- June 5, 2024
जनता का गजब बैलेंस : सत्ता भाजपा के जिम्मे, विपक्ष को भी मजबूत रखा, देखिए पूरी खबर…
ट्राईसिटी एक्सप्रेस। न्यूज
लोकसभा चुनाव 2024 के परिणाम 4 जून को सामने आ गए। इसके साथ ही एक बात पूरी तरह से स्पष्ट हो गई, कि जनता ही जनार्दन है और जनता को बेवकूफ समझने वाले सचेत हो जाएं। जनता ने इस बार के चुनाव में गजब का बैलेंस कर दिखाया है। जनता ने लोकसभा की 543 सीटों में एनडीए गठबंधन को 291 सीटें दी हैं। इसमें 240 भाजपा ने अपने बूते जीती हैं। बाकी की सीटें बिहार की जेडीयू, आंध्र प्रदेश की टीडीपी सहित अन्य सहयोगी दलों ने जीते हैं। इस प्रकार इन दलों 51 सीटें एनडीए की झोली में डाली है। इसके दम पर ही एनडीए सरकार बनाने जा रही है। वहीं कांग्रेस और उनके गठबंधन इंडिया ने 234 सीटें जीतकर सबको चौका दिया है। कांग्रेस ने इसमें 99 सीटों में सीधे मुकाबले में जीत हासिल की है। कांग्रेस को पिछले चुनाव से कहीं ज्यादा सीटें मिली है। उन्हें करीब 47 सीटों का फायदा हुआ है। इस बार इस बार के लोकसभा चुनाव में विपक्ष भी काफी मजबूत है। हालांकि कांग्रेस विपक्ष में बैठने के बजाए सत्ता में बैठने की तैयारी में है। इसके लिए जोड़-तोड़ की राजनीति शुरू हो गई है। बता दें कि पिछले 10 साल में पहली बार भाजपा अकेले दम पर बहुमत हासिल करने से चूक गई है। यूपी, पश्चिम बंगाल और महाराष्ट्र में मिली हार के चलते ऐसे हालात बने हैं। भाजपा पंजाब में खाता तक नहीं खोल पाई, यहां से भाजपा का कोई भी प्रत्याशी जीतने में सफल नहीं हुआ। वहीं एमपी की सभी 29 सीटों पर भाजपा ने जीत दर्ज की। छत्तीसगढ़ में 11 में से 10 सीटें जीतने में सफल रही। ओिड़शा में भी भाजपा ने अपना प्रदर्शन सुधारा। जहां 21 में से 20 सीटों में भाजपा ने जीत हासिल की। इसके बदौलत ही भाजपा अपनी साख बचाने में सफल रही। हालांकि भाजपा खुद के दम पर 272 सीटों के जादुई आंकड़ों को छूने से पीछे रह गई। अब भाजपा 16 सीटें जीतने वाले चंद्रबाबू नायडू की पार्टी टीडीपी और 12 सीटें लाने वाली नीतीश कुमार की जदयू किंगमेकर की भूमिका में आ गई हैं। इन सहयोगी दलों के सा थ भाजपा लगातार तीसरी बार मोदी के नेतृत्व में सरकार बनाने जा रही है। मोदी मंगलवार रात 8 बजे भाजपा मुख्यालय पहुंचे और कार्यकर्ताओं की हौसला अफजाई की।
भाजपा की उम्मीदों पर पानी फेरने वाला रिजल्ट, हिंदी बेल्ट में व205 सीटों में 127 सीटें जीतीं, 2019 में 194 जीते थे
लोकसभा चुनाव 2024 का रिजल्ट भाजपा के लिए काफी चौकाने वाला रहा। देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जहां संसद में अपकी बार 400 पार, भाजपा को 370 से ज्यादा सीटें मिलने का दावा किया था। उन्होंने यहां तक कहा था कि नई सरकार में कई बड़े और कड़े फैसले लिए जाएंगे। इन बातों को भाजपा के हर बड़े नेता ने दोहराया। इस प्रकार भाजपा की उम्मीदों को इस रिजल्ट ने पानी फेर दिया है। अब देखना है कि भाजपा किस तरह से आगे बढ़ती है।
देखिए बड़े प्रदेश में भाजपा और कांग्रेस का प्रदर्शन
– उत्तरप्रदेशः
80 में से 41 सीटें सपा और कांग्रेस ने जीतीं। 80 सीटों में 37 सपा, 33 भाजपा, 6 कांग्रेस, 2 रालोद, 1-1 अपना दल व आजाद समाज को मिली। बहुजन समाज पार्टी का सूपड़ा साफ हो गई। उनके एक भी उम्मीदवार चुनाव नहीं जीत सके। भाजपा की 29 सीटें घटीं, सपा की 32 बढ़ गई। भाजपा फैजाबाद (अयोध्या) सीट ही भाजपा हार गई। 54 हजार वोटों से भाजपा के प्रत्याशी को हार का सामना करना पड़ा।
