- December 15, 2022
8 टन वजनी रोलर में दबने से मजदूर की मौत, जानकारी छिपाते रहा बीएसपी
ट्राई सिटी एक्सप्रेस। न्यूज
बीएसपी में एक बार फिर हादसा हुआ। एक श्रमिक की मौत हो गई। इस मामले को बीएसपी दबाने का प्रयास करते रहा। जब बात नहीं बनी तो घटना को बदलकर पेश करने का प्रयास शुरू कर दिया। स्वास्थ्य एवम यांत्रिकी सेवा विभाग के अधिकारियों के मुताबिक रोलर में दबने से मजदूर की मौत हुई, जबकि बीएसपी के मुताबिक कन्वेयर बेल्ट में फसने से मौत हुई। इन सब के बीच मृतक का अंतिम संस्कार बुधवार को कर दिया गया। साथ ही मृतक की पत्नी को नौकरी का भी आश्वाशन दिया गया।
एक दिन पहले भिलाई स्टील प्लांट के सिंटर प्लांट 2 में एक बड़ा हादसा हो गया था। यहां कन्वेयर बेल्ट की चपेट में आने से ठेका श्रमिक की मौत हो गई। हादसा होने के बाद मजदूर को तुरंत मेन मेडिकल पोस्ट में ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
जानकारी के मुताबिक मंगलवार शाम सिंटर प्लांट 2 में हादसा हुआ। यहां बीएसपी ठेका श्रमिक कान्हा चरण मेहर (37 साल) काम कर रहा था। एसपी 2 के कन्वेयर बेल्ट क्रमांक एफएस-9 में कन्वेयर रखते समय वह उसकी चपेट में आ गया। प्रत्यक्ष दर्शियों ने बताया कि कान्हा रोल को स्टैंड कर रहा था। उसमें चेन के सहारे लोहे का रॉड बंधा था। यही रॉड अचानक छिटक गया और ठेका श्रमिक कान्हा के ऊपर गिर गया। इससे उसे गंभीर चोटें आई। आसपास मौके पर मौजूद लोगों ने घटना की जानकारी विभागीय अफसरों को दी। इसके बाद तुरंत एंबुलेंस को बुलाया गया और उसे मेन मेडिकल पोस्ट इलाज के लिए ले जाया गया। यहां डॉक्टर्स ने उसे मृत घोषित कर दिया।
कोहका का रहने वाला था श्रमिक
डॉक्टरों द्वारा मृत घोषित किए जाने के बाद कान्हा का शव सेक्टर 9 अस्पताल के मरच्यूरी में रखवाया गया है। कान्हा श्रमिक बस्ती आर्य नगर कोहका का निवासी था। वह ठेकेदार सीबी पटेल के अंडर में रहकर बीएसपी में काम कर रहा था।
यूनियन प्रतिनिध हुए सक्रिय, करेंगे मुआवजे की मांग
हादसे की जानकारी मिलते ही मौके पर बीएसपी ठेका यूनियन के प्रतिनिधि सक्रिय हो गए। उन्होंने कहा कि यह हादसा बीएसपी प्रबंधन और ठेकेदार की लापरवाही के चलते हुए हैं। वह लोग मृतक के परिवार को नौकरी और मुआवजा दिलाने की मांग करेंगे।
हादसे पर हादसा चेत नहीं रहा बीएसपी
बीएसपी में पिछले तीन सालों से लगातार हादसे हो रहे हैं, मजदूरों की जान जा रही है। इसके बाद भी बीएसपी अफसरों में कोई असर नहीं हो रहा है। अधिकांश मौते ठेका श्रमिकों की हुई हैं। इस वजह से बीएसपी प्रबंधन इसे गंभीरता से नहीं ले रहा है। सुरक्षा इंतजामों को ताक पर रखकर काम कराए जा रहे हैं। बावजूद ठेकेदारों पर कोई करवाई नहीं हो रही है। यूनियन प्रतिनिधियों से लेकर सरकारी एजेंसियों की चुप्पी से बीएसपी अफसरों के हौसले बुलंद हैं। उन्हें ऐसी घटनाओं से कोई फर्क भी नहीं पड़ रहा है। प्रशासनिक अधिकारी, नेता और अन्य ऊंचे पदों में आसीन बीएसपी आवासों और सुविधाओं का लाभ उठा रहें हैं, जिसके चलते ऐसी घटनाएं लगातार बढ़ रही है। इधर मामले में जांच शुरू कर दी गई है। पुलिस भी मामले में अलग से जांच कर रही है।