- January 13, 2025
पार्षद पद के दावेदारों से पांच माह का मानदेय जमा कराने का फरमान वापस हो, पहले विधायकों और सांसदों के अंशदान सार्वजनिक किया जाए

ट्राई सिटी एक्सप्रेस। न्यूज
दुर्ग । छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी द्वारा सभी जिला कांग्रेस कमेटियों को एक फरमान जारी कर मनमोहन सिंह कमेटी की रिपोर्ट के मुताबिक पार्षद पद के दावेदारों से पांच माह का मानदेय जमा करने को कहा गया है, जो अनुचित है। इस निर्देश को तत्काल वापस लिया जाए। यह मांग करते हुए दुर्ग नगर निगम के पूर्व नेता प्रतिपक्ष देवकुमार जंघेल ने एक विज्ञप्ति में कहा है कि पार्षद पद का चुनाव लड़ने वाले अधिकांश कांग्रेस कार्यकर्ता साधारण परिवार से आते हैं। कुछ तो बीपीएल कार्डधारी भी होते हैं जिनके लिए एकमुश्त 75 हजार रुपये की राशि जमा करा पाना असंभव है। ऐसे में तो सिर्फ साधन संपन्न लोग ही टिकट की दावेदारी कर पाएंगे और टिकट भी हथिया लेंगे। भले ही वे चुनाव हार जाएं। दूसरी ओर जनता से जुड़े गरीब कार्यकर्ता चुनाव लड़ने से वंचित हो जाएंगे। वैसे भी पार्षद पद के उम्मीदवारों के मानदेय पर आंख गड़ाना अनुचित है। पार्षद सीधे जनता से सरोकार रखते हैं। उनके दुख सुख में शिरकत करते हैं। जरूरतमंद लोगों की आर्थिक मदद करते हैं। उनके मानदेय का एक बड़ा हिस्सा तो चंदा देने ही चला जाता है। ऐसे में उनके पांच माह का मानदेय पार्टी फंड में जमा करने का फरमान अव्यवहारिक है। पार्टी को इस फैसले पर पुनर्विचार करना है और पहले विधायकों और सांसदों के अंशदान की सूचि जारी करनी चाहिए जो लाखों का मानदेय लेते हैं। देवकुमार जंघेल ने आगे कहा है कि भाजपा नगरीय निकाय चुनाव में अपने प्रत्याशियों की हर संभव मदद करती है। चुनाव प्रचार सामग्री के अलावा नगद राशि भी देती है जबकि कांग्रेस कोई मदद नहीं करते उल्टे उनसे मोटी रकम की उगाही करने जा रही है। ऐसे में नगरीय निकाय चुनाव में कांग्रेस का प्रदर्शन प्रभावित हो सकता है। वैसे भी प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज का कार्यकाल निराशा जनक रहा है। उन पर पैसे लेकर पद बांटने तक के आरोप लगे हैं। उनके नेतृत्व में कांग्रेस लोकसभा और विधानसभा चुनाव हारी है और अब लगता है कि इस तरह के तुगलकी फरमान के चलते कांग्रेस को नगरीय निकाय चुनाव में भी हार का सामना करना पड़ सकता है।