- November 24, 2022
सरकारी दफ्तर नहीं चुका रहे बिजली का बिल, केंद्र ने योजनाओं से मिलने वाले 9 हजार करोड़ रोके
दुर्ग सहित प्रदेश के सरकारी दफ्तरों द्वारा बकाया बिजली का बिल जमा नहीं किया जा रहा है। लगातार नोटिस जारी करने के बाद भी इसे गंभीरता से नहीं लिया जा रहा। इतना ही नहीं माननीय और वीआईपी लोगों द्वारा भी बकाया भुगतान नहीं किया जा रहा। उन्हें कई बार नोटिस भी जारी किया गया, खबर है कि 25 लाख से ज्यादा का भुगतान लंबित है। इसके चलते केंद्र सरकार ने बिजली कंपनी को लेकर प्रदेश में चलने वाली योजनाओं के 9 हजार करोड़ रुपए रोक दिए हैं। यह राशि मेंटेनेंस, लाइन लॉस और लो-वोल्टेज जैसी समस्याओं सहित अन्य लाइन विस्तार के लिए जारी की जानी थी।
12 करोड़ से ज्यादा का बकाया, जिसे जमा नहीं किया जा रहा
बिजली कंपनी के अधिकारियों को मुताबिक 1223 करोड़ रुपए के बिजली बिल बकाया हैं। इनमें ग्रामीण क्षेत्रों का ही बकाया 1 हजार करोड़ से ज्यादा है। यह रकम पिछले तीन साल की है और पेमेंट नहीं हो रहा है। इसके चलते प्रदेश के 30 लाख घरों में प्रीपेड मीटर, बिजली तारों के जाल को अंडरग्राउंड करने सहित अन्य कार्यों के लिए राशि जारी नहीं की जाएगी।
राजधानी में बिजली कंपनी के अपसरों की नहीं सुनी जा रही
राजधानी रायपुर में बिजली कंपनी के अधिकारियों की सुनवाई नहीं हो रही। यहां 25 लाख से अधिक का बिल ऊंचे औहदे पर बैठे अधिकारी, नेताओं व अन्य पर बकाया है। उनके द्वारा लगातार भुगतान नहीं किया जा रहा।
छत्तीसगढ़ शासन के बकाएदार सरकारी विभाग
निकाय- 537.18 करोड़
पंचायत – 509.11 करोड़
एजुकेशन – 50.34 करोड़
हेल्थ – 24.58 करोड़
पुलिस – 22.46 करोड़
हाउसिंग बोर्ड- 16.05 करोड़
सिंचाई विभाग – 11.10 करोड़
महिला एवं बाल विकास- 10.78 करोड़