- October 14, 2024
आखिर कहां है महादेव सट्टा एप का मास्टर माइंड सौरभ चंद्राकर, महीनेभर पहले दुबई से गिरफ्तारी का दावा, लेकिन अब तक नहीं पहुंचा छत्तीसगढ़
ट्राई सिटी एक्सप्रेस। न्यूज
मनी लांड्रिंग और महादेव सट्टा के मास्टर माइंड सौरभ चंद्राकर की दुबई में गिरफ्तार पर संशय होने लगा है। अब तक उसकी कहीं कोई खोज खबर नहीं है। बड़े अखबारों में खबर फ्रंट पेज से गायब हो चुकी है। पुलिस भी इस पूरे मामले में अपडेट नहीं बता पा रही है। पुलिस के अफसरों का साफ कहना है कि बड़े अधिकारी ही इस मामले में बताएंगे। क्योंकि मामला काफी संवेदनशील है। बता दें कि सट्टे के इस मामले में भिलाई के कई राजनीतिक व्यक्तियों के नाम भी सामने आ चुके हैं, लेकिन यह सब सूत्रों के हवाले से ही हवा में तैरते रहे हैं। सौरभ के भिलाई लाए जाने के बाद इन नेताओं की मुश्किल बढ़ सकती है। पुलिस और मीडिया हाउस के कुछ लोगों के नाम सामने आ चुके हैं। उनके खिलाफ एफआईआर हो चुकी है। कुछ से पूछताछ भी हुई है। इस प्रकार अब भी कई नाम परदे के पीछे हैं, जिन्हे सामने लाना बाकी है। बहरहाल सौरभ को भिलाई लाने वाली टीम का जिम्मा पुलिस महानिरीक्षक राम गोपाल गर्ग उठा रहे हैं। फिलहाल सौरभ कहां है, किस हालत में है। कब तक छत्तीसगढ़ लाया जाएगा, ऐसी कोई भी जानकारी उपलब्ध नहीं कराया जा रहा है। पूरी जानकारी गुप्त रखी जा रही है। रवि उप्पल के मामले में भी ऐसा ही हुआ। पहले गिरफ्तारी की खबरें आईं, फिर अचानक वह पिक्चर से गायब हो गया। इस पूरे घटनाक्रम को संदिग्ध माना जा रहा है।
सौरभ के खिलाफ 31 मार्च 2022 को दुर्ग में पहली एफआईआर हुई थी, करीब ढाई साल से वह फरार चल रहा था। उस पर 2200 करोड़ की मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप है। वह महादेव सट्टा एप का मास्टर माइंड बताया गया है। ऑनलाइन सट्टेबाजी एप महादेव बुक का प्रमोटर और मोस्ट वांटेड सौरभ चंद्राकर को इंटरपोल की मदद से दुबई में गिरफ्तार किया गया था। आरोपी ने सट्टे का 22 सौ करोड़ से ज्यादा की मनी लांड्रिंग-हवाला किया है। छत्तीसगढ़ में केस दर्ज होने के बाद से सौरभ दुबई भाग गया था और वहां नाम-पहचान बदलकर रह रहा था। पुख्ता सूचना के बाद छापा मारकर इंटरपोल की से उसे पकड़ा गया। सौरभ के पकड़े जाने की सूचना दुबई दूतावास से भारत सरकार को दे दी गई है। इसके साथ ही सीबीआई ने सौरभ को भारत लाने की तैयारी शुरू कर दी थी। सट्टे पर बैन के बाद ऑनलाइन गेमिंग शुरू किया, इसके बाद करोड़ों कमाए।
केंद्र और राज्य सरकार द्वारा सट्टे पर बैन लगाने के बाद इसे ऑनलाइन गेमिंग के तौर शुरू किया गया है। इसमें लाइव क्रिकेट और फुटबॉल के अलावा ताश-पत्ती व लूडो पर दांव लिया जाता है। इंटरनेट पर महादेव सट्टा एप सर्च करने पर कुछ मोबाइल नंबर डिस्प्ले होते हैं। उन नंबरों पर कॉल करने पर रजिस्ट्रेशन का मैसेज आने के साथ कुछ रुपए यानी 100 से 500 तक जमा करने को कहा जाता है। ऐसा करने के बाद फिर वाट्सएप नंबर मोबाइल पर मैसेज के माध्यम से पहुंचता है। उन नंबरों पर अपनी पसंद के गेम पर दांव लगाए जा सकते हैं। मैसेज में खाता नंबर देकर प्रोटेक्शन मनी के तौर पर कुछ रुपए जमा करने को भी कहा जाता है। सिक्योरिटी मनी जमा करने वालों का ही दांव महादेव सट्टा एप स्वीकार करता है। दांव लगने पर सटोरिये के खाते में पैसे ऑनलाइन ट्रांसफर किए जाते हैं।
