- December 19, 2022
आरक्षण विवाद में अब अनुसूचित जाति मोर्चे पर, राज्यपाल को ज्ञापन सौंपा
ट्राई सिटी एक्सप्रेस। न्यूज
छत्तीसगढ़ में आरक्षण विवाद ने नया मोड़ ले लिया है। अब अनुसूचित जाति वर्ग चाहता है कि उसे दिए जा रहे आरक्षण में संशोधन किया जाए। इस मामले में मौजूदा और पूर्व सांसद-विधायकों ने राजभवन जाकर राज्यपाल से मुलाकात की है। अनुसूचित जाति समुदाय का 30 सदस्यों का डेलिगेशन राज्यपाल अनुसुइया उइके से मिला। इसमें 2 मौजूदा विधायक, 1 सांसद 12 पूर्व विधायक, 2 पूर्व सांसद, भाजपा अनुसूचित जाति मोर्चा के पदाधिकारी, सतनामी समाज के गुुरु, महार समाज, गाड़ा समाज, खटिक समाज, मोची, सारथी, सूर्यवंशी समाज के लोग शामिल थे। भाजपा अनुसूचित जाति मोर्चा ने राज्यपाल को पत्र सौंपते हुए विधानसभा का विशेष सत्र बुलाए जाने की मांग है। पत्र में लिखा गया है कि 2 दिसंबर को विधानसभा का विशेष सत्र बुलाकर आरक्षण संशोधन बिल पारित किया गया है, जिसमें अनुसूचित जाति वर्ग को 13 प्रतिशत के आरक्षण का ही प्रावधान किया गया है, जो कि इस वर्ग के साथ छल है। इसलिए अनुसूचित जाति वर्ग के आरक्षण पर सहानुभूति पूर्वक विचार करते हुए विधानसभा का विशेष सत्र बुलाकर 13 प्रतिशत आरक्षण को बढ़ाकर 16 प्रतिशित सुनिश्चित करें। इधर ओबीसी महासभा ने भी राज्यपाल से मुलाकात कर आबादी के अनुपात में 42 प्रतिशत आरक्षण देने की मांग की है।
यहां बता दें कि आनन-फानन में राज्य सरकार ने 76 प्रतिशत आरक्षण बढ़ाने के लिए विधानसभा में विधेयक पारित कर दिया है। सरकार ने आदिवासी आरक्षण 20 से 32 प्रतिशत कर दिया है और ओबीसी का 14 से 27 प्रतिशत कर दिया है. जनरल का 4 प्रतिशत और एससी का 16 से घटाकर 13 प्रतिशत कर दिया गया है। विधेयक पारित हो चुका है, लेकिन राज्यपाल के हस्ताक्षर नहीं होने से मामला अब तक अटका हुआ है। इधर आरक्षण को लेकर ही एक याचिका सुप्रीम कोर्ट में लगाई गई है जिस पर भी जल्द सुनवाई होनी है।