• February 25, 2024

असंवेदनशीलता की पराकाष्ठा, 90 जोड़ों की हल्दी चढ़ने के बाद शादी रुकवा दी, भूपेश ने कहा-मुख्यमंत्री दें जवाब

असंवेदनशीलता की पराकाष्ठा, 90 जोड़ों की हल्दी चढ़ने के बाद शादी रुकवा दी, भूपेश ने कहा-मुख्यमंत्री दें जवाब

ट्राईसिटी एक्सप्रेस। न्यूज

महिला एवं बाल विकास विभाग दुर्ग के अफसरों की अकर्मण्यता, असंवेदनशीलता और लापरवाही के चलते सब कुछ तय होने के बाद भी 90 जोड़े परिणय सूत्र में नहीं बंध पाए। 22 फरवरी को इन जोड़ों की शादियां होनी थी। इसके लिए पहले इन जोड़ों को खबर भेजी गई। 22 जनवरी की डेट तय की गई, लेकिन बाद में असमय फंड नहीं आने की बात कहकर शादी पर ही रोक लगा दी गई। जबकि इन जोड़ों ने शादी के सारे संस्कार पूरे कर लिए थे। बस फेरे ही लगने शेष थे, लेकिन फेरे नहीं हो पाए। धमधा और चरोदा मंगल भवन में इन जोड़ों की शादियां तय की गई थी। बता दें कि इन जोड़ों के सामने अब एक नया संकट पैदा हो गया है, इनमें से अधिकांश ने शादी कर ली गई है। अब योजना के तहत उन्हें मिलने वाली 50 हजार की राशि मिलेगी कि नहीं, इस पर संशय पैदा हो गया है। 50 हजार में 21 हजार रुपए कन्या के खाते में सीधे ट्रांसफर किए जाते हैं। इसके अलावा शेष राशि अलग-अलग कामों में खर्च की जाती है। इस मामले को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि यह भाजपा सरकार की असंवेदनशीलता को प्रदर्शित करता है। इस मामले में प्रदेश के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय को जवाब देना चाहिए। साथ ही जिम्मेदार अफसरों पर कार्रवाई करनी चाहिए, जिन्होंने रीति-रिवाज से तो खिलवाड़ किया ही, इन जोड़ों की संवेदनाओं से भी खेला। जबकि कोई इतनी बड़ी रकम नहीं थी, जिसकी वजह से शादियां रोकी जाती। इस पूरे मामले में जांच कर दोषियों पर कार्रवाई की जानी चाहिए। बता दें कि दुर्ग जिले के तीन जगहों पर एक ही दिन 22 फरवरी को शादियां तय की गई थी। इसमें बैकुंठधाम भिलाई में 79, चरोदा में 40 और धमधा में 50 शादियां होनी थी। इसके लिए 12 फरवरी तक आवेदन लिए गए। 19 फरवरी को सूचना भेजी गई कि शादियों की तारीख तय कर दी गई है। सुपरवाइजरों ने फोन पर इसकी जानकारी दी। बाद में अचानक शादी रद्द कर दी गई। इसके कारण कुछ लोगों ने तो शादी नहीं की, लेकिन कुछ परिवार ऐसे रहे, जिनके घरों में शादी के कार्ड छप गए। शादी के सारे संस्कार हो गए। हल्की तक चढ़ गई। इसके कारण उन्होंने शादी नहीं रोकी और शादी कर ली। इस मामले में अब तक संबंधित विभाग के अफसरों ने चुप्पी साध ली है। वहीं किसी भी प्रकार की कार्रवाई नहीं की गई है।


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