ईडी ने चार माह पहले 2 हजार से ज्यादा पन्नों के दस्तावेज को अरबी भाषा में ट्रांसलेट कराया। उसके बाद सीबीआई के माध्यम से दुबई भेजा गया। प्रत्यर्पण के लिए वहां की कोर्ट में दस्तावेज जमा किया गया है। इसके बाद दुबई पुलिस ने सौरभ को पकड़ लिया। सीबीआई की एक कार्पोरेशन शाखा हैं, जो इंटरपोल संबंधित मामले देखते हैं। उनके माध्यम से सौरभ को करीब 25 दिन के भीतर भारत लाया जाएगा। फिर ईडी सौरभ को गिरफ्तार करेगी और रायपुर लेकर आएगी। यहां उसे विशेष अदालत ईडी में पेश किया गया। सौरभ से पूछताछ के लिए ईडी को अदालत में अर्जी देकर रिमांड लेना होगा। सौरभ न्यायिक रिमांड पर रायपुर केंद्रीय जेल में रहेगा। इस प्रक्रिया में 25-30 दिन से ज्यादा समय लगेगा।
प्रदेश में 70 से ज्यादा मामलों में 300 गिरफ्तार हो चुके हैं। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के अधिकारियों ने सीबीआई को सौरभ के प्रत्यर्पण संबंधित दस्तावेज भेज दिया है। 25 दिन के भीतर सौरभ को रायपुर लाया जा सकता है। जानकारी के अनुसार रायपुर लाने के बाद ईडी की विशेष अदालत में पेश किया जाएगा। ईडी उसे पूछताछ के लिए रिमांड पर ले सकती। अभी उसके सबसे करीबी प्रमोटर रवि उप्पल, शुभम सोनी, अतुल अग्रवाल सहित कुछ साथी फरार हैं। महादेव सट्टा मामले में छत्तीसगढ़ में 70 से ज्यादा मामला दर्ज हैं। इसमें 300 से ज्यादा आरोपियों की गिरफ्तारी हुई है और 3 हजार से ज्यादा खाते मिले हैं, जिसे ब्लॉक कराया जा रहा है। इन खातों में करोड़ों रुपए का ट्रांजेक्शन हुआ है। छत्तीसगढ़ में पहला एफआईआर 31 मार्च 2022 को मोहन नगर थाना में किया था। इसमें पहली गिरफ्तारी दुर्ग के आलोक सिंह, खड्ग सिंह और राम प्रवेश साहू की हुई थी। तीनों से पूछताछ और मोबाइल की जांच के दौरान
महादेव सट्टा बुक का खुलासा हुआ। उसके बाद सुपेल, फिर जुलाई में रायपुर के तेलीबांधा में केस दर्ज किया गया। इसमें 70 से ज्यादा लोगों की गिरफ्तारी हुई। पुलिस की पड़ताल में खुलासा हुआ है कि भिलाई में जूस सेंटर चलाने वाला सौरभ चंद्राकर महादेव सट्टा का किंग है। वह अपने दोस्त रवि उप्पल, कारोबारी अनिल अग्रवाल के साथ मिलकर दुबई से ऑनलाइन सट्टा चला रहा है। इसमें कई सराफा, सरिया, कपड़ा कारोबारियों का पैसा लगा है।
इनकी पहले हो चुकी है गिरफ्तारी
ईडी ने भिलाई निवासी सौरभ चंद्राकर, रवि उप्पल, शुभम सोनी, अनिल अग्रवाल उर्फ अतुल, एएसआई चंद्रभूषण वर्मा समेत 12 से ज्यादा लोगों पर मनी लॉन्ड्रिंग और हवाला का केस दर्ज किया है।
ईडी के अनुसार सट्टे का करीब 2200 करोड़ से ज्यादा हवाला के माध्यम से विदेश भेजा गया है। इसमें राज्य के राजनीतिक और ब्यूरोक्रेट्स के कनेक्शन का भी क्लू है। इन्हें ऑनलाइन सट्टा न चलाने के ने के लिए प्रोटेक्शन मनी दी जा रही थी। इस मामले की ईडी 16 माह से जांच कर रही है। राज्य सरकार ने इस मामले को सीबीआई जांच की अनुशंसा की है। सीबीआई जल्द इस केस की जांच शुरू कर सकती है। महादेव सट्टा में अब तक गिरफ्तार आरोपी महादेव सट्टा में ईडी और एसीबी-ईओडब्ल्यू ने एएसआई चंद्रभूषण वर्मा, सतीश चंद्राकर, सुनील दम्मानी, अनिल दम्मानी, सिपाही भीम सिंह यादव, सहदेव यादव, अर्जुन यादव, कारोबारी अमित अग्रवाल, नीतिश दीवान, किशनलाल वर्मा, राहुल वटके और रितेश यादव समेत 18 से ज्यादा लोगों को गिरफ्तार किया गया है। सभी रायपुर जेल में बंद हैं। आरोपी विदेश में हवाला के माध्यम से पैसों भेजते थे और पैनल भी चला रहे थे।
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