राजस्थान : 25 सीटों में से भाजपा 14, कांग्रेस 8 और 1-1 रालोपा, बीएपी, माकपा ने। 2019 में भाजपा ने 24 जीती थीं। 1 सहयोगी की थी। कैसे हुआ? जातियों ने भाजपा का गणित बिगाड़ा। भाजपा का वोट शेयर 60% से घटकर 49% पर आ गया।
हरियाणाः 10 में भाजपा और कांग्रेस को 5-5 सीटें मिली। 2019 में भाजपा 10 जीती थी।
बिहारः कुल 40 सीटों में से 12 जदयू, 12 भाजपा, 5 लोजपा, 4 राजद, 3 कांग्रेस, 2 सीपीआई (एमएल), 1-1 हम व निर्दलीय को मिली। 2019 में भाजपा 17, जदयू 16, लोजपा 6 और एक कांग्रेस ने जीती थी।
नार्थईस्ट : यहां के 8 राज्यों की कुल 25 सीटों में से 13 भाजपा व 7 कांग्रेस जीती। मणिपुर में भाजपा दोनों सीटें हारी।
पश्चिटम बंगालः 42 सीटों में से 29 पर दीदी का दबदबा रहा। भाजपा 12 पर सिमदी। कांग्रेस को एक सीटा 2019 में भाजपा 18 व टीएमसी 22 जोती थी। कैसे हुआ? भाजपा का वोट शेयर करीब 2% घटा और तृणमूल का 2% बढ़ गया।
महाराष्ट्रः 48 सीटों में 10 भाजपा, 13 कांग्रेस, 9 शिवसेना (उद्धव), 7 शिवसेना (शिंदे), 7 एनसीपी (शरद), 1 एनसीपी (अजित) व एक निर्दलीय ने जीती। 2019 में 23 भाजपा, 18 शिवसेना और 4 एनसीपी की थी। सबसे बड़ा फायदा कांग्रेस को हुआ। महज 17% वोट लेकर कांग्रेस यहां सबसे ज्यादा सीटें जीत गई और सबसे बड़े वोट शेयर (26%) के बावजूद भाजपा 13 सीटें गंवाकर 10 पर आ गई।
दक्षिणः यहां की कुल 129 सीटों में भाजपा को 29, कांग्रेस को 40 सीटें। तमिलनाडु की 39 में से 22 द्रमुक ने, 9 कांग्रेस ने जीतीं। कर्नाटक की 28 में से 17 भाजपा, 9 कांग्रेस, 2 जेडीएस को। आंध्र की 25 में 16 टीडीपी, 4 वाईएसआर, भाजपा को 3 मिली। केरल में कांग्रेस को 14, भाजपा को 1। तेलंगाना में भाजपा, कांग्रेस को 8-8 सीटें जीतीं। केरल में चर्चित चेहरे सुरेश गोपी ने भाजपा का खाता खुलवाया। तेलंगाना में बीआरएस का वोट भाजपा को ट्रांसफर होने से उसकी सीटें 4 से घटकर 8 हो गईं।
इन दिग्गजों को चुनाव में मिली हार
दिग्गजों में भाजपा की स्मृति ईरानी अमेठी सीट से हार गई हैं। बता दें कि इसी सीट पर 2019 में उन्होंने राहुल गांधी को हराया था। इसके बाद वे चर्चा में आईं थीं। इस बार के चुनाव में कांग्रेस ने किशोरी लाल को मैदान में उतारा था। वे सोनिया गांधी के मैनेजर हैं। उन्होंने स्मृति ईरानी को 1.67 लाख वोटों से ज्यादा के अंतर से हराया। इसके अलावा बंगाल से कांग्रेस के अधीर रंजन चौधरी चुनाव हार गए। उन्हें क्रिकेट से राजनीति में आए युसूफ पठान ने 85 हजार से ज्यादा वोटों से हराया। छत्तीसगढ़ में कांग्रेस एक मात्र सीट जीतने में सफल रही। वहां भाजपा की दिग्गज नेत्री सरोज पांडेय को ज्योत्सना महंत ने 43 हजार से ज्यादा वोटों के अंतर से हराया। इसी दिल्ली की नार्थ ईस्ट सीट से कांग्रेस के कन्हैया कुमार चुनाव हार गए हैं। उन्हें भोजपुरी अभिनेता और भाजपा प्रत्याशी मनोज तिवारी ने 1.38 लाख वोटों के अंतर से हराया। 9 बार की सांसद मेनका गांधी भी चुनाव हार गई हैं। उन्हें सपा के रामभुवल निषाद ने करीब 4.44 लाख वोटों के अंतर से हराया। इसी प्रकार छत्तीसगढ़ की राजनांदगांव सीट से पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस प्रत्याशी भूपेश बघेल हार गए। उन्हें भाजपा के संतोष पांडेय ने 44 हजार से ज्यादा वोटों के अंतर से हराया।