• June 24, 2024

 डॉ. अर्चना पाण्डेय ने बिलासपुर छत्तीसगढ़ का मान बढ़या गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड से सम्मानित हुईं 

 डॉ. अर्चना पाण्डेय ने बिलासपुर छत्तीसगढ़ का मान बढ़या गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड से सम्मानित हुईं 

ट्राई सिटी एक्सप्रेस। न्यूज

रायपुर भारत सदैव आदिकाल से ज्ञान और विज्ञान को साथ में लेकर चला है जो एक दूसरे के पूरक हैं । इसी श्रृंखला में हमारे भारत के वैज्ञानिकों ने चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव में पहुंचाने वाले ‘चंद्रयान’ विश्व के प्रथम इतिहास रचने वाले बन चुके हैं । इसके लिए इसरो के वैज्ञानिकों को हार्दिक शुभकामनाएंँ । जब चंद्रयान चंद्रमा पर उतरा तब हमारे छत्तीसगढ़ के धरती से डॉक्टर आशा ‘आजाद’ एवं उर्मिला ‘उर्मी’ ने एक संकल्प उठाया कि हम समस्त साहित्यकारों की ओर से ‘चंद्रयान तीन विश्व कृतिमान’ के ऊपर में एक ऐतिहासिक कविता कलम के माध्यम से लिखेंगे जो दिनांक 23 जून 2024 को रायपुर के वृंदावन सभागार कक्ष में छत्तीसगढ़ स्वाभिमान संस्थान के तत्वाधान में सम्मान समारोह एवं पुस्तक का विमोचन किया गया । इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में बृजमोहन अग्रवाल (संसदीय संस्कृति एवं शिक्षा मंत्री), अति विशिष्ट अतिथि राजेश्री महंत रामसुंदर दास (पीठाधीश्वर दूधाधारी एवं शिवरीनारायण मंदिर), विशिष्ट अतिथि डॉ सुशील त्रिवेदी (पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त छत्तीसगढ़ शासन), उदयभान सिंह चौहान, सोनम शर्मा (गोल्डन बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकॉर्ड छत्तीसगढ़ प्रभारी), शकुंतला तरार , स्नेह लता पाठक, रामेश्वर वर्मा, संपादक आशा ‘आजाद’ एवं उर्मिला ‘उर्मी’ आदि की मंच पर उपस्थिति रही

हमारे संवाददाता के अनुसार डॉ. अर्चना पाण्डेय ने काव्य लेखक एवं साहित्यकार के रूप में योगदान दे रही हैं, जो तुलसी साहित्य अकादमी, छत्तीसगढ़ प्रांतीय इकाई, बिलासपुर की प्रवक्ता है, जिन्हें पूर्व में भी विभिन्न साहित्यिक सम्मानों से सम्मानित किया गया है , इस बार दिनांक 23 जून 2024 को गोल्डन बुक आफ वर्ल्ड रिकॉर्ड जैसे राष्ट्रीय सम्मान से सम्मानित किया गया है।
चंद्रयान तीन विश्व कीर्तिमान पुस्तक को संस्कृति विभाग छत्तीसगढ़ शासन द्वारा, छत्तीसगढ़ स्वाभिमान संस्थान द्वारा, वैदिक प्रकाशन द्वारा एवं गोल्डन बुक आफ वर्ल्ड रिकॉर्ड के द्वारा सभी 123 साहित्यकारों को सम्मानित किया गया है। इसी श्रृंखला में डॉ. अर्चना पाण्डेय भिलाई, दुर्ग, छत्तीसगढ़ जो की वर्तमान में तुलसी साहित्य अकादमी, छत्तीसगढ़ प्रांतीय इकाई, बिलासपुर की प्रवक्ता हैं। जिन्हें गोल्डन बूक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में नाम शामिल हो चुका है एवं साहित्य के प्रति आत्मिक लगाव के कारण विभिन्न राष्ट्रीय स्तर के साहित्यिक मंचों पर अपनी योगदान और छाप छोड़ रही हैं। डॉ. अर्चना पाण्डेय ने बताया कि चंद्रयान तीन विश्व किर्तिमान की परिकल्पना को साकार मूर्त करने के लिए देश एवं विदेश के 123 साहित्यकारों ने अपनी कलम के माध्यम से इस पुस्तक में अपनी अभिव्यक्ति को उकेरा है जो देश के समस्त वैज्ञानिकों को समर्पित है। इसके लिए संपादक मंडल को हार्दिक बधाई। डॉ . अर्चना पाण्डेय ने संवाददाता को बताया कि यह उपलब्धि संपूर्ण देश को समर्पित है और छत्तीसगढ़ के लिए यह गौरव की बात है की गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में संभवतः ऐसा पहली बार हुआ है कि हमारे छत्तीसगढ़ के साहित्यकारों में मुझे सम्मानित किया गया है। छत्तीसगढ़ की संपादक व्यक्ति ने इसका प्रतिनिधित्व किया है इसका श्रेय पूरे छत्तीसगढ़ को जाता है। इस उपलब्धि पर तुलसी साहित्य अकादमी के सभी वरिष्ठ पद अधिकारियों में हर्ष व्याप्त है और बधाईयों का सिलसिला जारी है। सभी साहित्यिक मंचों, सामाजिक बंधुओं, मित्रगण एवं पारिवारिक जनों में खुशियों का माहौल देखा जा सकता है।


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