाज सरोज गुप्ता, मृत वास्तविक भू-स्वामी की बुजुर्ग पत्नी से हस्ताक्षर लेने का असफल प्रयास
ट्राईसिटी एक्सप्रेस। न्यूज
भिलाई
साकेत नगर कोहका में इन दिनों में राजनीतिक संरक्षण में अवैध प्लाटिंग का काम धड़ल्ले से चल रहा है। ऐसा ही एक मामला पिछले दिनों सामने आया है। खसरा नं 64/1,64,2 64/3,64/4 जमीन पर अवैध प्लाटिंग का खेल चल रहा है। जमीन कषि कार्य के लिए आरक्षित है, लेकिन जमीन पर बिना डायवर्सन कराए प्लाट काटकर बेचा जा रहा है। यहां मकानों का निर्माण शुरू हो गया है। मोबाइल टावर लगाए जा रहे हैं। इतना ही नहीं इस खसरा नंबर से सटी एक और जमीन है, जिसके मालिक जमीन को बेचना नहीं चाह रहे हैं, लेकिन सरोज गुप्ता इस जमीन को बेचने को लेकर लगातार फर्जी पेपर बनाकर हस्ताक्षर करवाने का कोशिश कर रहा है। उनके द्वारा 21 अगस्त की सुबह दीपक नगर स्थित उक्त भूस्वामी के घर पहुंचकर दबाव बनाने का प्रयास भी किया गया। जानकारी के मुताबिक सरोज गुप्ता घर के बाहर आधे घंटे से ज्यादा समय खड़े रहा। उसने 15 से 20 बार फोन किया, जब भूस्वामी द्वारा फोन नहीं उठाया गया, तो वाट्सएप पर भाई आपके घर के पास खड़ा हूं प्लाजी कॉल का मैसेज किया। जब फोन नहीं उठा तो सीधे घर में दाखिल हो गया। पुराने हस्ताक्षर के आधार पर जमीन को बेचने के लिए दबाव बनाने का प्रयास किया। यहां तक भू स्वामी के मृत पिता के अंगूठे के आधार पर पेपर तैयार किए जाने का हवाला दिया। बता दें कि सरोज गुप्ता की खसरा नंबर वाली जमीन में अवैध प्लाटिंग का खेल लंबे समय से चल रहा है। पहले भी उनके खिलाफ शिकायत हो चुकी है। उन्हें नोटिस भी जारी किया गया था। इस मामले में सड़क की जमीन की कब्जा पर कार्रवाई कार्रवाई को लेकर भी शिकायत की गई थी। भिलाई के अशोक रेनके ने तत्कालीन कलेक्टर और तत्कालीन निगम आयुक्त एसकु सुंदरानी को एक शिकायत की थी। जिसमें उन्होंने कहा था कि इंदू आईटी स्कूल के सामने सड़क के लिए अधिग्रहित जमीन पर 5 से अधिक लोगों ने कब्जा किया है। बकायदा भवन निर्माण भी हो रहा है। इस मामले में अब तक जिला व निगम प्रशासन की ओर से कार्रवाई नहीं हुई है। शिकायतकर्ता का कहना था कि, पीडब्ल्यूडी व नजूल की जमीन पर कुछ लोगों ने कब्जा किया है। सड़क तक के लिए जगह नहीं छोड़ी गई है। इस मामले में उस समय सुंदरानी ने ऐसे भूमाफियाओं पर कार्रवाई के लिए शिकंजा भी कसा, लेकिन उनके ट्रांसफर होने के बाद से पूरे मामले को ठंडे बस्ते में डाल दिया गया।