• December 30, 2022

केंद्र की महंगाई और राज्य की बढ़ते बिजली का बिल मार गई, आम आदमी परेशान

केंद्र की महंगाई और राज्य की बढ़ते बिजली का बिल मार गई, आम आदमी परेशान

बिजली वीसीए चार्ज बढ़ा: दिसंबर-जनवरी में प्रति यूनिट 49 पैसे वृद्धि, 4 माह में दूसरी बार बढ़ाया गया

ट्राई सिटी एक्सप्रेस। न्यूज

केंद्र की बढ़ती महंगाई से लोग पहले ही प्रश्न हैं। अब राज्य सरकार ने बिजली बिल में बढ़ोतरी शुरू कर दी है।
दिसंबर और जनवरी का बिजली बिल प्रदेश के 55 लाख से ज्यादा उपभोक्ताओं को प्रति यूनिट 0.49 रुपए (49 पैसे) महंगा पड़ेगा। छत्तीसगढ़ राज्य पावर कंपनी ने वीसीए चार्ज बढ़ाने की घोषणा की है। पिछले चार महीने में यह दूसरी बार है, जब बिजली बिल वीसीए चार्ज की वजह से बढ़ाया जा रहा है। वजह बताई जा रही है कि अगस्त और सितंबर में खरीदी गई बिजली महंगी मिली है। बिजली के लिए जो पैसे ज्यादा दिए गए हैं, उसे एडजस्ट करने के लिए ही वीसीए चार्ज में 0.49 रुपए प्रति यूनिट की वृद्धि की जा रही है।
बिजली कंपनी अभी तक उपभोक्ताओं से 0.61 रुपए प्रति यूनिट की दर से वीसीए चार्ज ले रही है। दिसंबर और जनवरी के लिए यह बढ़कर 1.10 रुपए प्रति यूनिट हो जाएगी। यानी उपभोक्ताओं के बिजली बिल में 0.49 रुपए प्रति यूनिट का अतिरिक्त भार पड़ेगा। इससे पहले बिजली कंपनी ने सितंबर 2022 में भी वीसीए चार्ज 0.23 रुपए प्रति यूनिट की वृद्धि की थी। इस तरह देखा जाए तो चार महीने में बिजली 0.72 रुपए प्रति यूनिट महंगी हो गई है। बिजली कंपनी के अफसरों का कहना है कि अगस्त व सितम्बर 2022 के दौरान छत्तीसगढ़ स्टेट पॉवर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी ने जो बिजली खरीदी है, उसकी लागत नियामक आयोग से अनुमोदित दर की तुलना में 549 करोड़ रुपए ज्यादा है।
बिल 400 का बना तो 49 रु. बढ़ेंगे
प्रति यूनिट 49 पैसे की वृद्धि का भार अलग-अलग खपत वाले उपभोक्ताओंे के लिए भिन्न होगा। जैसे 100 यूनिट की खपत वाले उपभोक्ताओं का बिल 400 रुपए आता है। 50 फीसदी हाफ रेट के बाद बिल 200 रुपए का आता है। इस बिल पर अब उपभोक्ताओं को 49 रुपए अतिरिक्त देना पड़ेगा। इसी तरह 200 यूनिट की खपत पर बिल करीब 800 का बिल आता है। 50 फीसदी छूट के बाद बिल करीब 400 रुपए का आएगा। इस खपत पर 98 रुपए अतिरिक्त वीसीए चार्ज लिया जाएगा। इसी तरह जैसे-जैसे खपत बढ़ती जाएगी, वीसीए चार्ज खपत के अनुपात में बढ़ता जाएगा। यानी जिनका बिल ज्यादा होगा, उन्हें वीसीए चार्ज भी ज्यादा देना होगा।
वीसीए यानी बिजली खरीदने में बढ़े खर्च का समायोजन
बिजली कंपनी के अफसरों के अनुसार पावर प्लांट्स में बिजली उत्पादन के लिए मुख्य ईंधन कोयला व तेल है। इनकी कीमत बाजार मूल्य के अनुरूप घटती-बढ़ती रहती है। राज्य विद्युत नियामक आयोग ने विद्युत दरों के निर्धारण के बाद ईंधन कीमत में बढ़ी अथवा घटी हुई कीमत के समायोजन के लिए वीसीए की दर की गणना मई 2012 से लेकर सितंबर 2015 तक त्रैमासिक आधार पर करता है। फिर वीसीए (वेरिएबल काॅस्ट एडजस्टमेंट) का निर्धारण हर दो महीने के आधार पर किया जाता है।
बिल बढ़ने के बावजूद हाफ रेट का फायदा भी दिया जाएगा
वीसीए चार्ज में हाफ रेट बिजली योजना का लाभ भी मिलता है। वितरण कंपनी के कुल खर्चे का लगभग 85 प्रतिशत खर्चा पॉवर परचेस में होता है, जो कि ईंधन के रूप में खरीदी मूल्य में कमी या वृद्धि के कारण घटता-बढ़ता रहता है। वित्तीय वर्ष प्रारंभ होने के पूर्व राज्य नियामक आयोग विद्युत दर का निर्धारण करता है। और ईंधन की दर में बढ़ोत्तरी होने पर विद्युत वितरण कंपनी पर पड़ने वाली अतिरिक्त वित्तीय भार को एक निश्चित फ़ार्मूले से व्हीसीए चार्ज के रूप में समायोजित किया जाता है।


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