- September 17, 2024
एक से अधिक बार चुनाव जीतने वाले पार्षदों का वार्ड में दबदबा बरकरार आरक्षण से तय होगा, भविष्य जीतेंगे या हारेंगे अगले चुनाव में होगा फैसला
ट्राई सिटी एक्सप्रेस। न्यूज
दुर्ग । नगर निगम के साठ वार्डो में लगभग दो दर्जन से अधिक वार्ड ऐेसे हैे जहां कांग्रेस व भाजपा के पार्षद एक से अधिक बार चुनाव जीत चुकेहैं। परिणाम स्वरूप ऐसे पार्षदों का वार्ड में दबदबा बरकरार है लेकिन इनका अगला भविष्य आरक्षण तय करेगा। जनता उन्हें फिर पलकों पर बिठाएगी या फिर नये लोगों को अवसर देगी इसका फैसला अगले चुनाव में होगा।
यहां गौरतलब है कि नगर निगम के चुनाव के लिए अब गिने चुने महीने का समय ही शेष रह गया है। नगर निगम के ऐसे पार्षद जिनका जीविको पार्जन निगम की राजनीति पर ही केन्द्रित रहा है उन्होंने अपने अपने वार्ड में सक्रियता तेज कर दी है। वही एक से अधिक बार जीतने वाले पार्षद अपना भविष्य सुनिश्चित करने की कोशिश में जुट गये हैं। वैसे नगर निगम में मदन जैन इकलौते ऐसे पार्षद है जिनके खाते में सबसे अधिक बार जीत का रिकार्ड दर्ज है। श्री जैन अब तक पांच बार जीत चुके है जिसमें उन्होने चार बार आपापुरा व एक बार पचरीपारा वार्ड से चुनाव जीता है। आपापुरा वार्ड में श्री जैन का दबदबा अभी भी बरकरार है। इसके बाद तकियापारा वार्ड के पार्षद अब्दुल गनी व केलाबाड़ी वार्ड के हमीद खोखर के नाम भी एक से अधिक बार जीतने का रिकार्ड है। इन दोनो पार्षदों का वार्ड में वजूद बना हुआ है।
न्यू आदर्शनगर पोटिया वार्ड 53 से भाजपा पार्षद अजय वर्मा को कांग्रेस कभी हरा नहीं पाई है। श्रीवर्मा की वार्ड में मजबूत पकड़ है। इसके अतिरिक्त एक से अधिक बार से चुनाव जीतने वालों में मठपारा दक्षिण से नरेन्द्र बंजारे, औद्योगिक नगर वार्ड सें देवनारायण चंद्राकर औद्योगिक नगर दक्षिण से निर्मला साहू ,कातुल बोड पश्चिम से जय श्रीजोशी ,गंजपारा वार्ड 36 से ऋषभ जैन, तमेरपारा वार्ड 30 से भोला महोबिया,उरला सेें जमुना साहू कसारीडीह पश्चिम से प्रीति गीते के पति प्रकाश गीते, पदमनाभपुर पूर्व से कमला शर्मा, राजेश शर्मा, सिविल लाईन दक्षिण से महेश्वरी ठाकुर, बोरसी पश्चिम से भास्कर कुण्डले कातुल बोड पूर्व के पार्षद शिवेन्द्र परिहार सिविल लाईन उत्तर से कविता तांडी देवनारायण तांडी प्रमुख रूप से शामिल है।
नगरीय निकाय चुनाव के लिए अभी अधिसूचना जारी होने में समय शेष है। इसके बाद वार्डो का आरक्षण सामान्य पिछड़ा महिला या पुरूष के रूप में होना है। एक से अधिक बार चुनाव जीतने वाले पार्षदो का भविष्य आरक्षण पर टिक गया है यदि आरक्षण से बचे तो सीट का सुरक्षित रहना तय है यदि आरक्षण की चपेट में आए तो भविष्य पर असर पड़ सकता है। इसके अतिरिक्त सबसे महत्वपूर्ण फैसला वार्ड के मतदाताओं पर निर्भर है। मतदाता फिर मौका देंगे या फि र नये को चुनेंगे इसका पता आने वाले दिनों में ही चल सकेगा।