- October 14, 2023
दुर्ग ग्रामीण विधानसभा में गृहमंत्री से मुकाबला आसान नही कार्यकर्ता कह रहे है गलत समय में ललित बने प्रत्याशी जीत की डगर है कठिन
ट्राई सिटी एक्सप्रेस। न्यूज
दुर्ग ग्रामीण विधानसभा क्षेत्र में गृहमंत्री व विधायक रहे ताम्रध्वज साहू की टिकट लगभग तय है। केवल घोषणा की औपचारिकता बाकी है। वहीं भारतीय जनता पार्टी ने जिला महामंत्री ललित चंद्राकर को मैदान मे उतार दिया है। श्री चंद्राकर गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू से मुकाबला कैसे करेंगे और नतीजा क्या होगा इसे लेकर कयासों और अटकलों का दौर शुरू हो गया है।
यहां गौरतलब है कि दुर्ग ग्रामीण विधानसभा के संभावित प्रत्याशी ताम्रध्वज साहू कांग्रेस के वरिष्ठतम नेताओं में से एक हैे। श्री साहू इससे पहले भी धमधा व बेमेतरा से विधायक व मंत्री एवं सांसद रह चुके है। श्री साहू स्वभाव से बेहद सरल व सहज और विनम्र है। छोटा हो या बड़ा हर किसी के साथ सामान्य रूप से मुलाकात करके हालचाल पूछते है और कोई समस्या से पीडि़त रहता है तो उसका निराकरण भी करते है। मतदाताओ के प्रति सम्मान की भावना उनके भीतर कूट कू ट कर भरी हुई है। इसी वजह से अपने क्षेत्र में बाबूजी के नाम से लोकप्रिय है। श्री साहू की लोकप्रियता का पैमाना बहुत बड़ा है। इसका मुख्य कारण यह है कि लोकसभा के चुनाव में पहली बार जब मोदी लहर का दौर चला था तब छत्तीसगढ की एक मात्र दुर्ग लोकसभा सीट में श्री साहू ने कांग्रेस को जीत दिलाई थी और भाजपा की कद्दावर नेत्री और पूर्व सांसद सरोज पांडे को पराजित किया था। श्री साहू लोकसभा का सांसद बनने के बाद दिल्ली में कांग्रेस के राष्ट्रीय नेताओं के संपर्क में आए और अपने व्यवहार से सोनिया गांधी राहुल और प्रियंका गांधी के बीच अपनी खास पहचान बनाई। परिणाम स्वरूप कांग्रेस ने उन्हें पिछड़ा वर्ग प्रकोष्ठ का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाया। राष्ट्रीय अध्यक्ष बनने के बाद श्री साहू ने पिछड़ा वर्ग के हित के कई कल्याणकारी काम किए। उनकी लगन और समर्पण को देखते हुए कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खडग़े ने अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी में शामिल किया है।
दुर्ग ग्रामीण विधानसभा का विधायक व गृह व लोक निर्माण मंत्री बनने के बाद श्री साहू ने अपने पांच वर्ष के कार्यकाल में विकास की गंगा बहाकर ग्रामीण क्षेत्र का काया कल्प कर दिया है। विकास से अछूता रहे रिसाली व आसपास के क्षेत्र को विकसित करने के लिए रिसाली में नगर निगम की स्थापना की। दुर्ग ग्रामीण के विभिन्न क्षेत्रो में जनपद व ग्राम पंचायत के माध्यम से हर जरूरतों को पूरा किया। सड़क बिजली पानी की सुविधा उपलब्ध कराई। दुर्ग से अंडा तक सड़क का निर्माण पूर्णता की ओर है। श्री साहू ग्रामीण क्षेत्र के हर मतदाताओ व कार्यकर्ताओ के छोटे से बड़े हर कार्यक्रम में शामिल होते रहे हैं। उन्होने कभी भी क्षेत्र के लोगों को मंत्री बनने के बाद भी अहसास नही होने दिया बल्कि सामान्य रूप से सरल और सहज है। श्री साहू की यह उपलब्धि उनके जीत का एक मजबूत आधार बनकर सबके सामने है। बल्कि पिछले चुनाव की अपेक्षा इस बार ज्यादा मतों से जीत का दावा उनके समर्थक कर रहे हैं।
वहीं दूसरी ओर भाजपा प्रत्याशी ललित चंद्राकर के साथ उपलब्धि का कोई नाम नही है। श्री चंद्राकर खेरथा विधानसभा के बाद परिसीमन के उपरांत दुर्ग ग्रामीण विधानसभा क्षेत्र से पिछले दो दशक से भाजपा से टिकट की मांग करते रहे हैं। श्री चंद्राकर ने इससे पहले कभी भी कोई चुनाव नही लड़ा है। इस लिहाज से उनके पास चुनाव लडऩे का कोई अनुभव नही हैै। श्री चंद्राकर क्षेत्र में बीस वर्षो से सक्रिय जरूर है और रामायण क्रिकेट मैच व अन्य धार्मिक आयोजनों में चंदा देते रहे हैं। लेकिन इसे वोट के रू प में बदलना चुनौती है।
श्री चंद्राकर के साथ सबसे बड़ी कमी यह है कि उनकी समाज में पकड़ बेहद कमजोर है। समाज की गतिविधियों से उनकी उपस्थिति कभी नही रही है। स्वभाव से अक्खड़ पन उनकी सबसे बड़ी कमजोरी है और विनम्रता का भी अभाव है जिससे काम रहता है उसके साथ ही बात करते है बाकी न ही किसी से बात करते है और न ही किसी का फोन उठाते है। क्षेत्र के मतदाता भी व्यक्तित्व को लेकर उन्हें कांग्रेस प्रत्याशी ताम्रध्वज साहू के मुकाबले कमजोर मान रहे है। कार्यकर्ताओ का कहना है कि श्री चंद्राकर को गलत समय में प्रत्याशी बनाया गया है अकेला चना पहाड़ को तोडऩे में कैसे सफल होगा इसका पता चुनावी नतीजे के बाद ही चलेगा।