• December 8, 2022

बीजेपी बदलेगी अध्यक्ष, सरगुजा और बस्तर के रास्ते सत्ता पाने की प्लानिंग

बीजेपी बदलेगी अध्यक्ष, सरगुजा और बस्तर के रास्ते सत्ता पाने की प्लानिंग

ट्राईसिटी एक्सप्रेस। न्यूज 

गुजरात विधानसभा चुनाव खत्म होने के बाद भारतीय जनता पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व की अगली नजर 2023 में राज्यों के विधानसभा चुनाव और 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव पर है। जिसको देखते हुए केंद्रीय नेतृत्व के नेताओं ने अभी से ही अपनी रणनीति बनानी शुरु कर दी है। इसी को ध्यान में रखते हुए सोमवार और मंगलवार को दिल्ली के बीजेेपी मुख्यालय में राष्ट्रीय पदाधिकारियों की चिंतन बैठक हुई। बैठक के बाद से कई खबरें सामने निकलकर आ रही है। खबरों के अनुसार बैठक में आगामी चुनाव को लेकर पार्टी  ने ब्लूपिंट तैयार कर लिया है।

अगले साल जिन राज्यों में चुनाव होने वाले है उसमें भाजपा का गढ़ माना जाने वाला मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ भी शामिल है। अब राजनीतिक विशेषज्ञ यह कयास लगा रहे है कि गुजरात विधानसभा चुनाव के बाद मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ की राजनीति में कुछ बड़ा होने वाला है। अगले साल विधानसभा चुनाव होने वाले है। जिसको देखते हुए यहां कि सियासत केंद्र में आ गई है। गुजरात विधानसभा चुनाव में जिस तरह से अदिवासी इलाको से बंपर वोटिग की खबरें समाने आई है उससे अब यह साफ हो गया है कि भाजपा ने आदिवासी वोटरों पर अपना फोकस तेज कर दिया है।

पिछले दिनों राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा को प्रदेश के आदिवासी अंचल में भारी समर्थन देखने को मिला था। उसे देखते हुए भाजपा हाईकमान ने प्रदेश में अदिवासी वोटर्स को लुभाने के लिए अपनी कोशिशें तेज कर दी है। कांग्रेस पार्टी की आदिवासियों के बीच बढ़ती लोकप्रियता को देखते हुए भाजपा ने आदिवासी नेतृत्व को आगे लाने का काम शुरू कर दिया है। प्रदेश में विधानसभा चुनाव को देखते हुए राज्य में भाजपा संगठन और सरकार में आदिवासी वर्ग की भागीदारी बढ़ाने को लेकर सियासी कवायद भी तेज हो गई है। छत्तीसगढ़ में विष्णु देव साय को हटाकर अरुण साव की प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया है, लेकिन उनकी कार्य प्रणाली और जना धार को देखते हुए पार्टी ने नए अध्यक्ष की तलाश शुरू कर दी है। पार्टी ने भाजपा के पूर्व वरिष्ठ नेताओं में रमेश बैस, पूर्व मुख्यमंत्री डा. रमन सिंह, सरोज पांडेय, विष्णु देव साय से लेकर अन्य से विचार विमर्श भी किया है। हालांकि इसकी अधिकृत पुष्टि नहीं की गई है की चर्चा आखिर कहां और कैसे की गई।

आदिवासी वोटर्स को लुभाने के लिए नई योजना पर काम किया जा रहा है। शीर्ष नेता जल्द आदिवासी बाहुल्य इलाके में पार्टी को मजबूत करने का काम करने उतरने वाले हैं। अगले साल विधानसभा चुनाव को देखते हुए भाजपा संगठन और सरकार में पहले से ही फेरबदल की अटकलें लगाई जाने लगी है।  गुजरात में चुनाव के बाद उन अटकलों की अग्नि परीक्षा शुरू हो चुकी है। प्रदेश में सत्ता से बाहर पार्टी में जल्द ही बड़े बदलाव देखने को मिल सकते हैं।

सरगुजा और बस्तर के रास्ते कुर्सी तक पहुंचने की कोशिश

बीजेपी इस बार पूरी प्लानिंग के साथ मैदान में उतरने की तैयारी में हैं। पूर्व में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमित शाह ने विधानसभा चुनाव में मिली हार के बाद छत्तीसगढ़ में सरकार आने का इरादा ही छोड़ दिया था। कई छत्तीसगढ़ के नेताओं को तो यहां तक कहा था कि 2023 का विधानसभा चुनाव भूल जाएं। 2028की तैयारी करें, लेकिन कांग्रेस के गिरते जनाधार और लगातार भ्रष्टाचार, कमीशनखोरी, अपराध के बढ़ते मामलों ने उन्हें सत्ता में वापसी नजर आने लगी है। इसके चलते उन्होंने पूरी ताकत से चुनाव में उतरने का निर्णय लिया है। जीत के लिए सरगुजा और बस्तर की सीटों पर फोकस वर्किंग की जा रही है। आगामी दिनों में राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा भी प्रदेश के दौरे पर आने वाले हैं।

 

 


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