- August 6, 2024
हर बार बसने के बाद निगम उजाड़ रहा गरीबों का आशियाना, इस बार तो भरी बारिश में खदेड़ा, हमारे-मेयर और विधायक क्या कर रहे…
ट्राई सिटी एक्सप्रेस। न्यूज
दुर्ग।
निगम अफसरों की दादागिरी मंगलवार को देखने को मिली। अफसरों ने मिन्नतें करने के बाद भी गरीबों की पेट पर लात मारी। उनकी रोजी-रोटी का एक मात्र साधन उनकी ठेला, पसरा में लगाने वाली दुकान को ही उजाड़ दिया। यह पहला मौका नहीं है, जब निगम के अफसरों ने कार्रवाई की। इससे पहले भी इन गरीबों को आशियानों को उजाड़ा जा चुका है। हालांकि ये गरीब दुकानदार पेट रोजी के लिए सड़क पर बैठकर दुकान लगा रहे थे, जिन्हें निगम ने नोटिस जारी किया, समझाइश भी दी, लेकिन भरी बारिश में ऐसी कार्रवाई निगम अफसरों की संवेदना को उजागर करता है। इसमें भी खास बात यह है कि निगम के अफसर कार्रवाई कर रहे थे, वहीं दुर्ग के मेयर धीरज बाकलीवाल हो या फिर विधायक गजेंद्र यादव, किसी को इन गरीबों की परवाह नहीं नजर आई। अफसर और कर्मचारी इन गरीब दुकानदारों की दुकान तोड़ते रहे, सभी मौके पर खड़े होकर तमाशाई बनकर देखते रहे। निगम ने मंगलवार को नाना-नानी पार्क,राजेन्द्र पार्क चौक सहित पटेल चौक से उतई चौक,गांधी प्रतिमा के आस पास के अलावा जिला अस्पताल मरचुरी मार्ग से अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई की। सुबह से शुरू हुई कार्रवाई दोपहर तक जारी रही। सहायक राजस्व अधिकारी शुभम गोइर द्वारा सहायक अतिक्रमण प्रभारी चंदन मनहरे, विनीत वर्मा एवं तोड़ूदस्ता अमला के साथ जिला अस्पताल मार्ग में स्थित लगभग दो दर्जन से अधिक ठेला व गुमटियों को हटाया गया। इस दौरान अधिकारियों ने दुकानदारों को दोबारा दुकान न रखने की नसीहत भी दी।अचानक हुई कार्रवाई से फुटपाथी दुकानदार सहम गई। ऐन त्योहार के समय ऐसी कार्रवाई से उनके आंखों से आंसू निकल आए। गरीब दुकानदार पूरे समय निगम के अफसरों के सामने मिन्नतें करते रहे, लेकिन किसी ने उनकी नहीं सुनी। इस दौरान कई दुकानदार अपनी दुकान को छोड़कर ही चले गए। लंबे समय बाद दुर्ग निगम के अधिकारियों का ऐसा चेहरा देखने को मिला है, इससे पहले ऐसी दादागिरी पिछले कई सालों में नहीं देखी गई। कब्जा हटाने की इस कार्रवाई को जाम से नागरिको को होने वाली परेशानी के कारण करना बताया गया। बता दें शहरों में ऐसे 50 से ज्यादा बड़े कब्जे हैं, जिसकी वजह से आधे शहर में ट्रैफिक जाम की समस्या है, लेकिन इन कब्जों को लेकर निगम ने कभी गंभीरता नहीं दिखाई है। इसमें सिंधी कॉलोनी सड़क, इंदिरा मार्केट मार्ग, रेलवे स्टेशन के आसपास का क्षेत्र,मालवीय नगर, बोरसी चौक, आदर्श नगर चौक, आजाद चौक कसारीडीह, जेल रोड से लेकर अन्य ऐसी जगह हैं, जहां सिर्फ कब्जा ही कब्जा है। इन कब्जों को हटाने के लिए न ही कभी जनप्रतिनिधियों ने आवाज बुलंद की, न ही निगम अफसरों ने स्वयं से पहल की, लेकिन गरीबों का कब्जा हटाने निगम अमला जरूर तत्पर नजर आया।