- May 29, 2025
2 जून को दुर्ग कांग्रेस की संविधान बचाओ रैली, राजीव भवन में तैयारियों की बैठक, वोरा ने कहा – संविधान की रक्षा के लिए एकजुट हों

ट्राई सिटी एक्सप्रेस। न्यूज
दुर्ग।
देशभर में कांग्रेस पार्टी द्वारा “संविधान बचाओ” आंदोलन चलाया जा रहा है, जिसके तहत 2 जून को दुर्ग में जिला स्तरीय रैली का आयोजन किया जाएगा, जिसमें छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल भी विशेष रूप से शामिल होंगे।
इस रैली की तैयारियों को लेकर आज राजीव भवन, दुर्ग में एक बैठक आयोजित की गई, जिसमें छत्तीसगढ़ राज्य भंडारगृह निगम के पूर्व अध्यक्ष और दुर्ग शहर के पूर्व विधायक श्री अरुण वोरा प्रमुख रूप से उपस्थित रहे। उन्होंने सभी कांग्रेस साथियों को संबोधित करते हुए कहा –
“आज हमारा संविधान बेहद खतरे में है। आज हमारे देश में आरक्षण प्रणाली पर कुठाराघात किया जा रहा है, वंचित और अल्पसंख्यक वर्गों को डराने-धमकाने की नीतियाँ अपनाई जा रही हैं, और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर गहरा संकट छाया हुआ है। संसद को चर्चा-विहीन बनाकर बिना बहस के बिल पास कराए जा रहे हैं, और सत्ता से असहमति रखने वालों को जांच एजेंसियों और नियंत्रित मीडिया के माध्यम से दबाने की कोशिश की जा रही है।
विधायिका, कार्यपालिका और न्यायपालिका — ये तीनों स्तंभ, जो हमारे संविधान की आत्मा हैं, आज डगमगा रहे हैं। अगर हम अभी आवाज़ नहीं उठाएंगे, तो लोकतंत्र की नींव कमजोर हो जाएगी और हमारे आने वाली पीढ़ियां इससे बंचित रह जाएंगी।”
बैठक में रैली के आयोजन की रूपरेखा, मार्ग निर्धारण, संगठनों की भागीदारी और विभिन्न पदाधिकारियों की जिम्मेदारियों पर विस्तृत चर्चा की गई।
इस अवसर पर राकेश ठाकुर (दुर्ग ग्रामीण जिला अध्यक्ष), गया पटेल (दुर्ग शहर जिला कांग्रेस अध्यक्ष), मुकेश चंद्राकर (वैषाली नगर ब्लॉक अध्यक्ष), प्रदेश महामंत्री – राजेन्द्र साहू, जितेन्द्र साहू, भिलाई महापौर नीरज पाल, पूर्व प्रदेश महामंत्री शिजू एंथनी, रिसाली नगर निगम महापौर शशि सिन्हा, केशव बंछोर, क्षितिज चंद्राकर, धर्मेन्द्र यादव, शंकरलाल टमरकार, आर.एन. वर्मा, राजेश यादव, राजकुमार नारायणी, बृजमोहन सिंह, संजय कोहले, महिला कांग्रेस सेवा दल की अध्यक्षगण, साथ ही शहर एवं ब्लॉक कांग्रेस समितियों के सभी प्रमुख पदाधिकारी भी बैठक में उपस्थित रहे। 2 जून को दुर्ग में आयोजित यह रैली संविधान की रक्षा और लोकतांत्रिक मूल्यों के संरक्षण की दिशा में एक निर्णायक कदम मानी जा रही है, जिसमें व्यापक जनभागीदारी सुनिश्चित करने का संकल्प लिया गया है।