- August 28, 2024
इंदिरा मार्केट में रहने का दंश… हर दूसरे दिन रैलियां और जुलूस के बाद घंटों का ट्रैफिक जाम, त्योहर आया नहीं कि सड़क पर सज गई दुकानें, शिकायत ढेरों करें, पर सुनवाई नहीं
ट्राईसिटी एक्सप्रेस। न्यूज
इन दिनों दुर्ग के इंदिरा मार्केट क्षेत्र में निवास करने वाले परिवारों को रहना किसी दंश झेलने के जैसा महसूस हो रहा है। मुख्य सड़क और मार्केट होने की वजह से इस मार्ग से हर दूसरे दिन कोई न कोई रैली, जुलूस या फिर धार्मिक और सामाजिक आयोजनों को लेकर शोभायात्रा निकलती है। इतना ही नहीं वीआईपी और वीआईपी कल्चर के चलते भी कई बार इस मार्ग पर भीड़ रहते हैं। इसकी वजह से घंटों ट्रैफिक जाम की समस्या सामने आ रही है। ऐसे में यदि कोई त्योहार आ जाए, तो फिर इस मार्ग से गुजरना मतलब दांतों तल चने चबाने जैसा लगने लगा है। त्योहारी के समय सड़क पर बिना खौफ दुकानें और पसरा लग जाते हैं। ठेले वाले जहां-तहां अपनी दुकान सजा लेते हैं, जिसकी वजह से परेशानियां दोगुनी से तीन गुनी तक बढ़ जाता है। ऐसा नहीं है कि इस क्षेत्र के रहवासी निगम, पुलिस या फिर कलेक्टर तक शिकायत नहीं करते, शिकायत कई बार कर चुके हैं, लेकिन कहीं कोई स्थाई समाधान नहीं निकाला गया है। परिवार परेशान रहता है। वह अपने घर के बाहर न खड़े हो पाता है, न ही वाहन रख पाता है। यहां तक महज 200 मीटर की दूरी पर घर होने के बाद भी उसे पहुंचने में डेढ़ घंटे से ज्यादा का समय लगता है। वजह सिस्टम की लापरवाही, जो ट्रैफिक व्यवस्था सुगम बनाने कभी भी गंभीर नजर नहीं आया। न पुलिस के अफसर इसे लेकर गंभीरता दिखाते हैं, न ही कलेक्टर और न ही महापौर धीरज बाकलीवाल और विधायक गजेंद्र यादव को इससे कोई सरोकार है। उन्हें अपनी वोटबैंक से मतलब है, जनता की सुविधाओं को लेकर कहीं कोई चिंता नजर नहीं आता।
इंदिरा मार्केट के अलावा 20 से ज्यादा मोहल्लेवासी परेशान
ट्रैफिक जाम की इस समस्या से इंदिरा मार्केट के अलावा पोलसायपारा, पचरीपारा, तकियापारा, लुचकीपारा, मोतीपारा, तमेरपारा, मठपारा, ब्राह्मणपारा, शिवपारा, सारथीपारा, गवलीपारा, गांधी चौक, जवाहर चौक, हठरीपारा, मैथिलपारा, भोईपारा, शनिचरी बाजार, सत्ती चौरा, गंजपारा, हॉस्पिटल कॉलोनी जैसे क्षेत्रों में रहने वाले करीब 5 हजार परिवारों 30 हजार से ज्यादा लोग परेशान हैं। उनकी मानें तो ट्रैफिक जाम की इस समस्या के लिए सबसे ज्यादा जिम्मेदार ट्रैफिक पुलिस और निगम के अधिकारी है। उनकी इच्छाशक्ति के अभाव के कारण यह समस्या बनी हुई है। उन्होंने कभी भी जुलूस, रैली निकलने के दौरान वन-वे करने का प्रयास नहीं किया। न ही एक रास्ता खोलकर दूसरे रास्ते से आवाजाही के इंतजाम बनाए। इसके कारण लोग जहां-तहां वाहन घुसा दे रहे हैं, और ट्रैफिक जाम की समस्या बन जा रही है।
मुख्यमंत्री और कलेक्टर से गुहार, समस्या का निराकरण कराएं
स्थानीय लोगों ने मुख्यमंत्री और कलेक्टर से गुहार लगाई है, कि वे इस विकराल होती समस्या को गंभीरता से लें। इसका स्थानीय समाधान तलाशने की दिशा में काम करें। स्थानीय निवासियों और व्यापारियों के साथ बैठक करें। समाधान को लेकर चर्चा करें। सड़क पर ठेला और पसरा वालों को न बैठने दें, न दुकान लगाने दें, ताकि मार्ग पर आवाजाही सुगम बनी रहे। इतना ही नहीं ट्रैफिक पुलिस की नियमित तैनाती की जाए। ताकि ऑटो और ई-रिक्शा वाले कहीं भी वाहन न खड़ा करें। वाहनों को एक रास्ते पर चलाएं। कुछ जगहों पर ओवर टेक पर रोक लगे, रांग साइड से आने वालों को रोका जाए। इसके बाद ही मार्ग पर आवाजाही की व्यवस्था सुधर पाएगी।