• August 7, 2024

शर्म तक बेच खाए जिम्मेदार, हाईकोर्ट के आदेश भी हर बार दरकिनार, अब भी सड़क पर मवेशी, दो दिन पहले 9 मवेशी को भारी वाहन ने कुचला

शर्म तक बेच खाए जिम्मेदार, हाईकोर्ट के आदेश भी हर बार दरकिनार, अब भी सड़क पर मवेशी, दो दिन पहले 9 मवेशी को भारी वाहन ने कुचला

ट्राईसिटी एक्सप्रेस। न्यूज
बारिश के दिनों में सड़क पर मवेशियों का आना बदस्तूर जारी है। प्रशासनिक महकमा इस मामले को लेकर हर बार सिर्फ खानापूर्ति कर अपनी रिपोर्ट भेजने में व्यस्त है। इन बेजुबान जानवरों को बचाने के लिए कहीं कोई सार्थक पहल नहीं हो रही। दो दिन पहले पुलगांव थाना अंतर्गत शिवनाथ नदी के नए पुल के उपर 9 मवेशियों के एक अज्ञात भारी वाहन रौंद गया। मौके पर ही इन मवेशियों की मौत हो गई। इतना ही नहीं दो अन्य मवेशी बुरी तरह घायल हो गए। इस घटना ने एक बार फिर से सड़कों पर मवेशियों के आने और प्रशासनिक कार्रवाई को लेकर चर्चा शुरू कर दी है। लोगों का मानना है कि प्रशासनिक अफसरों की शर्म पूरी तरह खत्म हो चुकी है। वे पूरी तरह से कमीशनखोरी में लिप्त हो चले हैं। कहीं कोई प्रयास मवेशियों को सड़क पर आने को रोकने को लेकर प्रयास नहीं हो रहे, जो हो रहे वे सिर्फ दिखावे तक ही सीमित हैं। निकायों और पंचायतों द्वारा सड़क पर बैठे मवेशियों को पकड़ा जाता है। उन्हें कांजी हाउस और गोठान पहुंचाया जाता है, जहां से छोड़ दिया जाता है। यह घटनाक्रम पिछले कई सालों से चल रहा है। इन मवेशी मालिकों पर ठोस कार्रवाई नहीं होने से घटना दिन ब दिन बढ़ती जा रही है। बता दें कि इन मामलों को लेकर रोकने के लिए हाईकोर्ट स्तर पर पिछले पांच साल में कई बार एडवाइजरी जारी हो चुकी है। आदेश के बाद शासकीय और प्रशासकीय स्तर पर लिखा-पढ़ी और बैठकें होती हैं। कुछ टोलफ्री नंबर जारी कर दिए जाते हैं। संबंधित क्षेत्र के अधिकारियों की जिम्मेदारी तय कर दी जाती है। इसके बाद इस पूरे मामले को भुला दिया जाता है। नेताओं और अफसरों को इन मवेशियों की मौत पर थोड़ी भी शर्म नहीं आ रही। इसके चलते लगातार घटनाएं हो रही हैं।
हाई कोर्ट लगातार जारी कर रहा एडवाइजरी, नहीं हो रही सुनवाई
सड़क में मवेशियों के मामले को लेकर हाई कोर्ट द्वारा लगातार एडवाइजरी जारी की जा रही है। घनी आबादी के बीच अब भी कई रसूखदारों की बड़ी- बड़ी डेयरियां चल रही हैं। इससे गंदगी और मच्छर पनपने की समस्या भी बढ़ गई है। दुर्ग और भिलाई हर में राजनीतिक संरक्षण के कारण खुलेआम घूमने वाले पालतू मवेशियों की समस्या अब भी जस की तस बनी हुई है। जबकि इस मामले को हाईकोर्ट ने संज्ञान लेते हुए कार्रवाई करने के निर्देश दिए थे। कोर्ट के हस्तक्षेप के बाद कुछ दिनों तक अभियान चलाकर मवेशियों को पकड़ा गया, लेकिन स्थिति फिर जस की तस हो गई। मामला ठंडा होते ही फिर सारे मवेशी सड़क पर आ गए हैं। इससे यातायात बाधित होने के अलावा दुर्घटना की आशंका भी फिर से बढ़ गई है। खास बात यह है कि नगर निगम अब भी शहर के अंदर चलने वाली डेयरियों पर लगाम लगाने में नाकाम रहा है। जानकारी के मुताबिक दुर्ग और भिलाई में डेढ़ सौ से ज्यादा खटालें शहर के बीचों बीच चल रहे हैं। ग्रामीण क्षेत्र में दूध दुहने के बाद मवेशियों को रात के समय सड़क पर छोड़ दिया जाता है। इसकी कहीं कोई देखरेख नहीं हो रही।
तीन-तीन जनहित याचिका भी लग चुकी
सड़क पर आवारा मवेशी से हो रही दुर्घटनाओं के खिलाफ हाईकोर्ट में अब तक 3 जनहित याचिकाएं दायर हो चुकी हैं। अब तक की सुनवाई में हाईकोर्ट ने 10 निर्देश दे चुका है। इसके पालन में प्रशासन ने कुछ दिन कार्रवाई की और फिर भूल गया। कोर्ट के आदेश के पालन में प्रशासनिक कार्रवाई का आलम यह है कि हर सड़क पर मवेशी को भटकने के लिए छोड़ा जा रहा है। सड़कों पर मवेशी मिल रहे हैं। जबकि हाईकोर्ट ने जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए 27 फरवरी 2020 को मवेशियों पर नियंत्रण के लिए आमजन से सुझाव मंगाया है। साथ ही राज्य शासन को दो सप्ताह में अखबार में सड़क से मवेशी को उठाया जाएगा और पकड़े गए मवेशियों को छुड़ाने पर जुर्माना लिया जाएगा प्रकाशित करने का आदेश दिया था। इसका पालन भी अब तक नहीं हुआ है। सरकार के दावों की हकीकत जानने दैनिक भास्कर ने शहर के 10 सड़कों का जायजा लिया। बाजार हो या हाईवे, पुराने मोहल्ले हों या कॉलोनी क्षेत्र, शहर में एक भी सड़क ऐसी नहीं थी, जहां मवेशी लोगों के लिए परेशानी की वजह बनकर नहीं बैठे हैं। कहीं चार तो कहीं दो। इसका कारण यह है कि नगर निगम केवल दिखावे की कार्रवाई कर रहा है। कभी पकड़ते भी हैं तो उन्हें छोड़ दिया जाता है। आलम यह है कि हाईकोर्ट में याचिका लंबित है और हाईकोर्ट के सामने ही मवेशी भटकते दिख रहे हैं। जबकि कोर्ट ने राज्य के सभी नगर निगमों, पालिकाओं और नगर पंचायतों को पक्षकार बनाकर जवाब मांगा था। न तो मवेशी के सींग में कलर, गले में पट्टा और कान में टैगिंग की गई । न ही गायों का रजिस्ट्रेशन हुआ। अधिवक्ता ने बताया कि मुख्य पक्षकारों के अलावा सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद बनी पशु कल्याण मंडल और गौ सेवा आयोग को भी पक्षकार बनाया गया है। अभी तक किसी ने भी जवाब सही से नहीं दिया है।

 

 

योगेश कुमार तिवारी, ट्राइसिटी एक्सप्रेस 9425564553, 6265741003,


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