- September 19, 2024
गजेंद्र यादव, भावना बोहरा, गुरु खुशवंत सिंह में से दो को मंत्री बनाए जाने की चर्चा, लिस्ट में और भी नाम, देखिए पूरी खबर…
संतोष मिश्रा, संपादक
ट्राईसिटी एक्सप्रेस। न्यूज
छत्तीसगढ़ की विष्णुदेव साय सरकार में जल्द ही दो और नगीने जड़ने जा रहे हैं। पार्टी हाईकमान से ग्रीन सिग्नल मिल चुका है। पितृ पक्ष के बाद इन दो नामों की घोषणा हो सकती है। खबर है कि दुर्ग विधायक गजेंद्र यादव, आरंग विधायक गुरु खुशवंत सिंह का नाम फाइनल हो सकते हैं। इसके अलावा भावना बोहरा के नाम पर भी विचार किया गया है। भावना कवर्धा जिले के पंडरिया से विधायक हैं। बता दें कि बृजमोहन अग्रवाल के सांसद बनने के बाद से नए मंत्री की तलाश की जा रही है। केबिनेट में इसके अलावा और सीट खाली है। इस वजह से इस बार दो मंत्रियों की नियुक्तियां होनी है। पूर्व में नाम लगभग फाइनल कर लिए गए थे, लेकिन पार्टी हाईकमान ने इसे ठंडे बस्ते में डाल दिया था। अब पुन: मंत्रियों की नियुक्तियों को लेकर चर्चा शुरू हो गई है। बता दें कि दो प्रमुख नामों में राजेश मूणत और अमर अग्रवाल का भी नाम हैं। दोनों ही पार्टी के कद्दावर नेता हैं, और पूर्व में मंत्री रह चुके हैं। उनके अनुभव का लाभ लेने के लिए उन्हें भी मंत्री की कुर्सी दी जा सकती है, लेकिन पूर्व के कार्यकाल में हुई आपत्तियों के कारण फिलहाल उनके नामों पर अंतिम मुहर लगते नहीं दिख रही। राजेश मूणत जरूर कतार में हैं, क्योंकि वे रायपुर शहर से आते हैं, इसलिए उन्हें राजधानी में रहने का लाभ मिल सकता है।
राजनीतिक हल्कों में चल रही चर्चा के अनुसार राज्य में कैबिनेट विस्तार किया जा सकता है। विष्णुदेव साय की कैबिनेट में अभी दो विधायकों को मंत्री बनाया जा सकता है। पूर्व में मानसून सत्र से कैबिनेट के विस्तार के कयास लगाए जा रहे थे, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। सीनियर नेता बृजमोहन अग्रवाल के इस्तीफे के बाद से ही राज्य में कैबिनेट विस्तार को लेकर अटकलें लगाई जाती रही हैं। सूत्रों के अनुसार पितृ पक्ष के तुरंत बाद मंत्री के नाम तय हो जाएंगे।
बृजमोहन के सांसद बनने के बाद केदार कश्यप संभाल रहे विभाग
बता दें कि कैबिनेट मंत्री केदार कश्यप को संसदीय कार्य मंत्री का अतिरिक्त प्रभार दिया गया है। इस समय केदार कश्यप वन एवं जलवायु परिवर्तन, जल संसाधन, कौशल विकास एवं सहकारिता विभाग है। इन सबके अलावा उन्हें संसदीय कार्य मंत्री का प्रभार दिया गया है। संसदीय कार्य विभाग पहले पूर्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल के पास था. सांसद चुने जाने के बाद बृजमोहन अग्रवाल ने विधायक और मंत्री पद छोड़ दिया था। केदार कश्यप आदिवासी नेता बलीराम कश्यप के बेटे हैं, जो बस्तर के कद्दावर आदिवासी नेता और सांसद भी रह चुके हैं। केदार कश्यप ने साल 2000 से राजनीतिक करियर शुरू किया। साल 2003 में पहली बार विधानसभा चुनाव जीतकर विधायक बने। 2008 में दूसरी बार और 2013 में तीसरी बार विधायक बने। साल 2018 के विधानसभा चुनाव में केदार कश्यप को हार मिली, लेकिन छत्तीसगढ़ चुनाव 2023 में नारायणपुर विधानसभा सीट से चुनाव जीतकर केदार कश्यप फिर से विधायक बने। बता दें कि दुर्ग शहर विधायक गजेंद्र यादव उनके काफी करीबी हैं। गजेंद्र हर राजनीतिक, प्रशासनिक और विकास कार्यों से जुड़े फैसले मंत्री केदार कश्यप से चर्चा करके ही लेते हैं।