- November 20, 2024
14 तरह के साइबर फ्रॉड, जिसके जरिए आपके पैसों की हो सकती है चोरी, बचाव के लिए जरूर पढ़ें ये खबर …
ट्राईसिटी एक्सप्रेस। न्यूज
रायपुर
साइबर फ्रॉड आज आम बात हो गई है। पुलिस और इन्वेस्टिगेशन सिस्टम चाह कर भी कई मामलों में इन फ्रॉड करने वालों तक नहीं पहुंच पा रही है। ऐसे में इनसे बचाव के लिए हमें ज्यादा अवेयर रहने की जरुरत है। ट्राईसिटी की पड़ताल में यह खुलासा हुआ है कि 14 प्रकार से साइबर फ्रॉड हो सकते हैं। इसे लेकर यदि हम अवेयर रहे, तो हमारे साथ इस तरह की धोखाधड़ी नहीं हो पाएगी, हम इससे बच सकेंगे। इसके लिए हमें इन बातों का विशेष ध्यान देना है। मोबाइल में किसी भी मैसेज, ऑनलाइन इवेंट के उपयोग में सावधानी बरतनी है। आइए जानते हैं उन 14 तरीकों को जिनके जरिए ज्यादा फ्रॉड हो रहे हैं…
1. जॉब स्कैमः यह स्कैम इस साल देश में सबसे ज्यादा देखने को मिला। इसमें स्कैमर फर्जी नौकरियों की भर्ती के मैसेज भेजते हैं। लोग लिंक्स पर क्लिक कर आवेदन कर देते हैं। इसके बाद ठग फीस के तौर पर पैसे ऐंठ लेते हैं। जब तक मोबाइल धारक को समझ आता है, तब तक उनके साथ धोखाधड़ी हो चुकी होती है। इसलिए कई बार सुनिश्चित होने के बाद ही आवेदन फार्म या अन्य जानकारियां आनलाइन भरना शुरू करें।
2. फिशिंग स्कैमः इसमें ठग नामचीन कंपनियों व सरकारी विभागों के नाम व लोगो का इस्तेमाल कर मैसेज भेजते हैं। जैसे केवाईसी करें वर्ना अकाउंट बंद हो जाएगा। फर्जी लिंक पर जानकारी देते ही जालसाज लोगों के बैंक खाते खाली कर देते हैं।
3. लकी ड्रॉ स्कैमः इसमें स्कैमर लॉटरी या लकी ड्रॉ प्राइज विनर का मैसेज भेजते हैं। इसमें प्राइज मनी का लालच होता है। लोगों से उस राशि को हासिल करने के लिए स्कैमर राशि का 5 से 10 फीसदी टैक्स के रूप में देने के लिए कहते हैं।
4. इमोशनल मैनिपुलेशन स्कैमः स्कैमर इसमें डेटिंग एप या सोशल मीडिया पर फेक प्रोफाइल बनाते हैं। इमोशनल संबंध बनाने के बाद स्कैमर आपात स्थिति बताता है, जैसे मेडिकल इमरजेंसी। इसमें झांसा देकर ठगी की जाती है।
5. टेक सपोर्ट स्कैमः स्कैमर टेक्निकल सपोर्ट देने वाली फर्जी वेबसाइट के जरिए ठगी करते हैं। इन वेबसाइट पर क्लिक करने के बाद स्कैमर कॉल कर झांसा देते हैं कि उनके सिस्टम में वायरस है। वे लोगों को लिंक पर क्लिक करवाकर, सिस्टम तक पहुंच प्राप्त करके और जानकारी एकत्र करके धोखा देते हैं।
6. फेक चैरिटी अपील स्कैमः स्कैमर प्राकृतिक आपदा के नाम पर ठगी करते हैं। इसमें लोगों से मदद के लिए दान देने की अपील की जाती है। स्कैमर लोगों की सहानुभूति का फायदा उठाकर क्राउड फंडिंग कर पैसे ठग लेते हैं। इसमें गरीब के इलाज में मदद के नाम पर भी ठगी की जाती है।
7. डिजिटल अरेस्टः स्कैमर पुलिस या कस्टम अधिकारी बनकर फोन करते हैं। वे लोगों को मनी लॉन्ड्रिंग या ड्रग्स कंसाइनमेंट जैसे आरोप में शामिल होने का दावा करते हैं। जिसके बाद लोग डरकर स्कैमर को पैसे भेज देते हैं।
8. इन्वेस्टमेंट स्कैमः इसमें स्कैमर सोशल मीडिया का इस्तेमाल कर पोंजी स्कीम में इन्वेस्ट करने पर बड़े रिटर्न देने का झांसा देते हैं। झांसे में आकर लोग इन्वेस्टमेंट कर देते हैं। कुछ समय तक ब्याज मिलता है, उसके बाद कंपनी बंद कर ठग संपर्क खत्म कर देते हैं।
9. गलती से पैसे भेजने का स्कैमः ऐसे मामलों में स्कैमर लोगों के पास रुपए प्राप्त होने का फर्जी मैसेज भेजते हैं। फिर कुछ देर बाद आपात स्थिति का हवाला देते हुए उस पैसे को मांगते हैं। छानबीन किए बिना पैसे भेजने के चलते लोग ठगी का शिकार हो जाते हैं।
10. पार्सल स्कैमः स्कैमर लोगों को कॉल कर झांसा देते हैं कि ड्रग्स पाए जाने से उनका पार्सल जांच एजेंसी ने जब्त कर लिया है। इस मामले में उन्हें जुर्माना भरना पड़ेगा। लोग डरकर स्कैमर को पैसे भेज देते हैं।
11. लोन व कार्ड स्कैमः स्कैमर ने वेबसाइट और सोशल मीडिया पर कम दस्तावेजों में पर्सनल लोन व क्रेडिट कार्ड बनाने का दावा करते हैं। संपर्क करने पर स्कैमर काम करवाने के लिए फीस देने को कहते हैं। जैसे ही रकम जमा होती है स्कैमर संपर्क खत्म कर देते हैं।
12. सोशल मीडिया बदनामीः स्कैमर किसी लड़की की मदद से लोगों को शिकार बनाते हैं। इसमें लोगों की आपत्तिजनक वीडियो कॉल की रिकार्डिंग कर ली जाती है। बाद में बदनामी की धमकी देकर रिकार्डिंग के सहारे स्कैमर उन्हें निशाना बनाकर ठगी करते हैं।
13. कैश ऑन डिलिवरी स्कैमः स्कैमर असली शापिंग एप जैसी मिलती-जुलती फर्जी वेबसाइट बनाते हैं। यहां से खरीदारी करने पर लोगों के पास फर्जी या गलत प्रोडक्ट पहुंचता है। जैसे मोबाइल खरीदने पर पत्थर।
14. फोन स्कैमः यह स्कैम अक्सर सब्सिडी जैसे मामलों में शामिल होता है। स्कैमर केवाईसी के नाम पर सरकारी अधिकारी बनकर कॉल ब करते हैं और दस्तावेज जमा करने को कहते हैं। जानकारी हासिल करते ही स्कैमर अपने शिकार का बैंक खाता खाली कर देते हैं।