- June 7, 2025
शहर के स्वरूप को अस्तित्व में लाने की कवायद, महापौर व एमआईसी प्रभारी का अभियान युद्ध स्तर पर जारी

ट्राई सिटी एक्सप्रेस। न्यूज
दुर्ग। नगर निगम के इतिहास में मेयर इन काउन्सिल का वित्त विभाग अभी तक दीगर विभागों के मुकाबले कभी सुर्खियों में नहीं रहा है। इससे पहले निगम के वित्त विभाग के प्रभारी बजट बनाने के कार्य तक ही सीमित रहे है लेकिन वर्तमान परिषद में वित्त विभाग के एम.आई.सी. प्रभारी नरेन्द्र बंजारे ने महज तीन माह के कार्यकाल में ही अपनी कार्यक्षमता से वित्त विभाग के सही अस्तित्व को उजागर करके रख दिया है।
यहां गौरतलब है कि नगर निगम में वर्षो तक सेवा देकर रिटायर हो चुके लगभग तीन सौ से अधिक कर्मचारी अपने लंबित उपादान की राशि के भुगतान को लेकर संघर्षरत थे। इसमें 151 कर्मचारी ऐसे है जो सेवानिवृत हो चुके है और उनकी मृत्यु हो गई है। वही 166 कर्मचारी ऐसे है जो सेवानिवृत हो चुके है और जीवित है। जीवित में कई कर्मचारी ऐसे है जो बीमार है और इलाज के लिए उपादान की राशि पर निर्भर है। दूसरी तरफ मृत हो चुके परिवार के समक्ष आर्थिक संकट को दूर करने उपादान की बकाया राशि ही सहारा है। नगर निगम के वित्त विभाग के एम.आई.सी. प्रभारी नरेन्द्र बंजारे ने पीडि़त कर्मचारियों व उनके परिवारों की दशा को समझने का प्रयास सबसे पहले किया बल्कि सामान्य सभा की पहली बैठक में महापौर सभापति के साथ पूरे पार्षदों को भी इसका अहसास कराया। महापौर के प्रयास से कर्मचारियों व उनके परिवारों को क्रमानुसार तरीके से राशि का भुगतान शुरू कर दिया गया है। श्री बंजारे की पहल से यह एक ऐसा कार्य हुआ है जिसे निगम के इतिहास में आज तक किसी ने नहीं किया है।
अनुभवी होने के कारण अतिक्रमण अभियान के भी है प्रभारी
यहां यह बताना लाजिमी होगा कि वित्त विभाग के एम.आई.सी.प्रभारी नरेन्द्र बंजारे नगर निगम के सबसे परिष्ठ पार्षदों में से एक है और सरल सहज व व्यवहार कुशल होने के कारण पार्टी के नेताओं कार्यकर्ताओं पार्षदों के साथ साथ शहर की जनता के बीच भी लोकप्रिय है। लंबे समय से नगर निगम में रहते हुए पूरे शहर की बसाहट से भी भलीभांति परिचित रहे है। निगम में भाजपा की परिषद बनने के बाद श्री बंजारे ने नगर निगम की सक्रिय और जुझारू महापौर अल्का बाघमार को शहर को अतिक्रमण से मुक्त करने का सुझाव सबसे पहले दिया था उन्होंने कहा था कि अतिक्रमण की बेदखली से शहर के स्वरूप को उभारा जा सकता है और जनता के हित से जुड़े कार्य रिक्त जगह में किये जा सकते है महापौर को श्री बंजारे का यह सुझाव बेहद पसंद आया। अतिक्रमण की बेदखली से पूरे परिषद को सराहना मिल रही है। निगम महापौर ने अनुभवी पार्षद श्री बंजारे को अतिक्रमण अभियान का प्रभारी भी बना दिया है। श्री बंजारे ने बताया कि शहर में अतिक्रमण की बेदखली का अभियान पाचं चरणों में चालाया जा रहा है। पहले चरण में गंजपारा चौक से पटेल चौक और पटेल चौक से राजेन्द्र पार्क चौक शामिल है। दुसरे चरण में राजेन्द्र पार्क चौक से ग्रीन चौक को शामिल किया गया है। तीसरे चरण में इंदिरा मार्केट से ग्रीन चौक तक अतिक्रमण को हटाया जाएगा। चौथे चरण में जेल तिराहा से महाराजा चौक, महाराजा चौक से बोरसी और महाराजा चौक से पोटिया तक अतिक्रमण हटाए जाएगें। पांचवे चरण में रेल्वे पटरी के उस पार के क्षेत्र को शामिल किया गया है। श्री बंजारे ने अतिक्रमण की बेदखली के साथ शहर में महासफाई अभियान चलाने का सुझाव भी महापौर को दिया है। महासफाई अभियान का काम भी युद्ध स्तर पर जारी है। इस तरह मौजूदा परिषद जनता के हितों का ध्यान रखने के साथ शहर के स्वरूप को अस्तित्व में लाने की कवायद में काम कर रही है। निगम महापौर के साथ एम.आई.सी. प्रभारियों का बेहतर तालमेल दिखाई दे रहा है।