- December 6, 2022
देवत्व, यश और पूजा से मिलता है मोक्ष : विशुद्ध सागर
ट्राइसिटी एक्सप्रेस। न्यूज
नसिया तीर्थ में आयोजित दिव्य प्रवचन में आचार्य विशुद्ध सागर महाराज ने कहा कि आस्था से देवत्व, ज्ञान से यश और चरित्र से पूजा मिलती है। यदि यह तीनों एक साथ मिल जाए तो मोक्ष मिलता है। उन्होंने कहा कि मेघ के बिना जीवन शून्य है। समुद्र नदी, तालाब व हरियाली मेघ से मिले पानी से बने है। पानी के एक एक बूंद की रक्ष करो तभी गर्भकल्याणक से जन्म कल्याणक मना पाओगे।
पंच कल्याणक प्रतिष्ठा महामहोत्सव में जन्म कल्याणक के दिन प्रवचन में आचार्य विषुद्ध सागर ने कहा कि पड़ोसी को सुधारने की कोशिश मत करो। अपने घर को सुधारों घर सुधरेगा तो देश सुधरेगा। एक एक नागरिक यदि यह विचार कर ले कि वह दुराचार, चोरी और हिंसा का प्रयोग नहीं करेगा और अपने बच्चे को व्यसन से दूर रखेगा। उसके लिए हर दिन दीवाली है। संतान पर निगरानी रखो। बेटे ने यदि गलत कर दिया तो विद्वत्ता धूमिल हो जाएगी शासन नष्ट हो जाएगा। प्राणों की रक्षा से ज्यादा यश की रक्षा करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि बेटे की शोभा चारों तरफ होनी चाहिए और बेटी की शोभा घर के भीतर होनी चाहिए लेकिन अर्थ की लोलुपता ने अनर्थ कर दिया है। अर्थ का लोभ अनर्थ देकर जाता है। आचार्य जी ने आगे कहा कि जिनके पास प्रज्ञा है उनके पास बुद्धि है। संपूर्ण शास्त्र व अस्त्र उनके काम आते है जिनके पास बुद्धि का अस्त्र है। बुद्धिमान ही पुण्य को आगे बढ़ाता है। कभी किसी को मत दुत्कारों हर व्यक्ति की कीमत है। वस्तु में अनिष्ट नहीं खोजना चाहिए। ईष्ट का ज्ञान होना चाहिए। पुण्यात्मा के घर भिखारी आते है। महान पुण्यात्मा के घर मुनि आते है। पापियों के द्वार पर श्वान व भिखारी नहीं आते। जिनवाणी का कभी अपमान मत करो सम्मान करो और बुद्धि का प्रयोग करो। दिन में एक मिनट का स्वाध्याय अवश्य करो। यदि स्वाध्याय कर लिया तो मिथ्या व प्रपंच शांत हो जाएंगे। प्रज्ञा को इतना विषाल करो कि वेदना को सहन कर ले। वेदना की राग में बूंद का क्षय नही होना चाहिए।
तींर्थंकर बालक का जन्म, हुआ भक्ति नृत्य
नसिया तीर्थ में पंच कल्याणक प्रतिष्ठा महामहोत्सव के अवसर पर सोमवार को जन्म कल्याणक में सुबह 7 बजे नित्य महाभिषेक के साथ शांति धारा पूजन हुआ। इसके बाद 9.19 बजे तींर्थकर बालक का जन्म हुआ अयोध्यानगरी में बधाईयां दी गई। भक्ति नृत्य हुआ। उसके बाद 10 बजे सौधर्म इन्द्र द्वारा अयोध्या नगरी की तीन परिक्रमा की गई। अयोध्या नगरी में प्रवेष हुआ। ऐरावत हाथी पर बैठकर पाण्डुक वन की ओर प्रस्थान हुआ। तींर्थकर बालक का 1008 कलषों से अभिषेक किया गया। उसके बाद तींर्थकर बालक का पालना झूलना एवं बालक्रीड़ा का मनोहारी दृष्य एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम हुआ। जन्माभिषेक कलश के पुण्यार्जक नीलेश कुमार आतीश जी तामसा, किशोर कुमार जी, डोदनकल गेंदालाल प्रकाश चंद गोन्दिया, दिलीप कुमार हितेष कुमार औरंगाबाद व भागचंद संजय पाटनी बने। पाद प्रक्षाल का सौभाग्य रतनलाल महेगुलाल काला को प्राप्त हुआ। शास्त्र भेंट का अवसर शीतल निधि शीतल वर्तमान औरंगाबाद को मिला।
समारोह में अतिथि के रूप में प्रदेश के गृह एवं लोक निर्माण मंत्री ताम्रध्वज साहू व पप्पू भैय्या रूआबांधा उपस्थित थे। नसिया तीर्थ में मंगलवार 6 दिसंबर को तप कल्याणक का कार्यक्रम होगा। पंचकल्याणक प्रतिष्ठा महामहोत्सव में शहर से विभिन्न प्रान्तों महाराष्ट्र राजस्थान रायपुर भिलाई राजनांदगांव में ब्याही गई लगभग 400 बेटियां व बहनें परिवार सहित शामिल होने पहुंची है।
आज ब्रम्हचारी महेन्द्र लेंगे दीक्षा
मंगलवार 6 दिसम्बर को ब्रम्हचारी महेन्द्र बाकलीवाल आचार्य विषुद्ध सागर महाराज के सानिध्य में लद्यु मुनि की दीक्षा लेंगे प्रातः 3 बजे इनका केशलोच होगा, 6 बजे शाही स्नान के बाद लद्यु मुनि दीक्षा महोत्सव का कार्यक्रम आयोजित है। 7 दिसम्बर बुधवार को सुबह 7.30 बजे मुखश शुद्धि होगी।
इसके अतिरिक्त कार्यक्रम में राकेश छाबड़ा संदीप लुहाड़िया, पंकज छाबड़ा, महापौर धीरज बाकलीवाल, दिलीप बाकलीवाल, अभिषेक पाटनी, सुरेन्द्र पाटनी, कमल विनोद पाटनी, ज्ञानंचद पाटनी, मनीष बड़जात्या, अनिल गोधा, पप्पू जैन, ज्ञानचंद बाकलीवाल, प्रषांत जैन, विजय बोहरा, आषीष जैन, दीपक जैन, महेष बोहरा, जितेन्द्र पाटनी, सुनील बोहरा, सुनील गंगवाल, विजय जैन, नीरज बोहरा, अमोल गोधा, अक्षय जैन, मीना पाटनी, शीतल गोधा सहित भारी संख्या में धर्मप्रेमी मौजूद थे।