• January 5, 2025

बेमेतरा जिले में पर्यटन विकास की संभावना और प्रयास, गिधवा-परसदा पक्षी विहार

बेमेतरा जिले में पर्यटन विकास की संभावना और प्रयास, गिधवा-परसदा पक्षी विहार

ट्राई सिटी एक्सप्रेस। न्यूज

 

बेमेतरा। बेमेतरा का पर्यटन परिदृश्य : बेमेतरा जिला अपनी समृद्ध कृषि परंपरा के लिए प्रसिद्ध है, खासतौर पर धान, दाल और तैलीय फसलों के उत्पादन के लिए। बेमेतरा जिला छत्तीसगढ़ राज्य का एक नवीन गठित जिला है जिसका गठन 1 जनवरी 2012 को दुर्ग जिले के विभाजन के पश्चात हुआ है। यह दुर्ग जिले के उत्तरी किनारे पर स्थित है।
हालांकि, यहां पर्यटन को लेकर खास पहचान नहीं रही है। इसके बावजूद, गिधवा और परसदा गांवों के पक्षी विहार ने इस जिले को एक नई पहचान दी है। इन गांवों में सर्दियों के मौसम में देश-विदेश से प्रवासी पक्षियों का आगमन होता है, जो इसे पर्यटन की दृष्टि से महत्वपूर्ण बनाता है।
गिधवा-परसदा पक्षी विहार: प्रवासी पक्षियों का स्वर्ग
सर्दियों के मौसम में लगभग 150 प्रजातियों के प्रवासी पक्षी अफ्रीका, मंगोलिया, बर्मा, बांग्लादेश और हिमालय क्षेत्र से यहां पहुंचते हैं। साथ ही, लगभग 50 उड़ान पक्षियों का भी यहाँ नियमित आगमन होता है। पक्षियों को यहां के जलाशयों की जैव विविधता, मछलियां, और नम भूमि आकर्षित करती हैं।
गिधवा में 100 एकड़ और परसदा में 125 एकड़ का जलाशय है, जो पक्षियों के लिए अनुकूल पर्यावास प्रदान करता है। यहां गैडवाल, नॉर्थन पिनटेल, रेड-क्रेस्टेड पोचार्ड, कॉमन पोचार्ड, मार्श सैंडपाइपर, कॉमन ग्रीन शेंक और कॉमन रेड शेंक जैसे पक्षियों की उपस्थिति दर्ज की जाती है।

वर्ष 2021 में, गिधवा और परसदा में छत्तीसगढ़ का पहला पक्षी महोत्सव आयोजित किया गया था। यह आयोजन पर्यावरण और जैव विविधता संरक्षण के साथ-साथ स्थानीय और बाहरी सैलानियों को आकर्षित करने में सफल रहा।
वन विभाग ने नवधा ग्राम में पक्षी विज्ञान केंद्र की स्थापना की है। यहां पक्षियों के संरक्षण और अध्ययन के लिए विशेष प्रबंधन किया गया है। विभाग ने पांच कर्मचारियों को राजस्थान की भरतपुर वर्ड सेंचुरी से प्रशिक्षण दिलाया और आधुनिक दूरबीन उपलब्ध कराई। दूरबीन की सहायता से कर्मचारी पक्षियों की गतिविधियों पर नजर रखते है। सैलानी भी इसकी सहायता से दूर पक्षियों का नजारा लेते है ।
पर्यटन विकास की चुनौतियाँ और संभावनाएँ
हालांकि गिधवा-परसदा पक्षी विहार पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र बन सकता है, लेकिन यहाँ ठहरने और अन्य बुनियादी सुविधाओं का अभाव है। वन विभाग और स्थानीय प्रशासन ठहरने, चाय-पानी और विश्राम जैसी सुविधाओं को विकसित करने के लिए प्रयासरत हैं।

स्थानीय प्रशासन और वन विभाग के समन्वित प्रयासों से गिधवा-परसदा पक्षी विहार को राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर एक महत्वपूर्ण पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने के पूरे प्रयास किए जा रहे है ।इसके साथ ही, पर्यावरण संरक्षण और स्थानीय रोजगार को बढ़ावा देने के लिए स्थायी पर्यटन को प्रोत्साहित भी किया जा रहा है।

बेमेतरा जिले का गिधवा-परसदा पक्षी विहार पर्यटकों और पक्षी प्रेमियों के लिए अनमोल स्थान है। यह न केवल जिले की पहचान बना सकता है, बल्कि पर्यटन के माध्यम से स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी सुदृढ़ कर सकता है। इसके लिए योजनाबद्ध तरीके से विकास और संरक्षण प्रयासों की आवश्यकता है।

 

 

ट्राईसिटी एक्सप्रेस ,ब्यूरो चीफ बेमेतरा, योगेश कुमार तिवारी ,9425564553, 6265741003,


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