- March 19, 2023
दुर्ग में आईएमए के राज्य स्तरीय सम्मेलन में जुटे प्रदेश व देश के विशेषज्ञ डॉक्टर्स
दुर्ग में आईएमए के राज्य स्तरीय सम्मेलन में जुटे प्रदेश व देश के विशेषज्ञ डॉक्टर्स
– आईएमए कानून विरोधी किसी भी लोगों का नहीं करती है समर्थन- राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. अग्रवाल
दुर्ग। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) की छत्तीसगढ़ शाखा का दो दिवसीय वार्षिक सम्मेलन शनिवार को होटल सागर इंटरनेशनल में शुरू हुआ। सम्मेलन में संस्था के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. शरद अग्रवाल मुख्य अतिथि थे। विशेष अतिथि के रूप में एम्स रायपुर के डायरेक्टर डॉ. नितिन नागरकर शामिल हुए। सम्मेलन में रायपुर के प्रसिद्ध शिशु रोग विशेषज्ञ एवं राष्ट्रीय न्यूरोलॉजी एसोसिएशन के पूर्व उपाध्यक्ष डॉक्टर अनूप वर्मा ने आईएम के छत्तीसगढ़ पदाधिकारियों को पद व गोपनीयता की शपथ दिलाई। आयोजन समिति के अध्यक्ष एवं छत्तीसगढ़ आईएमए के अध्यक्ष डॉ. शरद पाटणकर, चेयरमैन डॉ. अजय गोवर्धन, सचिव डॉ. कौशलेंद्र ठाकुर, साइंटिफिक कमेटी के चेयरमैन डॉ प्रभात पांडे, साइंटिफिक कमेटी को-चेयरमैन डॉ. रवि शुक्ला एवं अन्य पदाधिकारियों ने शपथ गहण की और आईएमए व समाज हित में बेहतर कार्य करने की अपनी प्रतिबद्धता दोहराई। सम्मेलन में विशेषज्ञ चिकित्सकों ने ईलाज की नई चिकित्सा तकनीक, नई बिमारियों, स्वास्थ्य और गरीब वर्ग को ईलाज से लाभांवित करने, नर्सिंग होम एक्ट, पीसीपीएनडीटी एक्ट के अलावा अन्य विषयों पर चर्चा की। इसके अलावा विशेषज्ञों द्वारा शोध पत्र, वैज्ञानिक संगोष्ठी, शिक्षा एवं अपने अनुभवों का अदान-प्रदान किया गया। सम्मेलन में शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. एपी सावंत, आईएमए के पूर्व अध्यक्ष डॉ. घनश्याम अग्रवाल, डॉ प्रशांत द्विवेदी, डॉ. हेमंत चटर्जी, डॉ. प्रभात श्रीवास्तव, डॉ. विनोद तिवारी, डॉ. अखिलेश वर्मा, डॉ. सुनील खेमका, डॉ अर्चना चौहान, डा. मनोज दानी के अलावा कोकिलाबेन मुंबई, अपोलो इंद्रप्रस्थ, दिल्ली एवं एचसीजी कैंसर हॉस्पिटल नागपुर के अलावा रायपुर, दुर्ग-भिलाई के विभिन्न अस्पतालों के विशेषज्ञ समेत बड़ी संख्या में चिकित्सक जुटे। सम्मेलन के उद्घाटन सत्र के बाद आईएमए के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. शरद अग्रवाल ने मीडिया से चर्चा की और आईएमए की गतिविधियों पर प्रकाश डाला। डॉ. अग्रवाल ने बताया कि आईएमए सेवाभावी संस्था हैं। देशभर में संस्था के 17 सौ ब्रांच है। संस्था के करीब 4 लाख चिकित्सक सदस्य हैं। संस्था द्वारा अपनी नैतिक जिम्मेदारी का निर्वहन करते हुए छत्तीसगढ़ में आओ गांव चले अभियान की जल्द ही शुरूवात करेगी। अभियान के तहत आईएमए की एक ब्रांच एक गांव को गोद लेगी। जहां लोगों को स्वास्थ्य सेवा व सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएगी। यह अभियान अन्य प्रदेशो में 2004 से शुरू की गई हैं।
नर्सिंग होम द्वारा नसिग होम एक्ट के उल्लंघन से जुड़े एक सवाल के जवाब में आईएमए के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. शरद अग्रवाल ने कहा कि नर्सिग एक्ट का उल्लंघन करना दुर्भाग्यजनक हैं। आईएमए कानून विरोधी किसी भी लोगों का समर्थन नहीं करती हंै। नर्सिंग होम एक्ट के तहत अस्पतालों में क्वालिटी कंट्रोल होना चाहिए, लेकिन 50 बिस्तर की क्षमता से छोटे नर्सिंग होम को इस एक्ट में छूट देना चाहिए। क्योंकि यह छोटे नर्सिंग होम गरीब वर्ग के लोगों को चिकित्सा सेवा व सुविधा उपलब्ध करवाते हैं। इन अस्पतालों के लिए एक्ट व्यवहारिक होना चाहिए, अन्यथा की स्थिति में इलाज महंगा होगा। जिसका गरीब वर्ग पर आर्थिक प्रभाव पडेगा।
डॉ. अग्रवाल ने कहा कि जेनरिक दवाई अच्छी है, लेकिन दवाई लिखने का अधिकार डॉक्टरों के पास सुरक्षित होना चाहिए। क्योंकि डॉक्टर मरीज के इलाज की स्थिति के अनुसार दवाई लिखता हैं। डॉक्टर पर जेनरिक दवाई लिखाने का दबाव होना न्याय संगत नहीं हैं। डॉ. अग्रवाल ने बताया कि आईएमए डॉक्टरों के लिए गाइड लाईन जारी करती है और मरीजों का बेहतर इलाज और सुविधा देने की सलाह देती हंै। चिकित्सा शुल्क के लिए आईएमए की कोई गाइडलाईन नहीं हैं। डॉक्टर इलाज की क्वालिटी के अनुसार मरीजों से शुल्क का निर्धारण करने के लिए स्वतंत्र हैं। उन्होंने बताया कि आईएमए डॉक्टरों को सलाह देती है कि वे जिस पद्धति के चिकित्सक के रूप में ट्रेनिंग लिए हुए है, उसी पद्धति के अनुसार मरीजों का इलाज करें। लेकिन सरकारी अस्पतालों में चिकित्सकों की कमी की वजह से यह व्यवस्था संभव नहीं हो पाता हैं। जो कई बार मरीजों के लिए नुकसानदायक भी साबित होता हैं। चिकित्सकों को अपनी पैथी को छोड़कर दूसरे पैथी से मरीजों का इलाज करने से बचना चाहिए।