• May 5, 2025

एक राष्ट्र एक चुनाव की वर्तमान अवधारणा अव्यावहारिक एवं राजनीतिक जुमला मात्र : आरएन वर्मा

एक राष्ट्र एक चुनाव की वर्तमान अवधारणा अव्यावहारिक एवं राजनीतिक जुमला मात्र : आरएन वर्मा

ट्राई सिटी एक्सप्रेस। न्यूज

जिला कांग्रेस कमेटी दुर्ग के पूर्व अध्यक्ष पूर्व महापौर आर एन वर्मा ने कहा है कि मोदी सरकार द्वारा कैबिनेट में पारित एक राष्ट्र एक चुनाव की अवधारणा एवं प्रचारित किए जाने वाली उद्देश्य के मूल में राष्ट्र की मूल समस्याओं एवं ज्वलंत मुद्दों के समाधान में विफलता से जनता का ध्यान भटकाने के लिए एक राष्ट्र एक चुनाव का शिगूफा छेड़ा गया है,जिससे देश को ना देश की जनता की कोई लाभ होने वाला है,देश में नोटबंदी के समय एवं महिला आरक्षण बिल का जैसा लाभ गिनाया गया था जो सिर्फ और सिर्फ जुमला साबित हुआ वैसे ही एक राष्ट्र एक चुनाव का मुद्दा केंद्र की भाजपा सरकार का एक राजनीतिक जुमला मात्र है। . आर एन वर्मा नेआगे कहा है कि केंद्र कीभाजपा सरकार द्वारा जो एक राष्ट्र एक चुनाव का विषय दिया गया है उसमें सिर्फ लोक सभा एवं राज्यों के विधान सभाओं के चुनाव को एक साथ करने को एक राष्ट्र एक चुनाव कहा गया है,जो गलत है,हमारे राष्ट्र में सिर्फ लोकसभा एवं विधानसभा का ही चुनाव मात्र नहीं होता बल्कि राष्ट्र के अंदर जितने भी राज्य हैं वहां कई कई स्तरों में नगरीय निकायों एवं पंचायतों का चुनाव इन्हीं चुनाव आयोग द्वारा कराया जाता है इन्हीं सुरक्षा बलों की ड्यूटी लगाया जाता है वहां भी अलग से आचार संहिता लगाया जाता है वहां भी प्रशासनिक अमला लगाया जाता है ,राष्ट्र के अंदर नगरीय निकायों एवं पंचायतों की संख्या लोकसभा एवं विधान सभाओं के निर्वाचन क्षेत्रों से कई गुना अधिक है ऐसे में इन चुनावों को अलग करना एक राष्ट्र एक चुनाव कैसे हुआ?यही नहीं हमारे राष्ट्र में इन्हीं प्रशासनिक अमला को राष्ट्र का राष्ट्रपति,उपराष्ट्रपति,राज्यसभा एवं विधान परिषदों का चुनाव देश के अंदर कराना होता है जिसमें भी मानव संसाधनों के अलावा अन्य सभी चुनावी संसाधन झोंकना पड़ता है , ऐसे में सरकार के द्वारा एक राष्ट्र एक चुनाव की जितना भी लाभ बताया जा रहा है सब गलत हो जाता है, आर एन वर्मा ने आगे कहा है कि क्या लोकसभा पांच साल के पूर्व विघटित होने की स्थिति में विधान सभाओं के कार्यकाल तक विघटित रहेगा,जैसा कि एक राष्ट एक चुनाव की अवधारणा में कहा जा रहा है,उसी प्रकार यदि किसी राज्य का विधान सभा कार्यकाल के पूर्व किन्ही कारणों से बीच में विघटित हो जाता है तब क्या विघटन के बाद तब तक चुनाव नहीं कराए जाएंगे जब तक लोकसभा का कार्यकाल पूरा नहीं हो जाता? आर एन वर्मा ने आगे कहा है कि केंद्र सरकार की एक राष्ट्र ए क चुनाव की विमुख अवधारणा एम पी एवं विधायकों को एक बार चुनाव जीतने बाद क्षेत्र की जनता एवं क्षेत्र के विकास से संबंधित सरोकार से विमुख रहने एवं पांच साल तक स्वच्छंद बनाने की प्रवृति को बढ़ावा देने वाली होगी,क्योंकि बीच बीच में अन्य चुनाव होने के कारण इन जनप्रतिनिधियों को क्षेत्र में जाना एवं जनता का काम कराना आवश्यक हो जाता है।आर एन वर्मा ने कहा है कि मोदी सरकार द्वारा एक राष्ट्र एक चुनाव का जो लाभ गिनाया जा रहा है वे सभी गलत है राष्ट्र को इससे कुछ भी लाभ नहीं होने वाला है,यह सिर्फ और सिर्फ राजनीतिक जुमलाबाजी है।


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