- September 5, 2024
भूपेश बघेल के डीपीएस रिसाली स्कूल मामले को उठाए जाने के बाद अपरा दर्ज, 5 साल की बच्ची से स्कूल में छेड़छाड़ का आरोप
ट्राईसिटी एक्सप्रेस। न्यूज
डीपीएस रिसाली में 5 साल की बच्ची से छेड़छाड़ के मामले में अंतत: पुलिस ने अपराध दर्ज कर लिया है। दो महीने से इस मामले में सियासी खींचतान चल रही थी। पुलिस की कार्यप्रणाली पहले दिन से ही इस मामले में सवालों के घेरे में रही। यहां तक पुलिस अधीक्षक जितेंद्र शुक्ला के दिए गए बयान के बाद से इस मामले में राजनीतिक घमासान और तेज हो गया। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने अलग-अलग मंचों में इस मामले को उठाया। यहां तक उनके काफिले में जब बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने हंगामा और गाली गलौच किया, तो उन्होंने पुलिस अधीक्षक जितेंद्र शुक्ला को गुंडा तक कह दिया। अंतत: घटना के दो महीने बाद पुलिस ने अपराध दर्ज कर लिया है। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने एक दिन पहले अपने दुर्ग दौरे के दौरान अपराध दर्ज होने की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि पुलिस का असली चेहरा अब सामने आ रहा है। इस मामले में पुलिस अधीक्षक को हटाए जाने और निष्पक्ष जांच कराए जाने की मांग उन्होंने मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय से की है।
बता दें कि 5 वर्षीय छात्रा से लैंगिक छेड़छाड़ के मामले में विवाद शुरू हो गया था। प्रकरण दो महीने बाद स्वतः संज्ञान लेते हुए महिला थाना पुलिस ने पाक्सो एक्ट की धारा 8 के तहत अब अपराध पंजीबद्ध किया है। इस बीच मामले की जानकारी होने पर परिजनों ने जांच अधिकारियों से विरोध दर्ज कराया है। मामले के तूल पकड़ने पर दुर्ग आईजी राजगोपाल गर्ग ने एफआईआर की जांच के लिए टीम गठित कर दी है। मामले के लगातार हो रहे राजनीतिकरण की वजह से परिजनों ने बच्ची का स्कूल बदलने के लिए टीसी की मांग की। इसके लिए दिए आवेदन में एब्यूज शब्द का प्रयोग किया था। इसके बाद सोमवार को महिला थाने में एफआईआर दर्ज कर ली गई। जबकि इससे पहले तक पुलिस भी मामले में खुद की जांच और परिजनों का हवाला देकर किसी भी तरह की कोई घटना नहीं होने का दावा कर रही थी। इसके अलावा मामले में किसके आदेश पर अपराध दर्ज किया है। इसकी भी जिम्मेदारी लेने को कोई तैयार नहीं है। चर्चाओं के मुताबिक जब छात्रा के परिजनों को महिला थाने बयान दर्ज कराने के बुलाया गया तो वे जांच कर्मियों पर लिए कई बार परिजनों ने अपने बयान में बच्ची के साथ किसी भी प्रकार की अप्रिय घटना मार्ग का होने से इंकार दिया है। मामला पुलिस यातायात, महानिरीक्षक राम गोपाल गर्ग तक पहुंच गया। इस पर उन्होंने बालौद और बेमेतरा जिले के एसएसपी, डीएसपी और इंस्पेक्टर रैंक के अफसरों को जांच का जिम्मा सौंपा है।